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    Muzaffarpur vidhan sabha Seat 2025: कागज पर बनती रहीं योजनाएं, सड़कों और नालों में उलझा विकास

    Updated: Mon, 18 Aug 2025 06:47 PM (IST)

    Muzaffarpur Assembly Seat 2025 विपक्षी आरोप लगा रहे हैं कि लंबित विकास योजनाओं को विधायक पूरा नहीं करा सके। उनके बारे में कहा जा रहा है कि वे अधिकांश समय नगर निगम की राजनीति में ही उलझे रहे। मुख्यमंत्री शहरी समग्र विकास योजना एवं विधायक निधि से सड़कों एवं नालों का निर्माण हुआ है।

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    चंद्रलोक चौक पर जलजमाव की समस्या और विधायक विजेंद्र चौधरी।

     प्रमोद कुमार, मुजफ्फरपुर। Bihar Vidhan sabha Chunav 2025 / Muzaffarpur vidhan sabha Seat 2025 / Muzaffarpur Assembly Seat 2025: मुजफ्फरपुर विधानसभा क्षेत्र शहर के 49 वार्डों एवं चार पंचायतों, भगवानपुर, पताही, मधुबनी एवं मझौली खेतल को मिलाकर बना है। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर विजेंद्र चौधरी पूर्व नगर विकास एवं आवास मंत्री व तत्कालीन भाजपा विधायक सुरेश कुमार शर्मा को 6326 वोटों से पराजित कर पांचवीं बार विधायक बने थे।

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    उनके पांच वर्ष के कार्यकाल में विकास जमीन पर कम कागज पर अधिक दिखा। काम सड़क एवं नाला निर्माण तक सीमित रहा। पेयजल संकट, जलजमाव एवं जाम से शहर को मुक्ति नहीं मिली। उनका अधिकांश समय नगर निगम की राजनीति में बीता।

    मुख्यमंत्री शहरी समग्र विकास योजना एवं विधायक निधि से शहर के साथ-साथ विधानसभा के अधीन आने वाली पंचायतों में सड़कों एवं नालों का निर्माण हुआ।

    विधायक निधि का हाल

    वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2025-26 के बीच विधायक निधि में 16 करोड़ मिले, जिनमें 13.56 करोड़ की कुल 154 विकास योजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति मिली। इसके तहत कई योजनाएं पूरी हुईं और कई पर काम चल रहा है।

    वित्तीय वर्ष 2021-22 में एक करोड़ रुपये मिले, जिनमें से 96.89 लाख से कुल 17, 2022-23 में 3.14 करोड़ से 37, 2023-24 में 4.94 करोड़ से 43, 2024-25 में 3.83 करोड़ से 43 तथा 2025-26 में 1.51 करोड़ से कुल 17 योजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति मिली। अभी भी विधायक कोष में 2.71 करोड़ राशि बची है।

    विकास के काम जो हुए

    • कुल 157 योजनाओं पर काम हो रहा।
    • मुख्यमंत्री शहरी समग्र विकास योजना से दर्जनों सड़कों का निर्माण।
    • मिठनपुरा चौक से बेला होते हुए रोहुआ तक सड़क एवं नाले का हो रहा निर्माण।
    • नवयुवक समिति ट्रस्ट भवन से कल्याणी, हाथी चौक होते लेप्रोसी मिशन तक सड़क एवं नाले का निर्माण।
    • पानी टंकी चौक से मिठनपुरा एवं चर्च रोड में सड़क व नाले का निर्माण।

    ये समस्याएं नहीं हो सकीं दूर

    • 183 करोड़ की जल निकासी योजना का काम नहीं हुआ पूरा, जलजमाव की समस्या बरकरार।
    • जमीन पर नहीं उतर पाई स्मार्ट सिटी की सभी योजनाएं, जनता को नहीं मिल रहा लाभ।
    • नहीं बुझी शहरवासियों की प्यास, पेयजल संकट बरकरार।
    • वेंडिंग जोन का नहीं हुआ निर्माण, अतिक्रमण की समस्या बरकरार।
    • जाम की समस्या बरकरार, कुत्तों का आतंक व मच्छरों के दंश से नहीं मिली मुक्ति।
    • चार में से एक भी एसटीपी का नहीं हुआ निर्माण। कागज पर रह गया संप हाउस।
    • अघोरिया बाजार, गुदरी रोड व बहलखाना स्थित परित्यक्त भवन में रह रहे लोगों को नहीं मिली राहत।
    • नल-जल योजना का शहर के सभी वार्डों में नहीं हुआ काम।

    विधानसभा : एक नजर में

    कुल मतदाता  3,19,866
    पुरुष  1, 69, 191
    महिला 1,50,662
    थर्ड जेंडर 19

    लोगों का बयान

    पांच साल में विधायक ने कोई ऐसा काम नहीं किया, जिसे याद रखा जा सके। शहरवासी आज भी जाम, जलजमाव एवं पेयजल संकट झेल रहे हैं। सरकारी स्कूलों की बदहाली एवं बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया गया। सरकार से मिलकर शहर के लिए एक भी बड़ी योजना नहीं ला पाए, जिसका लाभ मिल सके।

    प्रो. एसके पाल, दत्ता गार्डेन, रामबाग

    विजेंद्र चौधरी जब पहली बार विधायक बने थे, तब खूब काम किया था। पिछले पांच साल वह कुछ विशेष नहीं कर सके। विधानसभा की जगह नगर निगम की राजनीति में ज्यादा सक्रिय रहे। उनके विधायक रहते भी शहर जलजमाव एवं जाम से मुक्त नहीं हो पाया। सड़क एवं नाले का उन्होंने जरूर निर्माण करवाया है।

    विमल कुमार उप्पल, नई बाजार

    उम्मीद थी कि गोबसही इलाका जलजमाव से मुक्त होगा। पुल बनेगा। रेवा रोड पर जलजमाव समाप्त होगा। फरदो नाला के दोनों तरफ सड़क का निर्माण होगा। सर्विस लेन अतिक्रमण से मुक्त होगा, लेकिन नहीं हुआ। भगवानपुर पंचायत में बुनियादी सुविधाओं का विकास नहीं किया गया। सामुदायिक शौचालय नहीं बना।

    राकेश चौधरी, प्रभात नगर, भगवानपुर

    न जलजमाव से मुक्ति मिली है और न ही जाम से। अतिक्रमण के कारण शहर की सड़कें सिमट गई हैं। वेंडिंग जोन बनाने की सिर्फ घोषणाएं हुईं। शहरवासियों को न आवारा कुत्तों के आतंक से मुक्ति मिली न ही मच्छरों से। गुणवत्ता को ताख पर रख सड़कें बनती और टूटती रहीं।

    राजीव कुमार सिन्हा, शिवपुरी

    पैसा खर्च हो गया, काम पूरा नहीं हुआ

    न स्मार्ट सिटी की योजनाएं पूरी हो पाईं और न ही जलनिकासी की योजना का लाभ शहरवासियों को मिला। योजना का पैसा खर्च हो गया, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ। विधायक न धोबी घाट का निर्माण करा पाए और न ही लंबित योजनाओं को जमीन पर उतार पाए। पांच साल में वेंडिंग जोन का निर्माण भी नहीं हो पाया। नगर विधायक ने पांच साल में क्या किया यह जनता को पता है।

    सुरेश कुमार शर्मा, प्रतिद्वंद्वी, पूर्व विधायक

    योजनाओं को पूरा कराने के लिए हर स्तर पर किया प्रयास

    पांच साल में लंबित योजनाओं को पूरा कराने के लिए हर स्तर पर प्रयास किया। रिवर फ्रंट के विकास, स्मार्ट सिटी के बचे काम एवं जलनिकासी योजना के लंबित कार्य को पूरा कराने को विभाग के अधिकारियों से लगातार बातचीत की। पांच साल में विभिन्न योजना मद से 350 से अधिक सड़क एवं नालों का निर्माण कराया। नगर निगम में चल रहे उठापटक को रोकने की पहल की। विधायक मद की राशि से विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली चारों पंचायतों एवं नगर निगम क्षेत्र में 14 करोड़ रुपये से 154 योजनाओं पर काम कराया। लोगों की समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया। गरीबों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए सरकार पर दबाव डाला।

    विजेंद्र चौधरी, विधायक