मुजफ्फरपुर में करोड़ों खर्च... फिर भी ट्रैफिक लाइट बंद, चालान कटता और चालक अनजान
मुजफ्फरपुर शहर में यातायात सुधारने के लिए करोड़ों खर्च किए गए, पर कई चौराहों पर ट्रैफिक लाइटें बंद हैं। सदर अस्पताल मोड़ और अन्य कई जगहों पर लाइटें शुरू ही नहीं हुईं, जिससे चालान कटने पर वाहन चालकों को पता भी नहीं चलता। लोगों का कहना है कि जब लाइटें चालू नहीं करनी थीं तो लगाई ही क्यों गईं। कुछ जगहों पर गलत तरीके से लाइटें लगाने से समस्या और बढ़ गई है।

ट्रैफिक लाइट बंद होने से चालकों को हो रही परेशानी। जागरण
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। शहर में यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर चौक-चौराहों पर ट्रैफिक लाइटें लगाई गईं। सड़कों की जहां चौड़ाई अधिक है, वहां पर इसका लाभ भी दिख रहा है। लोग यातायात नियमों का पालन भी करते हैं। इससे उन चौराहों पर जाम की समस्या नहीं होती है, लेकिन कुछ ऐसे भी चौराहे हैं जहां ये लाइटें मात्र शोभा की वस्तु बनकर रह गई हैं।
ट्रायल लेने तक ही इसका उपयोग सीमित रह गया। सदर अस्पताल मोड़ पर इसे चालू किया गया था, लेकिन बिना किसी कारण बंद कर दिया गया। वहीं सरैयागंज टावर, आरडीएस चौक, मिठनपुरा समेत कई अन्य चौक पर इसे चालू नहीं किया गया है। ट्रैफिक लाइट का यहां उपयोग नहीं होता है।
शहर के लोग सवाल कर रहे है कि इसे चालू नहीं करना था तो क्यों लगाया गया, जबकि यहां यातायात नियमों को कोई वाहन सवार तोड़ते हैं तो कैमरे से तुरंत चालान कट जाता है। लाइट चालू नहीं होने से वाहन सवार को इसका पता भी नहीं लगता है कि यहां पर लाइट लगी है या कैमरा चालू है। धड़ल्ले से चालान कट जाता है।
विदित हो कि शहर में करीब 27 जगहों पर ट्रैफिक लाइटें लगाई गई थीं। इस पर करीब 150 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए थे। इसके लिए पहले सर्वे भी कराया गया था। इसके बाद भी कुछ जगहों पर तो थोड़ी-थोड़ी दूर के अंतराल पर लाइटें लगा दी गईं। इसका उपयोग अब तक नहीं हो पाया। इसमें सदर अस्पताल मोड़ व कंपनीबाग रोड शामिल है।
सदर अस्पताल मोड़ से कंपनीबाग रोड की दूरी मात्र सौ से दो सौ मीटर होगी। इन दोनों जगहों पर ट्रैफिक सिग्नल चालू कर दिया गया, लेकिन इससे यातायात व्यवस्था सुधरने की जगह बिगड़ने लगी। इस पर सदर अस्पताल मोड़ पर लगी लाइट को करीब डेढ़ साल पहले ही बंद कर दिया गया। अब सिर्फ कंपनीबाग रोड वाली लाइट काम कर रही है।
अन्य जगहों पर भी सालभर से बंद हैं ट्रैफिक लाइटें
मिठनपुरा, सरैयागंज व आरडीएस चौक पर भी करीब सालभर से ट्रैफिक सिग्नल बंद पड़े हैं। ट्रायल लेने के बाद मात्र चंद दिनों तक इसे चालू किया गया। इसके बाद से लगातार ये बंद हैं। वहीं, मिठनपुरा चौक पर सड़क की चौड़ाई व टर्निंग प्वाइंट इतना अधिक है कि कभी जाम की समस्या नहीं होती है।
आरडीएस चौक का भी यही हाल है। अभी यहां पर ट्रैफिक सुचारु है, लेकिन यातायात नियम तोड़ते ही चालान कट जाता है। स्थानीय व्यवसायी संतोष कुमार का कहना है कि यहां पर लाइट की आवश्यकता नहीं थी। अगर नियमों का पालन कराना था तो सिर्फ कैमरा लगाकर छोड़ देते। अब तो विशाल पेड़ की डालियों व पत्तों से यह ढंक गए हैं। इससे पता भी नहीं लगता यहां लाइट लगी है।

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