फर्जी वीजा पर विदेश भेजने का चल रहा गिरोह, करोड़ों की ठगी; कई राज्यों में सक्रिय है नेटवर्क
मुजफ्फरपुर में फर्जी वीजा कंपनी का भंडाफोड़ हुआ है, जो अंतरराज्यीय गिरोह से जुड़ी है। इंपीरियल इंटरप्राइजेज नामक कंपनी तीन महीने से विदेश भेजने के नाम पर लोगों से करोड़ों की ठगी कर रही थी। गिरोह के एजेंट पटना, धनबाद और रांची जैसे शहरों में भी फैले हुए हैं। पीड़ितों ने सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की तलाश जारी है।
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फर्जी वीजा और टिकट देने वाली कंपनी के कार्यालय का फोटो और आक्रोशित लोगों को समझाते पुलिस कर्मी। (जागरण)
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। अहियापुर थाने से तीन किलोमीटर की दूरी पर बैरिया में चल रही फर्जी वीजा कंपनी का संचालन करने वाले रैकेट के सरगना का तार अंतरराज्यीय गिरोह से जुड़ा है।
इंपीरियल इंटरप्राइजेज द्वारा करीब तीन माह से चल रहे ठगी के खेल की पुलिस को भनक तक नहीं लगी। मामला सामने आने के बाद पुलिस को जांच में पता चला है कि मुजफ्फरपुर के अलावा पटना, धनबाद, रांची समेत कई शहरों में इसके एजेंट हैं।
जहां भोले-भाले लोगों से विदेश भेजने के नाम पर ठगी की जाती थी। पुलिस का कहना है कि सरगना समेत अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर पटना समेत अन्य जगहों की पुलिस से संपर्क किया गया है। इन सभी के मोबाइल का कॉल डिटेल खंगालकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
तीन का कनेक्शन
जांच में पुलिस को पता चला कि फर्जी वीजा व टिकट देकर विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले रैकेट का मुख्य मोबाइल नंबर तीन था। तीन महीने से चल रहे फर्जी वीजा कंपनी की ओर से तीन माह की शर्त पर विदेश भेजने के लिए करीब तीन सौ से अधिक लोगों को जाल में फंसाकर करोड़ों की ठगी की गई।
बैरिया में आक्रोशित लोगों ने किया सड़क जाम, हंगामा
ठगी के शिकार लोगों ने रविवार को बैरिया स्थित पारस माल में स्थित इंपीरियल इंटरप्राइजेज के बाहर जमकर हंगामा किया। इस दौरान लोगों ने सड़क पर बैठकर रोड को जाम कर दिया। सूचना पर दारोगा जितेंद्र महतो व अशोक महतो पुलिस बल के साथ पहुंचे। लोगों से कार्रवाई के लिए थोड़ा और समय देने को कहा। इसके बाद लोग शांत हुए।
दारोगा ने लोगों को बताया सिटी एसपी व एसडीपीओ पूरे मामले को देख रहे हैं। ठग गिरोह में शामिल शातिरों को शीघ्र गिरफ्तार कर लिया जाएगा। लोगों ने कहा इस कंपनी की एकाउंटेंट सौम्या कुमारी गिरफ्तारी के बाद भी जल्द छूट गई। इसके बाद आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम मुक्त कर पास माल के आगे बैठ गए।
इस बीच उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र के साथ ही छपरा, सिवान, मधुबनी, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, दरभंगा से आए लोगों ने कंपनी के खिलाफ पुलिस की शिथिलता पर आक्रोश जताया। पुलिस का कहना था कि सीडीआर निकालकर टावर लोकेशन के आधार छापेमारी की जा रही है।
दारोगा ने बताया कंपनी के संचालकों का बैंक डिटेल, कार्यालय की दस्तावेज समेत अन्य कागजात निकालने का प्रयास किया जा रहा है।
झारखंड के धनबाद जिले के कलरास रोड भटकुलिया निवासी अभिषेक कुमार, रंजीत कुमार शर्मा, संदीप कुमार, विनय शर्मा व मो.अरमान पर प्राथमिकी दर्ज है। पुलिस को मिले कागजात के आधार पर संबंधित आरोपितों की तलाश के लिए पुलिस उसके स्थानीय थाने के संपर्क में है।
बता दें कि कई युवकों को अमेरिका व यूरोप के अलग-अलग देशों का फर्जी वीजा देकर इंपीरियल इंटरप्राइजेज ने मोटी रकम वसूल ली। एयरपोर्ट पर जांच के बाद वीजा फर्जी निकला तो सभी लौट आए।
गुरुवार को जब सभी युवा बैरिया स्थित माल में पहुंचे तो कार्यालय बंद था। बेरोजगार युवको ने कार्यालय के बाहर हंगामा किया था। पुलिस ने समझाकर शांत कराया था। हालांकि कार्यालय को अभी तक सील नहीं किया गया है।
नौकरी के लिए किसी ने सूद पर लिए थे रुपये तो किसी ने पत्नी के जेवर रखे गिरवी
सिवान के सूरज शर्मा, छपरा के इमाम हुसैन, सहरसा के संतोष महतो ने बताया नौकरी के लिए उसने गांव के एक व्यक्ति से सूद पर पैसा लिया था। यूपी गाजीपुर के खुसियार चौहान व रंजीत आदि ने बताया कि वह पत्नी व मां के जेवर गिरवी रखकर रुपये दिए थे। रुपये व जेवरात दोनों लेकर चले गए। अब क्या करें कुछ समझ में नहीं आ रहा।
मेडिकल के नाम खून खींचकर लिया 10 हजार
लोगों ने बताया मेडिकल के नाम पर 10 हजार रुपये ले लिया। चिकित्सक को बुलाकर मेडिकल जांच कराई। खून भी खींचा। 10 हजार रुपये भी लिए। इसके बाद भी नौकरी मिली न रुपये दिए गए।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय आधार का रजिस्ट्रेशन से पैड छपा चला रहा था कार्यालय
वीजा व टिकट के नाम पर विदेश भेजने और नौकरी के नाम पर आफर लेटर देने वाली कंपनी इपीरियल इंटरप्राइजेज का एक खाता भगवानपुर स्थित निजी बैंक की शाखा में है। यह खाता कंपनी के संचालक अभिषेक कुमार ने खोल था। साथ ही एक अन्य खाता दूसरे निजी बैंक में भी था। इस पर वह लोगों से रुपये यूपीआई व ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कराता था।
खाता खोलने के साथ ही उसने उद्यम पंजीकरण एमएसएमइ पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण करा रजिस्ट्रेशन नंबर ले रहा था। इसी का रजिस्ट्रेशन नंबर पर उपयोग इपीरियल इंटरप्राइजेज अपने कार्यालय में कर रहा था। आफर लेटर स्काईग्रिड ग्रुप कंपनी का देता था।
पीड़ित आजाद मियां व मो.नबी ने बताया टाइल्स और मार्बल राजमिस्त्री, पीओपी राजमिस्त्री, फिनिशिंग कारपेंटर, इलेक्ट्रीशियन, केबल ट्रे फिटर समेत अन्य कार्यों के लिए सप्ताह में छह दिन व आठ घंटे ड्यूटी के लिए आफर लेटर पहले तीन माह का दिया गया था।
बेनिन गणराज्य के श्रम कानून के अनुसार नियुक्ति तिथि से तीन महीने की परिवीक्षा अवधि पर रखने की चर्चा थी। प्रदर्शन के आधार पर रोजगार स्थिति की समीक्षा के बाद वेतन बढ़ोतरी की चर्चा थी। अलग-अलग मद के लिए मानदेय भी अलग था। इसमें कम से कम साठ से एक लाख तक का प्रतिमाह भुगतान का उल्लेख था।
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