जमालपुर में आसान नहीं होगी महागठबंधन की राह, टिकट कटने से नाराज कांग्रेस नेता करेंगे विरोध
मुंगेर के जमालपुर में कांग्रेस विधायक अजय कुमार सिंह को महागठबंधन से टिकट न मिलने पर कांग्रेस में नाराजगी है। इंडियन इंक्लूसिव पार्टी के नरेंद्र तांती को उम्मीदवार बनाने का कांग्रेस नेता विरोध कर रहे हैं। जमालपुर नगर कमेटी के अध्यक्ष सहित कई कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया है। सवर्ण वोटर भी नाराज हैं और दूसरे विकल्प तलाश सकते हैं। 2020 में अजय कुमार सिंह ने जदयू के शैलेश कुमार को हराया था।

जमालपुर में आसान नहीं होगी महागठबंधन की राह
जागरण संवाददाता, मुंगेर। जमालपुर विधानसभा से महागठबंधन के प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस विधायक डॉ. अजय कुमार सिंह को उम्मीदवार नहीं बनाए जाने के बाद कांग्रेस नेताओं में गहरी नाराजगी है। कांग्रेस ने महागठबंधन के घटक दल इंडियन इंक्लूसिव पार्टी के नरेंद्र तांती को प्रत्याशी घोषित किया, जिसे कांग्रेस के कई नेताओं ने अनुचित और अस्वीकार्य कदम बताया।
इस फैसले के विरोध में जमालपुर नगर कमेटी के अध्यक्ष साईं शंकर और नगर कमेटी के सभी प्रमुख कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया। इन्होंने कहा है कि महागठंधन में उनके शीर्ष नेतृत्व का नहीं चला। पहली बार डॉ. अजय को टिकट मिला और वह विधायक बने। पहली बार जीतने और हारने वालों का टिकट इस बार नहीं काटा गया है।
डॉ. अजय का टिकट काटा
सवर्ण समझकर डॉ. अजय का टिकट काटा गया है। इस बार महागठबंधन के जो भी प्रत्याशी हैं, उनका पुरजोर विरोध किया जाएगा। इधर, सवर्ण समाज से आने वाले डा. अजय का टिकट कटने के बाद सवर्ण वोटरों में नाराजगी है। ऐसे में सवर्ण वोटर दूसरे विकल्प चुन सकते हैं।
किस वजह से आक्रोश
जमालपुर विस से 2020 के चुनाव महागठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अजय कुमार सिंह को मैदान में उतारा था। इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ने जदयू उम्मीदवार सह पूर्व मंत्री शैलेश कुमार को हरा दिया था। इस बार भी डॉ. सिंह और कांग्रेसियों को आशा थी कि वह चुनाव मैदान में होंगे।
पार्टी उनका टिकट नहीं काटेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। महागठबंधन की ओर से इंडियन इंक्लूसिव पार्टी के नरेंद्र तांती को प्रत्याशी घोषित कर दिया। जिसे कांग्रेस नेताओं ने अनुचित और अस्वीकार्य कदम बताया।
इस फैसले के विरोध में जमालपुर नगर कमेटी के अध्यक्ष साईं शंकर और नगर कमेटी के सभी प्रमुख कार्यकर्ताओं ने सदाकत आश्रम जाकर विरोध जताया और सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया।
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