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    Muzaffarpur News: मुशहरी थानाध्यक्ष और जांच अधिकारी पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना, चौंकाने वाला है मामला

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 01:55 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर में पॉक्सो एक्ट के एक मामले में आरोप पत्र लंबित रखने पर विशेष कोर्ट ने मुशहरी थानाध्यक्ष और जांच अधिकारी पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने इस मामले में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं, क्योंकि यह मामला छह वर्षों से लंबित है। वैशाली जिले के एक व्यक्ति ने 2019 में अपनी पुत्री के यौन शोषण और हत्या का मामला दर्ज कराया था।

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    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। छह वर्ष से पॉक्सो एक्ट के एक मामले का आरोप पत्र और फाइनल फॉर्म लंबित रखने के मामले में विशेष कोर्ट पॉक्सो एक्ट संख्या-एक के न्यायाधीश धीरेंद्र मिश्रा ने मुशहरी थानाध्यक्ष और केस के जांच अधिकारी को 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। यह राशि जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पीड़ित मुआवजा योजना में जमा होगी।

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    इस वर्ष तीन मई को विशेष कोर्ट ने थानाध्यक्ष से रिपोर्ट व स्मार पत्र भेजा था। 20 मई को स्पष्टीकरण मांगा गया। मामले में मुशहरी थानाध्यक्ष और आईओ को जुर्माना किया गया। इसकी प्रति एसएसपी को भेजकर अनुपालन कराने का आदेश दिया गया था। 22 जुलाई को एसएसपी से काल फ्रार रिपोर्ट मांगी गई।

    छह वर्षों से लंबित है पॉक्सो एक्ट का मामला:

    विदित हो कि पाक्साे एक्ट मामले का एक वर्ष में निष्पादन करना है। जबकि यह मामला छह वर्ष से लंबित है। विशेष कोर्ट ने कहा- एसएसपी आदेश का पालन कराने में फेल रहे। मामले में डीआईजी, डीजीपी व सीआईडी एडीजी को रिपोर्ट भेजा गया है। केस में अगली सुनवाई छह दिसंबर को निर्धारित की गई है।

    वैशाली जिले के एक व्यक्ति ने 2019 में कोर्ट में परिवाद दर्ज कराया था। इस परिवाद पर मुशहरी थाना में 29 नवंबर 2019 को प्राथमिकी हुई थी। इसमें बुधनगरा के मनीष कुमार, देवेंद्र शर्मा, सुरेंद्र शर्मा, रामसकल शर्मा समेत 12 लाेगों को आरोपित किया गया था।

    इसमें कहा था कि उनकी 16 वर्षीय पुत्री को तीन आरोपितों ने बहला फुसलाकर यौन शोषण किया। इसके बाद उसकी शादी आरोपित मनीष कुमार से कराई गई। इसके बाद सभी आरोपितों ने मिलकर उनकी पुत्री की 12 अप्रैल 2019 को हत्या कर दी गई।

    पूर्व में आरोपितों ने उनकी पुत्री का अश्लील वीडियो प्रसारित करने की भी धमकी दी थी। मुशहरी थाने में घटना का केस नहीं लेने पर कोर्ट परिवाद कराई गई थी। परिवाद पर केस दर्ज कर जांच की जिम्मेदारी एसआई आरसी दास को दी गई थी।