PM Awas Yojana: राशि लेकर मकान नहीं बनाने वालों पर होगी कार्रवाई, जियो टैगिंग से होगा सत्यापन
मुंगेर नगर निगम क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना की स्थिति चिंताजनक है। लाभार्थी किश्त की राशि लेकर भी घर नहीं बना रहे जिससे योजना के लक्ष्य प्रभावित हो रहे हैं। निगम प्रशासन ने ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी की है। शिकायतों के बाद नोटिस भेजने पर कुछ लाभार्थियों ने निर्माण शुरू किया।

संवाद सूत्र, मुंगेर। मुंगेर नगर निगम क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की स्थिति ठीक नहीं है। यहां आवास निर्माण के लिए चयनित लाभार्थी किश्त की राशि लेकर घर का निर्माण नहीं करा रहे हैं।
नतीजतन इस योजना के लक्ष्य से नगर निगम प्रशासन दूर होता जा रहा है। हालांकि कभी-कभी निगम प्रशासन इसको लेकर सख्ती बरतता है तो मकान निर्माण का कार्य पूरा करने में थोड़ी गति जरूर आती है।
इस बार एक बार फिर से नगर निगम प्रशासन राशि लेकर घर नहीं बनाने वाले लाभुकों के खिलाफ सख्त कदम उठाने जा रहा है। इसके तहत इस बार जीयो टैगिंग के माध्यम से सत्यापन के बाद राशि लेकर निर्धारित सीमा तक मकान नहीं बनाने वाले लाभार्थियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है।
पैसे के गबन को लेकर आ रही शिकायतें
बताते चलें कि नगर निगम प्रशासन को शिकायत लगातार मिल रही थी कि योजना के लिए चयनित लाभार्थी राशि लेकर आवास निर्माण पूरा नहीं कर रहे हैं। ऐसे में नगर निगम ने पैसा लेकर घर नहीं बनाने वाले लाभार्थियों को चिन्हित कर नोटिस भेजा था।
इसका परिणाम यह हुआ कि लाभार्थी निर्माण पूरा करने में जुट गए। बताते चलें कि, प्रधानमंत्री आवास योजना-1.0 के तहत तीन वित्तीय वर्ष 2015-16, 2018-19 तथा 2022-23 में कुल 1068 आवास को स्वीकृति दी गई।
इसमें से सभी 1068 लाभार्थियों को आवास बनाने के लिए कार्यादेश दिया गया। इस तरह 1062 लाभार्थियों को आवास निर्माण के लिए पहले किस्त की राशि उपलब्ध कराई गई।
इसमें से महज 958 लाभार्थियों ने प्लिंथ लेवल तक आवास का निर्माण कराया तथा शेष 104 लाभार्थियों ने पहले किस्त के रूप में एक लाख रुपये लेकर काम ही शुरू नहीं किया। इसके बाद 958 लाभार्थियों में दूसरे किस्त के रूप में एक बार फिर से एक लाख रुपये दिया गया।
इसमें से महज 841 लोगों ने लिंटर तक भवन निर्माण कराया तथा 117 लोगों ने बीच में ही काम बंद कर दिया था। नोटिस मिलने के बाद इस प्रकार अंतिम रूप से 875 लोगों को तीसरे किस्त के रूप में 50-50 हजार रुपये दिए गए।
इनमें से भी महज 854 लाभार्थियों ने ही अपने-अपने भवन का निर्माण कार्य पूरा किया तथा 214 लोगों ने बीच में ही भवन निर्माण बंद कर दिया। इस प्रकार कहें तो कार्यादेश प्राप्त करने वाले 1068 लाभार्थियों में से महज 854 ने ही भवन निर्माण कराया।
निगम प्रशासन की सख्ती के बाद 35 और लोगों ने भवन निर्माण का कार्य पूरा कर लिया। कुछ लोगों ने बाढ़ प्रभावित होने के कारण भवन निर्माण पूरा नहीं कर सकने के संबंध में निगम को आवेदन दिया है। कुछ ऐसे लाभुक हैं जो कई वर्ष पहले राशि लेकर निर्माण तक शुरू नहीं किया है।
320 वर्ग फीट जमीन होना आवश्यक
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) का लाभ लेने के लिए लाभार्थी के पास 320 वर्ग फीट जमीन होना आवश्यक है। चयनित लाभार्थी को आवेदन पत्र के साथ शपथ पत्र, जाति व आय प्रमाण पत्र, जमीन का खतियान का केवाला की छाया प्रति, एलपीसी, जमीन का रसीद, राशन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक पासबुक व परिवार के सभी सदस्यों के आधार कार्ड की छायाप्रति जमा करना आवश्यक होता है। वर्तमान समय में प्रधानमंत्री आवास योजना-2.0 के तहत आवेदन की प्रक्रिया संचालित की जा रही है।
राशि लेकर मकान का निर्माण नहीं शुरू करने वालों को दूसरी बार नोटिस भेजी गई। इसके बाद 35 लोगों ने भवन निर्माण पूरा किया। कुछ लाभार्थियों ने बाढ़ प्रभावित होने के कारण निर्माण कार्य में देरी होने को लेकर आवेदन दिया है। कुछ लाभुकों की शिकायत है कि उन्हें पहले किस्त के रूप में एक लाख रुपये के बदले किसी को 40 तो किसी को 60 हजार रुपये ही मिला है। ऐसा तकनीकी कारणों से हुआ है। इसे दूर कर लाभुकों को किस्त की पूरी राशि का भुगतान किया जाएगा। जिन लाभार्थियों ने नोटिस मिलने के बावजूद निर्माण कार्य नहीं कराया है, उनके विरुद्ध जियो टैग करने के बाद वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। -शिवाक्षी दीक्षित, निगमायुक्त
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