Muzaffarpur News : दरभंगा यूटीएस काउंटर से छेड़छाड़ वाला टिकट जारी, डेढ़ मिनट का रहस्य
Muzaffarpur Larest News : दरभंगा के एक यूटीएस काउंटर से टेंपर्ड टिकट मिला। जांच में पता चला कि टिकट जारी करते समय डेढ़ मिनट तक कोई और टिकट नहीं काटा ...और पढ़ें

यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर । दरभंगा में पकड़े गए टेंपरिंग टिकट मामले में जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही, परत-दर-परत खुलती जा रही है। इस कांड में कुछ बुकिंग क्लर्कों की संलिप्तता नजर आ रही है। इसको लेकर दरभंगा जीआरपी थानाध्यक्ष किंग कुंदन ने उक्त महिला बुकिंग क्लर्क से भी पूछताछ की है, लेकिन कुछ विशेष जानकारी नहीं मिल सकी।
जीआरपी ने टाइमिंग के साथ जब वीडियो फुटेज निकाल और जांच की तो उसमें बहुत कुछ मिला है। इस घटना में पूछताछ के बाद नेपाल के रहने वाले एक व्यक्ति को जेल भेजा गया है। साथ ही मधुबनी लदनिया के रामकुमार महरा को जीआरपी ने पूछताछ कर पीआर पर छोड़ दिया।
रेल एसपी वीणा कुमारी ने रामकुमार महरा से एक बार फिर से पूछताछ करने का आदेश दिया है। साथ ही रेल एसपी ने जीआरपी थानाध्यक्ष से कार्रवाई में तेजी लाने को कहा है। पूछताछ में यात्री ने बताया कि उसने काउंटर से 520 रुपये देकर दरभंगा से अहमदाबाद का जनरल टिकट लिया।
ट्रेन छूटने पर रिफंड लेने गया तो वहां के इंचार्ज ने उल्टे दोषी बताते हुए कहीं बाहर से टिकट खरीदने की बात बताकर तीनों टेंपर्ड टिकट जब्त कर लिया। यह सारा मामला कैमरे में कैद है। वीडियो फुटेज के आधार पर जीआरपी ने जब जांच की तो पता चला कि जिस काउंटर से वह टेंपर्ड टिकट लेने की बात बता रहा, उस कंप्यूटर से डेढ़ मिनट तक कोई टिकट कटा ही नहीं।
इसके जीआरपी का शक और बढ़ गया। रेल एसपी ने कहा कि रेल टिकट के साथ छेड़छाड़ करना गंभीर मामला है। इस कांड का शीघ्र उद्भेदन कर लिया जाएगा। पिछले साल भी मुजफ्फरपुर जंक्शन पर ऐसा ही मामला पकड़ में आया था, जिसमें चार बदमाशों को टेंपर्ड टिकट के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
बता दें कि 19 नवंबर को दरभंगा के यूटीएस काउंटर पर 18 नवंबर को तुर्की से हाजीपुर के 10 रुपये के कटे टिकट को दरभंगा-अहमदाबाद बनाकर 520 रुपये में बेच दिया था। इसको लेकर समस्तीपुर व पूर्व मध्य रेल के अधिकारियों ने तुर्की स्टेशन के दो नंबर काउंटर से निकले टिकट की जांच की थी।
वहीं, रेल एसपी के आदेश पर जीआरपी थानाध्यक्ष दरभंगा ने तुर्की स्टेशन के यूटीएस काउंटर की जांच की है। आरपीएफ की शिथिलता से उस दिन केस दर्ज नहीं हो सका। चौथे दिन जीआरपी में केस दर्ज हुई। दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद रेल प्रशासन के साथ जीआरपी व आरपीएफ हरकत में आई।

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