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    Munger News: मुंगेर में 2 साल में दर्ज हुए साइबर ठगी के 107 मामले, मात्र 5 में ही हो सका निपटारा

    मुंगेर जिले में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जिससे पुलिस और आमजन चिंतित हैं। पिछले दो वर्षों में 107 शिकायतें दर्ज की गई हैं जिनमें ओटीपी फ्रॉड ऑनलाइन ठगी और सोशल मीडिया फ्रॉड शामिल हैं। पुलिस साइबर ठगों को पकड़ने और जागरूकता अभियान चलाने में जुटी है। कुछ मामलों में पीड़ितों को पैसे वापस मिले हैं जबकि कई मामले अभी भी जाँच में हैं।

    By Rajnish Kumar Edited By: Nishant Bharti Updated: Thu, 28 Aug 2025 01:45 PM (IST)
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    साइबर ठगी का 107 मामले दर्ज, पांच का ही निष्पादन।

    संवाद सहयाेगी, मुंगेर। जिला में इंटरनेट मीडिया पर ठगी के बढ़ते मामलों ने पुलिस व आमजनों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। विगत दो वर्षो में साइबर ठगी से जुड़ी 107 शिकायतें दर्ज की गई है।

    इन शिकायतों के आधार पर मुंगेर पुलिस साइबर ठगों की धरपकड़ भी कर रही है। साथ ही ठगी से बचने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।

    पुलिस के पास पहुंची शिकायतों में ओटीपी, फ्राड, मैटरनिटी क्लोन, इंटरनेट मीडिया अकाउंट से पैसे की डिमांड करना, जॉब फ्रॉड, होटल बस, ट्रेन बुकिंग फ्रॉड और ऑनलाइन फ्रॉड सहित अन्य तरह से की गई ठगी शामिल है। 107 दर्ज शिकायतों में महज पांच मामलों का निष्पादन किया जा चुका है।

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    दो दर्जन से अधिक अकाउंट को होल्ड किया गया है। जल्द ही ऐसे लोगों को ठगी हुए रुपये वापस मिलने की संभावना है। बाकी सभी मामले अनुसंधान में है।

    दरअसल, साइबर क्राइम का जाल शहरों के बाद अब ग्रामीण इलाकों में फैलने लगा है। साइबर ठग बेरोजगार युवाओं को निशाना बना रहे है। डिजिटलाइजेशन से एक ओर जहां लोगों का काम आसान हुआ है।

    साइबर थाना डीएसपी ने बताया कि दो दर्जन से अधिक सनहा दर्ज किया गया। इसमें एक दर्जन से अधिक फ्रॉड हुए रुपये लोगों को वापस दिलाए गए।

    इसमें सबसे अधिक मामला सुलझाने में परेशानी हुई वह यह है कि विनित कुमार से साइबर ठग ने फ्रॉड कर 22 लाख रुपये की ठगी कर लिया। इस मामले में सनहा दर्ज किया गया।

    इसके बाद मामले की जांच में टीम जुट गई। मामला को सुलझाने में काफी भागदौड़ करना पड़ा। परिस्थित ऐसी बनी की आरोपित थाना आकर पीड़ित को 22 लाख रुपये वापस किया।

    कोतवाली थाना के दिलावरपुर टिकिया टोली निवासी रविंद्र कुमार उर्फ लालू गांधी चौक पर कपड़े की दुकान और ब्यूटी पार्लर चलाते हैं। पिछले वर्ष 27 दिसबर की दोपहर तीन बजे कॉल आया दुल्हन का मेकअप कराना है।

    रविंद्र ने दस हजार बताया फ्रॉड ने कहा तीन हजार एडवांस भेज रहे है। कुछ देर बाद पीड़ित के मोबाइल पर 30 हजार रुपये का मैसेज आया।

    फ्रॉड ने कहा गलती से तीन के बदले तीस हजार चला गया है। आप वापस कर दें। पीड़ित ने कैश अकाउंट में बिना चेक किए 13 हजार रुपये भेज दिया। बाद में पता चला फ्रॉड ने रुपये भेजा ही नहीं था। इस मामले का अबतक अनुसंधान चल रहा है।

    पूरबसराय निवासी धीरज कुमार अपने घर में ही वीडियो मिक्सिंग लैब की दुकान चलाते हैं। नौ अक्टूबर 2024 को मोबाइल हैक कर 34 हजार की निकासी कर ली गई।

    इस मामले की शिकायत धीरज ने साइबर थाना में करते हुए बताया कि जिस समय मोबाइल हैक हुआ उस वक्त मोबाइल घर में रखा हुआ था। उस समय गंगा स्नान के लिए घाट गया हुआ था।

    वहां से आने के बाद मोबाइल से ही व्यवसायी को रुपये भेजने का प्रयास किया जब रुपये नहीं गया तो जांच करने पर 34 हजार रुपये फ्रॉड हो चुके थे। साइबर थाना जाने पर बताया गया कि मामला अनुसंधान में है।

    वासदेवपुर इलाके के दीपक कुमार को मोबाइल पर एक युवती ने वीडियो कॉल किया। कुछ देर बाद फ्रॉड की ओर से वरीय पुलिस पदाधिकारी बनकर कॉल किया।

    पीड़ित ने एक बार 17 हजार रुपये भेजा। इसके बाद इतनी ही राशि पांच से छह बार मांगा गया। फोन पर कहा गया कि केस दर्ज हो गया है। केस समाप्त करने के लिए रुपये देने होंगे।

    पीड़ित लोक लाज के डर से पैसे फेक कॉल करने वाले के खाते में भेजता गया। बाद में पता चला वो ठगी का शिकार हो गया है। इसकी शिकायत साइबर थाना में दर्ज कराया गया है। यह मामला भी अनुसंधान में है।

    साइबर ठग लगातार लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। लोग आसानी से इन साइबर ठगों की बातों में आकर अपनी मेहनत की कमाई गंवा बैठते है। इसलिए इन साइबर ठगो से सावधान रहना बेहद जरूरी है। ठगी का शिकार होने पर फौरन 1930 पर कॉल करें। मामले कुछ निष्पादित हुए हैं। अनुसंधान चल रहा है। संबंधित मामलों में डाटा की मांग की गई है, मिलते ही कई मामलों का निष्पादन कर दिया जाएगा। - राकेश रंजन, डीएसपी, साइबर थाना