किसान सम्मान के बाद एक और खुशखबरी, मोंथा प्रभावित बिहार के किसानों को मिलेगा अनुदान
Montha affected farmers Bihar:मोंथा चक्रवात ने ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड के साथ ही साथ बिहार को भी बुरी तरह से प्रभावित किया था। न केवल सामान्य जनजीवन इससे प्रभावित हुआ वरन खेतों में तैयार धान की फसल बर्बाद हो गई थी। इसके साथ ही खेतों में जलजमाव की वजह से रबी की बुआई पर भी विपरीत प्रभाव देखने को मिल रहा है। इसके मद्देनजर नई नीतीश कुमार सरकार ने किसानों को अनुदान देने का फैसला किया है। इसके लिए आवेदन शुरू हो गया है।

Bihar farmers subsidy scheme: मोंथा की वजह से सबसे अधिक नुकसान धान की फसल को हुआ था। सौ: विभाग
डिजिटल डेस्क, मुजफ्फरपुर। Bihar agriculture assistance:अक्टूबर में मोंथा चक्रवात ने ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड को झकझोर कर रख दिया था। इसका व्यापक प्रभाव बिहार में भी देखने को मिला था। विशेषकर खरीफ की तैयार फैसल इसकी चपेट में आने से बर्बाद हो गई थी।
जगह-जगह खेतों जलजमाव की वजह से किसानों को बहुत नुकसान हुआ था। इसकी वजह से रबी की खेती पर भी प्रभाव देखने को मिल रहा है। अब सरकार ने इसके पीड़ितों को अनुदान देने का फैसला किया है। इसके लिए आवेदन भी शुरू हो गया है। इसमें न्यूनतम 1000 से अधिकतम 45000 रुपये तक का अनुदान मिलेगा।
किसानों को हुए नुकसान की रिपोर्ट राज्य के अधिकांश हिस्सों से मिलने के बाद उस समय कृषि विभाग की ओर से जांच कराई गई थी। इसके साथ ही साथ स्थानीय स्तर पर भी कृषि विभाग के अधिकारियों ने इसकी वजह से हुए नुकसान की रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी थी।
चुनाव की वजह से घोषणा नहीं
इस बीच बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की प्रक्रिया शुरू हो जाने से पीड़ित किसानों को अनुदान देने की प्रक्रिया अधर में लटक गई थी। आचार संहिता की वजह से किसानों को मुआवजा नहीं दिया जा सका था। नई सरकार के गठन के तुरंत बाद नीतीश सरकार ने पीड़ित किसानों को अनुदान देने की घोषणा की है। पीएम किसान सम्मन मिलने के तुरंत बाद इस घोषणा ने किसानों की खुशी बढ़ा दी है।
397 पंचायत के किसान पात्र
कृषि इनपुट अनुदान-2025 के लिए किसानों से आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। इसके लिए मुजफ्फरपुर समेत इससे प्रभावित 12 जिलों के 39 प्रखंडों की 397 पंचायतों के किसानों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। जिससे उनके बैंक खाते में सीधे भुगतान किया जा सके। इनमें बेगूसराय, पूर्वी चंपारण, कैमूर, मधुबनी, किशनगंज, गयाजी, भोजपुर, मधेपुरा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर एवं सुपौल के किसान शामिल हैं।
02 दिसंबर अंतिम तिथि
इस योजना का लाभ वैसे किसानों को दिया जाएगा जिनकी फसल का 33 प्रतिशत या उससे अधिक नुकसान हो गया है। ऐसे किसानों को कृषि विभाग की वेबसाइट या https://dbtagriculture.bihar.gov.in/ पर आवेदन कर सकते हैं। अंतिम तिथि 02 दिसंबर 2025 है।
विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि असिंचित क्षेत्र में 8500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से भुगतान किया जाएगा। वहीं सिंचित क्षेत्र के लिए 17000 रुपये दिए जाएंगे। बहुवर्षीय फसल के केस यह राशि 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर निर्धारित की गई है।
अधिक दो हेक्टेयर के लिए भुगतान
पत्र में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि दो हेक्टेयर से अधिक के लिए किसी भी हालत में भुगतान नहीं होगा। इस तरह से देखा जाए तो अधिकतम 45000 रुपये का भुगतान किया जा सकता है तो न्यूनतम 1000 रुपये तय किया गया है। यह क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग निर्धारित किया गया है।
एलपीसी या लगान रसीद जरूरी
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 का एलपीसी या लगान रसीद तथा इसके साथ स्वघोषित प्रमाण पत्र देना होगा। इसको वार्ड सदस्य व कृषि समन्वयक से प्रमाणित कराना होगा। किसी तरह की परेशानी होने की स्थिति टोल फ्री नंबर 18001801551 या जिला कृषि पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।



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