मतलब मैडम को भी नहीं बख्शा, मुजफ्फरपुर की महिला सिपाही के क्रेडिट कार्ड से उड़ाए रुपये
Bihar Crime: साइबर फ्राड को रोकने की दिशा में सरकार और पुलिस विभाग की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं बावजूद इनकी सक्रियता कम नहीं हो रही। आए दिन किसी न किसी को अपना शिकार बना ही रहे। पुलिस वालों को भी नहीं। मुजफ्फरपुर में इस तरह का मामला सामने आया है। इसमें अपराधियों ने एक महिला सिपाही के क्रेडिट कार्ड से गलत ढंग से मोबाइल खरीदारी का मामला सामने आया है।

Bihar Crime: अपराधियों ने गलत ढंग से मोबाइल की खरीदारी कर ली। प्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Bihar Crime: बिहार में साइबर अपराधियों के हौंसले बढ़ते जा रहे। न केवल आम आदमी को वरन अब पुलिस विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को भी अपना निशाना बनाने नहीं चूक रहे। ऐसे में लोगों का भरोसा टूट रहा।
उन्हें लग रहा कि जब पुलिस वाले ही सुरक्षित नहीं हैं तो हम कैसे रहेंगे?साइबर फ्राड ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय के मानवाधिकार कोषांग में प्रतिनियुक्त महिला सिपाही अर्चना कुमारी के क्रेडिट कार्ड से 20 हजार 186 रुपये के मोबाइल की खरीदारी कर ली।
मामले में पंखाटोली की रहने वाली महिला सिपाही ने काजीमोहम्मदपुर थाने में प्राथमिकी कराई है। इसमें वेस्ट बंगाल के साहिल खान नामक युवक को आरोपित किया है। पुलिस का कहना है कि मामला दर्ज कर लिया गया है। इसकी जांच कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
आवेदन में कहा कि वह कार्यालय में काम कर रही थी। इस बीच उनके क्रेडिट कार्ड से उक्त रुपये कटने का मैसेज आया। संबंधित बैंक से पता चला कि उनके क्रेडिट कार्ड का खाता फारवर्ड कर ई-कामर्स कंपनी से खरीदारी कर गई है।
मिनी सटेंटमेंट में पता चला कि वेस्ट बंगाल के बैलीगंज पैलेस के साहिल खान नाम के युवक ने उनके क्रेडिट कार्ड से आनलाइन मोबाइल की खरीदारी की।
वहीं साइबर फ्राड गिरोहह के जालसाजों ने जूरन छपरा के मां उर्मिला सर्जिकल संस्थान के संचालक कुढ़नी थाना के थतिया निवासी डा. अविनाश कुमार का वाट्सएप को हैक कर लिया। इसके बाद फ्राड ने उनके 500 कांटेक्ट लिस्ट से 47 हजार रुपये मांगे।
मामले में चिकित्सक ने ब्रह्मपुरा थाने में प्राथमिकी कराई है। इसमें एक मोबाइल नंबर धारक के साथ अन्य फ्राड को आरोपित किया है। पुलिस का कहना है कि मामला दर्ज कर लिया गया है। इसकी जांच कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
आवेदन में कहा कि फ्राड ने उन्हें अंजान नंबर से काल किया। उधर से कुरियर डिलीवरी करने का झांसा देकर उनसे फारवार्डिग कोड डायल कराया गया। इसके बाद उनका वाट्सएप लागआउट हो गया।
कुछ देर में दूसरे मोबाइल में उनका वाट्सएप एकाउंट लागिन होने का मैसेज मिला। काफी प्रयत्न के बाद भी वह कुछ नहीं कर सके। फ्राड के द्वारा उनके नाम पर उनके कान्टैक्ट लिस्ट के 500 लोगों से 47 हजार रुपये की मांग की गई।
इसमें से दो लोगोंं ने फ्राड को रुपये भी आनलाईन ट्रांसफर कर दिए। रुपये देन वाले लोगों ने उन्हें काल कर बताया तो उन्हें अपने साथ-साथ उनके साथ भी धोखाधड़ी करने की जानकारी मिली। इसके बाद चिकित्सक ने स्थानीय थाने में प्राथमिकी कराई।
अब देखना होगा कि पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई कर रही है? दूसरी चीज आनलाइन पेमेंट्स का प्रयोग करने वालों को सतर्क करने की दिशा में भी होना चाहिए। यह सरकार के साथ-साथ उपयोगकर्ता के स्तर से भी हो। उपयोग करते हुए सुरक्षा के सभी उपाय भी किए जाने चाहिए।

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