Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Bihar News : बदल गया सेंटर मैप, सीबीएसई स्कूलों में नहीं हो सकेंगी मैट्रिक व इंटर परीक्षाएं

    By Ajit Kumar Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Fri, 24 Oct 2025 09:32 PM (IST)

    बिहार में सीबीएसई स्कूलों के लिए एक बड़ा बदलाव हुआ है। सेंटर मैप बदल जाने के कारण अब इन स्कूलों में मैट्रिक और इंटर की परीक्षाएं नहीं हो पाएंगी। नए नियमों के अनुसार, केवल सरकारी और मान्यता प्राप्त गैर-सरकारी स्कूल ही परीक्षा केंद्र बन सकते हैं, जिससे छात्रों और अभिभावकों में चिंता है।

    Hero Image

    इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है। 

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर । अबकी बार बिहार विद्यालय परीक्षा समिति सीबीएसई स्कूलों को केंद्र नहीं बना सकेंगे। क्योंकि बिहार और सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं फरवरी महीने में ही शुरू होनी है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसकी जगह दूसरे केंद्रों की तलाश करनी पड़ेगी।
    वहीं मैट्रिक व इंटर परीक्षा में छात्रों के बैठने की समस्याएं के अलावा उपस्कर की भी कमी होगी। क्षेत्रीय कार्यालय सीबीएसई बोर्ड ने जिलाधिकारी को इस संबंध में पत्र भेजा है। 2026 में आयोजित की जाने वाली वार्षिक इन्टरमीडिएट और माध्यमिक परीक्षा के लिए सीबीएसई स्कूलों को केंद्र नहीं बनाये जाने को कहा गया है। जिलाधिकारी ने इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह वजह आई सामने

    अबकी बार सीबीएसई बोर्ड के दसवीं व बारहवीं की परीक्षा फरवरी महीने में होनी है। इस वजह से स्कूलों में परीक्षा नहीं बनाने को कहा गया है। जिलाधिकारी को भेजे पत्र में कहा कि जिन स्कूलों में बोर्ड की परीक्षा है, उन स्कूलों को मुक्त रखा जाए। बता दें कि इस बार बिहार बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा फरवरी महीने में ही शुरू हो रही है। इस वजह से शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पसीना छूट रहा है।

    मैट्रिक में 75 हजार से अधिक विद्यार्थी

    मुजफ्फरपुर : मैट्रिक परीक्षा में 75 हजार से अधिक परीक्षार्थियों के शामिल होने की संभावना है। जबकि इंटरमीडिएट में 60 हजार से अधिक परीक्षार्थी होंगे। इन परीक्षार्थियों के बैठने की व्यवस्था करना शिक्षा विभाग के लिए चुनौती बना है। क्योंकि प्रतिवर्ष छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ रही है। सीबीएसई स्कूलों को केंद्र नहीं बनाने की वजह से शिक्षा विभाग को काफी परेशानी होगी। दूसरी ओर छात्रों को भी परेशान होना पड़ेगा, क्योंकि परीक्षा केंद्रों को ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ाया जाएगा। अबकी बार ग्रामीण क्षेत्र के मध्य व हाई स्कूल को परीक्षा केंद्र बनाए जाने की संभावना है।