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    Munger News: ड्यूटी से गायब, फिर भी 3 महीने तक बनती रही हाजिरी, गार्ड के नाम पर सैलरी पर उठाई

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 02:34 PM (IST)

    मुंगेर सदर अस्पताल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसमें एक सुरक्षा गार्ड तीन महीने तक ड्यूटी से गायब रहा लेकिन उसकी हाजिरी नियमित रूप से बनती रही और उसके नाम पर वेतन भी निकाला गया। जब गार्ड ने विरोध किया तो उसे काम से हटा दिया गया। अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही के चलते पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं।

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    ड्यूटी से गायब, तीन माह तक बन गई हाजिरी, उठ गई राशि

    संवाद सहयोगी, मुंगेर। सदर अस्पताल की सुरक्षा में तैनात निजी सफाई गार्ड तीन माह तक ड्यूटी से गायब रहा, उसने एक दिन भी काम नहीं किया और उसकी हाजिरी हर दिन बनती रही। उसके नाम पर पैसा भी उठ गया। रजिस्टर पर दर्ज होने वाली हाजिरी में एक बार फिर फर्जीवाड़ा देखने को मिला है। तीन माह तक एजेंसी द्वारा तैनात पटना के कृष्णापुरी निवासी नवल यादव का मई, जून और जुलाई माह में ड्यूटी किए बिना हाजिरी बन गई।

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    इस मामले में जब निजी गार्ड नवल यादव को पता चला तो उसने विरोध करना शुरू कर दिया। इसके बाद काम से उसे हटा दिया। इस मामले की शिकायत सिविल सर्जन से भी की गई है। दरअसल, सदर अस्पताल में मरीजों से लेकर डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए 57 गार्ड आउटसोर्सिंग के माध्यम से लगाया गया है, लेकिन गार्ड के ड्यूटी में आए दिन लापरवाही दिखती है।

    जिस स्थान पर गार्ड को होना चाहिए वहां व मौजूद नहीं होते हैं। सदर अस्पताल में गार्ड द्वारा ड्यूटी में लापरवाही और ड्यूटी के स्थान पर गार्ड को नहीं पाकर सिविल सर्जन डॉ. रामप्रवेश प्रसाद ने सुपरवाइजर को ड्यूटी से हटाने के लिए संबंधित एजेंसी को दो बार पत्र लिखा है। इसके बाद सुपरवाइजर को कुछ दिनों के लिए हटा दिया गया।इसके बाद एजेंसी ने आरोपित फिर से बहाल कर दिया।

    लारवाही के कारण होती है घटनाएं

    गार्ड की लापरवाही के कारण फेब्रिकेटेड अस्पताल में गोली कांड से लेकर चोरी की घटनाएं हुई। इसका मुख्य कारण जगह पर गार्ड के नहीं रहने के कारण अपराधिक तत्वों का बोल बाला रहता है।

    जानकारों की मानें तो जो गार्ड ड्यूटी पर नहीं पहुंचते हैं। उस गार्ड की हाजरी बना कर उस दिन का वेतन किसी दूसरे के एकाउंट पर मंगा लिया जाता है। बोला जाता है उक्त गार्ड की ड्यूटी दूसरे गार्ड ने की है।

    लापरवाही के कारण सुपरवाइजर को हटाने के लिए दो बार एजेंसी को पत्र लिखा गया। इसके बावजूद फिर से उसे नियुक्त करने के लिए अधीक्षक को पत्र लिखा गया है। ऐसे लापरवाह सुपरवाइजर को एजेंसी को तुरंत हटाकर दूसरे को जिम्मेदारी देनी चाहिए, लेकिन, एजेंसी ऐसा क्यों नही कर रही है समझ से बाहर है। आखिरी बार फिर से हटाने के लिए जल्द ही पत्र भेजा जाएगा। डॉ. रामप्रवेश प्रसाद, सिविल सर्जन