अंतरिम मंत्रिमंडल को हामी नेपाल ने दिया समर्थन, अध्यक्ष सुदन गुरुंग ने कहा, संसद विघटन ही उनका प्रमुख राजनीतिक एजेंडा
Hami Nepal काठमांडू में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में संगठन के अध्यक्ष सुदन गुरुंग ने वर्तमान आंदोलन व सरकार के गठन को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है। उन्होंने कहा कि संसद विघटन ही उनका प्रमुख राजनीतिक एजेंडा है। इसी आधार पर नया रास्ता तय किया जा सकता है। हमलोग न केवल आंदोलन करते है वरन सरकार बनाने की दिशा में भी काम कर रहे।

जागरण संवाददाता, वीरगंज (नेपाल)। Hami Nepal : जेन-जी आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले संगठन हामी नेपाल समूह ने पूर्व प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की के नेतृत्व में प्रस्तावित अंतरिम मंत्रिमंडल को समर्थन देने की घोषणा की है। काठमांडू में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में संगठन के अध्यक्ष सुदन गुरुंग ने कहा कि संसद विघटन ही उनका प्रमुख राजनीतिक एजेंडा है। इसी आधार पर नया रास्ता तय किया जा सकता है।
गुरुंग ने बताया कि कार्की के नेतृत्व पर व्यापक सहमति बन चुकी है। संगठन पूरी तरह उनके नेतृत्व को स्वीकार करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि जेन-जी पीढ़ी के नेतृत्व में बनने वाला मंत्रिमंडल आम जनता का प्रतिनिधित्व करेगा। इसकी निगरानी भी यही पीढ़ी करेगी।
यह संरचना पारदर्शी और जवाबदेह होगी। जानकारी के अनुसार हाल ही में नेपाली सेना के प्रमुख समेत कई महत्वपूर्ण निकायों के साथ हामी नेपाल समूह के प्रतिनिधियों ने चर्चा की थी। गुरुंग ने यह भी स्पष्ट किया कि मंत्रिमंडल गठन, कार्यविभाजन और संवैधानिक प्रक्रिया पर अभी विमर्श जारी है।
मालूम हो कि जेन-जी आंदोलन नेपाल की नई पीढ़ी द्वारा शुरू किया गया एक जनआंदोलन है, जिसका उद्देश्य पारंपरिक राजनीति से अलग एक पारदर्शी और जवाबदेह व्यवस्था स्थापित करना है। इस आंदोलन में युवा वर्ग ने भ्रष्टाचार, राजनीतिक अस्थिरता और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई है।
आंदोलन का मुख्य एजेंडा संसद विघटन और नई राजनीतिक संरचना की मांग रहा है। इसी क्रम में हामी नेपाल समूह की सक्रियता बढ़ी है, जिसने कार्की के नेतृत्व वाले अंतरिम मंत्रिमंडल को समर्थन देकर यह संदेश दिया है कि जेन-जी पीढ़ी अब सिर्फ आंदोलन तक सीमित नहीं, बल्कि वैकल्पिक नेतृत्व की दिशा में भी आगे बढ़ रही है।
काठमांडु में फंसे सभी उद्यमी जनकपुर के रास्ते पहुंचे घर
मुजफ्फरपुर : नेपाल में हिंसा के दौरान काठमांडु के थमेल एवं अन्य जगहों पर घिरे 50-60 उद्यमी घर लौट आए। उद्यमी विनीत अग्रवाल ने कहा कि सुबह में काठमांडु से हवाई यात्रा शुरू हो गई, लेकिन नेपाल से इंडिया में आने की फ्लाइट महंगी थी।
वहीं नेपाल से नेपाल में कहीं जाना काफी सस्ती थी। दिल्ली, मुंबई आदि जगहों के लिए प्लाइट का किराया भी बढ़ा दिया गया है। एयर इंडिया समेत अन्य कंपनियों का किराया 30 से लेकर 50 हजार था। वहीं काठमांडु से जनकपुर का किराया पांच से छह हजार था। इसलिए काठमांडु से प्लाइट पकड़ जनकपुर आ गए।
वहां से गाड़ी भाड़ा करके घर आ गए। घर के लोगों को काफी चिंता हो रही थी। उद्यमियों ने नेपाल सरकार से जल्द शांति बहाल करने की अपील की है, ताकि पर्यटकों का आना-जाना लगा रहे। उन्होंने कहा कि नेपाल के लोगों का भारत के प्रति काफी सम्मान है। पर्यटकों को नेपाल के लोग काफी मदद पहुंचा रहे।
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