मुजफ्फरपुर में उजागर हुआ नवजात के सौदे का काला धंधा, आशा व खरीदार समेत तीन गिरफ्तार
Bihar Latest News : मुजफ्फरपुर के पारू थाना क्षेत्र में नवजात शिशु को बेचने के मामले में आशा, उसके बेटे और खरीदार को गिरफ्तार किया गया है। प्रसूता ने ...और पढ़ें

इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।
संवाद सहयोगी, पारू (मुजफ्फरपुर) । मुजफ्फरपुर के पारू थाना क्षेत्र के कोइरिया निजामत गांव में एक नवजात का सौदा करने के मामले में आशा रंभा देवी, उसके पुत्र और खरीदार को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया है।
प्रसूता ने आशा और उसके पुत्र पर नवजात को बेचने का दबाव डालने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी कराई। इसके बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। नवजात का सौदा आशा ने मुजफ्फरपुर के एक रिश्तेदार के साथ तय कराया था।
विदित हो कि गांव की रानी देवी ने पारू सीएचसी में शुक्रवार सुबह को पुत्र को जन्म दिया था। सीएचसी से नवजात के साथ उसे दोपहर को डिस्चार्ज कर दिया गया। वह घर पहुंची तो नवजात साथ नहीं था। देवर और अन्य स्वजन के पूछने पर उसने कुछ भी जवाब नहीं दिया।
वहीं आशा ने तबीयत खराब होने पर दूसरे अस्पताल में भर्ती कराने की बात कही। मामला संदिग्ध देख स्वजन और मुखिया के प्रतिनिधि ने थाना को सूचना दी। साथ ही ग्रामीणों ने थाना पर शनिवार को हंगामा किया। इसके बाद आशा और रानी से पूछताछ में नवजात के मुजफ्फरपुर शहर में मझौलिया स्थित राजकिशोर प्रसाद के घर से शनिवार रात बरामद कर लिया। उस समय रानी ने नवजात के लालन-पालन के लिए दूसरे को देने की बात कही थी।
थाना स्तर से भी विस्तार से मामले की जांच नहीं कर आशा और रानी को पीआर बांड पर रिहा कर दिया। इसके बाद मामले में वरीय अधिकारियों ने संज्ञान लिया। मामले ने तूल पकड़ा तो रानी ने प्राथमिकी दर्ज करा दी।
रानी देवी ने प्राथमिकी में आशा रंभा देवी पर नवजात को गायब कर दिए जाने का गंभीर आरोप लगाया। कहा, उसे आशा रंभा देवी और उसका पुत्र अंकित कुमार सीएचसी ले गया। वहां बेटे को जन्म दिया। इसके बाद बाद दोनों मेरे नवजात पुत्र को मुजफ्फरपुर शहर के एक व्यक्ति को देने की जिद करने लगे।
हम कुछ बात नहीं समझ सके और देने के लिए राजी हो गए। बाद में पता चला कि आशा अपने एक रिश्तेदार के हाथों मेरे बेटे की बिक्री कर दी है। इसी दौरान यह भी पता चला कि दो लाख रुपये में मेरे बेटे को बेचा गया है। विरोध किया तो आशा के पुत्र ने धमकी देते हुए कहा कि उसके रिश्तेदार को बच्चा नहीं दोगी तो बच्चे की हत्या कर दी जाएगी।
वह घर पहुंची तो बच्चे को नहीं देखा। इसके बाद पूरी घटना की जानकारी लेने के बाद उसके स्वजन ने थाने में शिकायत की। पुलिस ने पूछताछ के लिए आशा और अंकित के साथ मुझे भी थाने लेकर गई। पुलिस ने पूछताछ के बाद देर रात पीआर बांड पर हम सभी को छोड़ दिया।
थाना स्तर से सभी को पीआर बांड पर छोड़े जाने के मामले ने तूल पकड़ा। वरीय अधिकारी को इसकी जानकारी मिली तो थानाध्यक्ष को विधि सम्मत कार्रवाई का आदेश दिया। इसके बाद थानाध्यक्ष चंदन कुमार ने रविवार देर रात छापेमारी कर आशा रंभा देवी, अंकित कुमार एवं खरीदार मुजफ्फरपुर मझौलिया मोहल्ला निवासी राजकिशोर प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया।
तीनों को सोमवार को जेल भेज दिया गया। साथ ही थानाध्यक्ष अवकाश पर चले गए। प्रभारी थानाध्यक्ष आलोक कुमार यादव ने बताया कि वरीय अधिकारी के आदेश पर कार्रवाई की जा रही है। तीनों आरोपित को जेल भेज दिया गया है।
सिविल सर्जन डा.अजय कुमार ने कहा कि मामला गंभीर है। इस तरह के मामले फिर नहीं हो, इसके लिए सभी चिकित्सा प्रभारी को निर्देश दिया जा रहा है। वह आशा की मानीटरिंग करेंगे।

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