Muzaffarpur Crime : दियारा में वर्चस्व को लेकर हत्या में शामिल शातिर साधु सहनी गिरफ्तार
मुजफ्फरपुर पुलिस ने दियारा क्षेत्र में वर्चस्व की लड़ाई में शामिल हत्या के आरोपी साधु सहनी को गिरफ्तार किया है। सहनी लंबे समय से फरार था और उसकी गिरफ्तारी से इलाके में अपराध नियंत्रण में मदद मिलने की उम्मीद है। पुलिस उससे पूछताछ कर गिरोह के अन्य सदस्यों की जानकारी जुटा रही है। दियारा क्षेत्र में अपराध खत्म करने के लिए पुलिस लगातार अभियान चला रही है।

इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर । बिहार एसटीएफ की विशेष टीम ने आर्म्स एक्ट समेत कई मामलों में शामिल शातिर साधु सहनी को गिरफ्तार किया है। वह पारू (मुजफ्फरपुर) थाने में दर्ज हत्या व आर्म्स एक्ट में वांटेड है।
मूलरूप से हसनपुरा मुरहिया, थाना मकेर, जिला सारण का रहने वाला है। गिरफ्तारी के भय से वह लगातार ठिकाना बदल रहा था। सूचना पर उसे मोतिहारी जिले के मधुबन थाने के जगौलिया (गंडक दियारा) से छापेमारी कर गिरफ्तार किया गया है। इस दौरान उसके अन्य सहयोगी पकड़ में नहीं आए।
विदित हो कि 12 नवंबर को पारू थाने के चक्की सोहागपुर के गंडक दियारा क्षेत्र में साधु सहनी ने वर्चस्व को लेकर अशोक सहनी व गुड्डू कुमार को गोली मार दी थी। इसमें अशोक सहनी की मौत हो गई थी। गुड्डू अभी अस्पताल में भर्ती है। मामले में हत्या की प्राथमिकी कराई गई थी। इसमें साधु सहनी समेत अन्य को नामजद किया गया था।
इस घटना के बाद से वह लगातार ठिकाना बदल रहा था। जिला पुलिस टीम उसकी गिरफ्तारी में विफल रही। इसके बाद बिहार एसटीएफ की विशेष टीम उसके पीछे लगी थी।
एसटीएफ ने सूचना संग्रह कर उसे दबोच लिया। पुलिस मुख्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि उक्त बदमाश पर मुजफ्फरपुर व सारण जिले के विभिन्न थानों में हत्या, आर्म्स एक्ट एवं मादक पदार्थ से संबंधित छह से अधिक मामले दर्ज है। पूछताछ में साधु से जुड़े और कई शातिरों के नाम व ठिकाने का पुलिस को पता चला है।
पुलिस टीम उसकी निशानदेही पर रविवार रात तक कई जगहों पर छापेमारी कर रही थी। पुलिस का कहना है कि पूर्व के मामलों के रिकार्ड को भी खंगाला जा रहा है। लंबित केसों में भी रिमांड पर लेने की भी कवायद की जाएगी।
अंधाधुंध फायरिंग में गई थी जान, 13 पर कराई गई थी प्राथमिकी
मुजफ्फरपुर । पारू के पश्चिमी दियारा इलाके में पिछले दिनों नाव पर सवार होकर हथियारबंद बदमाश पहुंचे थे। इसके बाद अंधाधुंध फायरिंग की थी। इसमें गोली लगने से अशोक सहनी की मौत हो गई थी। छानबीन में पुलिस को पता चला था कि एक दर्जन से अधिक हथियारबंद बदमाश अंधाधुंध फायरिंग करने लगे थे।
मामले में बबिता देवी ने प्राथमिकी कराई थी। इसमें कहा था कि तरबूज की खेती करने के लिए उनके पति अशोक सहनी जमीन देखने के लिए फतेहाबाद थाना-पारू अंतर्गत नदी किनारे गए थे। वहां से जमीन देखकर बगल में ही बहन के फतेहाबाद स्थित घर पर रुक गए।
इसी में 12 नवंबर की शाम उनके पति पुनः जमीन देखकर बहन के घर लौट रहे थे। इसी बीच दो नाव पर सवार साधु सहनी, राजू सहनी, जामुन सहनी, अमर नाथ सहनी, उमेश सहनी, देवूलाल सहनी, अनिल सहनी, मुन्ना कुमार, सीताराम सहनी, बिट्टू सहनी, भोला सहनी, दिनेश पासवान, रामप्रवेश पासवान ने उनके पति को घेर लिया। इसके बाद साधू सहनी, राजू सहनी एवं जामुन सहनी अपने-अपने कमर से हथियार निकालकर उनके पति पर जानलेवा हमला करते हुए फायरिंग कर दिया। इसी में उनके पति की मौत हो गई थी। मामले में इन सभी को नामजद आरोपित किया गया था। पुलिस के लिए इन सभी की गिरफ्तारी चुनौती बनी है। -

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