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    नेपाल में Whatsapp समेत 26 एप पर प्रतिबंध के खिलाफ बंद, सीमावर्ती भारतीय राज्य के लोगों को भी हो रही परेशानी

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 12:55 PM (IST)

    Madhubani News नेपाल सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए वाट्सएप फेसबुक समेत 26 एप पर बैन लगा दिया है। यह कार्रवाई सरकार के आदेश के बाद भी इन एप द्वारा पंजीकरण नहीं कराने की वजह से किया गया है। इसकी वजह से स्थानीय लोगों को परेशानी हो रही है। उन्हें बातचीत करने के लिए अब अधिक भुगतान करने पड़ रहे हैं। खासकर जिनके संबंध भारत में हैं।

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    माइतीघर मंडला काठमांडू में सरकार की नीति के विरोध में प्रदर्शन करते युवा। सौ. इंटरनेट मीडिया

     जागरण संवाददाता, जयनगर (मधुबनी)। Madhubani News: नेपाल सरकार द्वारा वाट्सएप, फेसबुक समेत 26 एप पर प्रतिबंध लगने से युवाओं में आक्रोश है। उन्हें विशेष परेशानी हो रही है। बात करने के साथ-साथ अन्य गतिविधियां बंद हो गई हैं।

    सुबह से ही जगह-जगह प्रदर्शन

    पूरी तरह से गैर राजनीतिक आंदोलन में युवाओं ने इसके सोमवार की सुबह से जगह-जगह प्रदर्शन शुरू कर दिया है। वे सामाजिक संचार बंद करने के सरकार के निर्णय को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन में छात्र, युवा एवं समाजिक कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं।

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    मोबाइल से बात करना महंगा

    इस प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे लोगों का कहना है कि उनके संबंध भारत में भी हैं। इन सोशल मीडिया के माध्यम से बात करना सस्ता था। अभी वर्तमान में भारत से नेपाल मोबाइल से बात करने के लिए एक मिनट में 12 रुपये (भारतीय रुपये व नेपाल से भारत बात करने पर 7 रुपये (नेपाली रुपये भारतीय करीब साढ़े चार रुपये) लगता है।

    चार सितंबर से प्रतिबंध

    नेपाल की सरकार ने 4 सितंबर 2025 की मध्यरात्रि के बाद से ही इन 26 सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इसके साथ ही लोगों की परेशानी बढ़ी है।

    क्यों लगा प्रतिबंध

    नेपाल सरकार की ओर से कहा गया है कि जिन सोशल मीडिया प्लेटफार्म ने पंजीकरण नहीं कराया है उन्हें फिलहाल प्रतिबंधित कर दिया गया है। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश और डायरेक्टिव्स फॉर मैनेजिंग द यूज ऑफ सोशल नेटवर्क्स, 2023 के तहत यह फैसला लिया गया है।

    कौन-कौन से एप काम कर रहे

    सरकार के आदेश के बाद से जिन सोशल मीडिया एप ने नेपाल में पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी कर ली है उसे अपना आपरेशन यहां संचालित करने की छूट दी गई है। इसमें टिकटॉक, वाइबर, विटक, निंबज और पोपो लाइव शामिल हैं। वहीं टेलीग्राम और ग्लोबल डायरी पंजीकरण की प्रक्रिया में हैं।

    कब तक रहेगा प्रतिबंध

    सरकार की ओर से कहा गया है कि पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी करने के बाद इनको प्रतिबंध के दायरे से बाहर कर दिया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि इनको विगत 28 अगस्त को सात दिनों की मोहलत दी गई थी, किंतु इस ओर ध्यान नहीं दिया। इसके बाद यह फैसला लेना पड़ा।

    पूर्व में टिकटाक पर लगा था प्रतिबंध

    ऐसा नहीं है कि इस तरह का फैसला पहली बार लिया गया है। इससे पहले भी नवंबर 2023 में सरकार ने टिकटाक को प्रतिबंधित किया था, लेकिन पंजीकरण के बाद उसे अगस्त 2024 में काम करने अनुमति दे दी गई। इतनी बड़ी संख्या में प्रतिबंध पहली बार लगाया गया है।

    प्रतिबंध के कारण

    अफवाहें और भड़काऊ सामग्री: सोशल मीडिया पर अफवाहें और भड़काऊ सामग्री तेजी से फैलती हैं, जिससे लोगों में आक्रोश और हिंसा बढ़ सकती है।

    देश की सुरक्षा और स्थिरता: सरकार का मानना है कि सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने से देश की सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी।

    अनुचित सामग्री को रोकना: सरकार का उद्देश्य अनुचित सामग्री को रोकना है, जो लोगों को भड़काने और हिंसा को बढ़ावा देने वाली हो सकती है।

    प्रतिबंध के प्रभाव

    संचार की स्वतंत्रता पर प्रभाव: सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने से संचार की स्वतंत्रता पर प्रभाव पड़ सकता है, जिससे लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सीमित हो सकती है।

    व्यवसाय और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

    सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने से व्यवसाय और अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ सकता है, खासकर उन व्यवसायों पर जो सोशल मीडिया का उपयोग अपने उत्पादों और सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए करते हैं।

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