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    बिहार की 100 से अधिक सड़कों को बनाया जाएगा स्टेट हाइवे, नई सरकार बनने के साथ ही काम शुरू

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 09:32 AM (IST)

    बिहार में 100 से अधिक सड़कों को स्टेट हाइवे (State Highway Bihar) बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सड़क निर्माण विभाग ने इसके लिए लिस्ट बनाने का काम शुरू कर दिया है। इस कदम से राज्य में सड़कों का विकास होगा और लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। सरकार का लक्ष्य है कि इन सड़कों को स्टेट हाइवे बनाकर यातायात को सुगम बनाया जाए।

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    100 से अधिक मुख्य सड़कें बनेंगी स्टेट हाईवे

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। जिले की मुख्य सड़कें अब स्टेट हाईवे बनेंगी। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। इन सड़कों का शीघ्र ही वर्गीकरण किया जाएगा। इसके अलावा राज्य के कई जिलों की सड़कों का भी श्रेणी बदलेगा।

    इसमें जिले की करीब आधा दर्जन समेत राज्य की 100 से अधिक मुख्य सड़कों को स्टेट हाईवे बनाया जा सकता है। वर्गीकरण होने के बाद इसे अपग्रेड किया जाएगा। इसे लेकर पथ निर्माण विभाग ने सभी अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता से ऐसी मुख्य सड़कों की सूची मांगी है। इसके आलोक में पथ प्रमंडल स्तर पर कार्य शुरू हो चुका है।

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    पथ प्रमंडल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ऐसी मुख्य सड़क का वर्गीकरण स्टेट हाईवे में किया जाएगा। जिनका फूटफाल एक लाख से अधिक हो। साथ ही उक्त सड़क का कनेक्शन स्टेट हाइवे या फिर नेशनल हाइवे से सीधे तौर पर हो।

    ऐसी सड़क की सूची मांगी गई है। इसमें छह सड़कों को शामिल किए जाने की संभावना है, लेकिन अभी आधिकारिक तौर पर इसकी विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है। इसके वर्गीकरण को लेकर सर्वे का कार्य अभी चल रहा है। शीघ्र ही इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी।

    बताया गया कि सड़क वर्गीकरण से सड़क के निर्माण में कई तरह के परिवर्तन किए जाते हैं। उसकी चौड़ाई बढ़ जाती है। साथ ही सड़क सुरक्षा के मानक भी बढ़ जाते है। इससे सीधा लाभ राहगीरों को मिलता है। ट्रैफिक की रफ्तार बढ़ती है। मरम्मत आदि भी समय पर सुनिश्चित होता है। इससे यातायात प्रभावित नहीं होगा।

    हर चौक और सड़क पर कब्जा, निगम खोज रहा है अतिक्रमण

    मुजफ्फरपुर नगर निगम ने शहर से अतिक्रमण खत्म करने के लिए योजना बनाई है। कहा जा रहा है कि जहां अतिक्रमण दिखे वहां नोटिस जारी किया जाए। यानी निगम प्रशासन अतिक्रमण को खोज रहा है। दूसरी ओर शहर में एक भी सड़क या चौक नहीं है जहां अतिक्रमण नहीं हो। मोतीझील, अघोरिया बाजार, कल्याणी, स्टेशन रोड, क्लब रोड, जूरन छपरा, इमलीचट्टी एरिया से लेकर सब जगह एक ही स्थिति है।

    मोतीझील में तो पार्किंग स्थल को पूरी तरह से अतिक्रमित कर लिया गया है। यहां तो यह हाल है कि ट्रैफिक थाना के सामने ही पूरे दिन पार्किंग एरिया को घेरकर होटल चलाया जाता है। अब जबकि ठंड बढ़ रही है, मोतीझील में पुल के नीचे सड़क पर ऊनी कपड़े की दुकानें लग गई हैं।

    इससे अब पुल के नीचे रोज जाम लग रहा है। मोतीझील रोड में बड़े दुकानदारों ने भी नाले और फुटपाथ पर कब्जा कर रखा है।आश्चर्य यह कि यह अतिक्रमण निगम प्रशासन को नहीं दिखता।

    कल्याणी से लेकर हरिसभा चौक और क्लब रोड, पानी टंकी चौक रोड से लेकर मिठनपुरा तक छोटा नहीं, बड़ा-बड़ा अतिक्रमण है। देवी मंदिर रोड और मिठनपुरा रोड में तो शाम के समय पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। यह इसलिए कि सड़क तक दुकानें और उसके बाद ग्राहकों के वाहन।

    लोगों को बीच सड़क पर पैदल चलना पड़ता है। इससे हमेशा हादसे का खतरा रहता है। इस रोड में कोचिंग संस्थान होने के कारण कभी भी विद्यार्थी हादसे का शिकार हो सकते हैं। मगर यह अतिक्रमण निगम प्रशासन को नहीं दिखता है।<br/>स्टेशन रोड, सदर अस्पताल रोड में तो बजाप्ता अतिक्रमणकारियों को लिए अलग से पेवर ब्लाक लगा दिया गया है।

    अतिक्रमणकारियों को इससे दुकान लगाने में और आसानी हो गई। अब लोगों को भले ही परेशानी क्यों नहीं हो। इस सड़क से हमेशा जिले के वरीय पदाधिकारी की गाड़ियां गुजरती हैं। कई बार वह भी जाम में फंसते हैं।उनकी गाड़ियां तो जाम से निकल जाती, मगर आम आदमी फंसे रहते। इसके बावजूद यहां का अतिक्रमण नहीं दिखता।

    शहर के दो इंट्री प्वाइंट अघोरिया बाजार और टावर चौक इलाके का भी यही हाल है। यहां तो कोई ऐसी जगह नहीं है जहां अतिक्रमण नहीं, मगर मजाल है कि कभी अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चले। आरडीएस कालेज इलाके में सावन में या नाला की सफाई के समय अभियान चला दिया जाता है।

    इसके बाद फिर वही कहानी। आम लोग यही कहते, सब आपसी मिलीभगत से होता है। हर जगह का हिस्सा बंधा होता है। इसलिए अवैध होते हुए भी कभी अतिक्रमण पर निर्णायक कार्रवाई नहीं होती।