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    Muzaffarpur News : कार्बाइड वाले पटाखे के धमाके से 19 घायल, कार्निया झुलसी

    By Amrendra Tiwari Edited By: Ajit kumar
    Updated: Wed, 29 Oct 2025 12:11 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर में छठ पर्व के दौरान कार्बाइड वाले पटाखों से 24 लोग घायल हो गए, जिनमें 19 की कार्निया प्रभावित हुई है। एसकेएमसीएच में नौ मरीज पहुंचे, जिनमें से एक को रेफर किया गया। निजी अस्पतालों में भी कई मरीजों का इलाज हुआ। डॉक्टरों ने ऐसे पटाखों पर रोक लगाने की मांग की है, क्योंकि कार्बाइड पानी से मिलकर खतरनाक गैस बनाता है।

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    यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur News : छठ पर्व के दौरान जिले में अलग-अलग स्थानों पर जमकर आतिशबाजी हुई। इस बीच कार्बाइड वाले पटाखों के धमाके से कई लोग घायल हो गए।

    अब तक जिले में 24 लोगों की आंखों में चोट पहुंचने की जानकारी मिली है, जिनमें 19 की कार्निया प्रभावित हुई। एसकेएमसीएच में नौ मरीज पहुंचे, जिनमें तीन की आंखों में गंभीर चोट थी।

    एक मरीज को भर्ती किया गया है, जबकि एक को रेफर कर दिया गया। शेष सात मरीजों को ओपीडी में उपचार कर दवा व परामर्श देकर घर भेज दिया गया।

    एसकेएमसीएच के वरीय नेत्र रोग विशेषज्ञ डा.एमके मिश्रा ने बताया दीपावली के बाद से कार्बाइड पटाखों से झुलसने के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। दीपावली के दिन भी 10 मरीज आए थे।

    मुजफ्फरपुर आफ्थाल्मिक सोसायटी के अध्यक्ष डा.अमरेन्द्र झा ने बताया कि उनके यहां दीपावली के दौरान एक मरीज आया था, जबकि वरीय नेत्र रोग विशेषज्ञ डा.एसपी सिन्हा ने कहा कि उनके यहां अब तक 50 मरीज आ चुके हैं। सभी का सफलतापूर्वक उपचार किया गया है।

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    कहा कि प्रशासन को ऐसे पटाखों पर कड़ी रोक लगानी चाहिए। डा.शलभ सिन्हा ने बताया उनके यहां सामान्य पटाखे से जख्मी पांच मरीज आए थे, जबकि कार्बाइड वाले पटाखों से आधा दर्जन लोग दीपावली के समय झुलसे थे।

    खतरनाक देसी गन पटाखा

    जानकारी के अनुसार, यह देसी ‘पटाखा गन’ घरेलू तरीके से बनाई जाती है और 100 से 200 रुपये में बेची जा रही है। इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित वीडियो के कारण इसका क्रेज तेजी से बढ़ा है।

    वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डा.एमके मिश्रा के अनुसार, कार्बाइड पानी के संपर्क में आने पर एसिटिलीन गैस बनाता है, जो लाइटर की चिंगारी से तेज धमाके के साथ जल उठती है।

    कई बार कार्बाइड व पानी की अधिक मात्रा से यह फट जाता है, जिससे गैस विस्फोट के साथ जलती है और कुछ ही सेकेंड में आंखों, त्वचा व चेहरे को झुलसा देती है।

    मालूम हो कि छठ से पहले कार्बाइड वाले पटाखे पर सरकार की ओर से प्रतिबंध लगाया गया। इसके बाद भी इससे घायल होकर लोग सरकारी व निजी अस्पताल आ रहे हैं।