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    बिहार चुनाव में देना होगा पाई-पाई का हिसाब, नवादा-हिसुआ में पहला खर्चा लेखा-जोखा पेश

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 07:58 PM (IST)

    नवादा में बिहार विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों के चुनावी खर्चों का लेखा-जोखा गुरुवार से शुरू हो गया। निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त व्यय प्रेक्षक पाई-पाई का हिसाब मिलान कर रहे हैं। प्रत्याशियों को चुनाव परिणाम से पहले तीन बार खर्च का हिसाब देना है। खर्चों का हिसाब रखने के लिए दैनिक व्यय रजिस्टर की व्यवस्था की गई है, जिसमें तीन रंग के पन्ने हैं। एक प्रत्याशी अधिकतम 40 लाख रुपये तक चुनावी खर्च कर सकता है।

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    नवादा-हिसुआ में पहला खर्चा लेखा-जोखा पेश

    मनमोहन कृष्ण, नवादा। बिहार विधानसभा के चुनावी दंगल में उतरे प्रत्याशियों के खर्चों का लेखा-जोखा गुरुवार से पेश किया जाने लगा। पहले दिन नवादा और हिसुआ विधानसभा क्षेत्र का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के अभिकर्ताओं (एजेंटों) ने चुनावी खर्चे का ब्यौरा दिया। 

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    इस दौरान भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रतिनियुक्त व्यय प्रेक्षक किरण के. छत्रपति(आईआरएस) प्रत्याशियों द्वारा खर्च किए गए पाई-पाई का हिसाब-किताब मिलान कराते देखे गए।

    नवादा कलेक्ट्रेट स्थित वाणिज्य कर भवन के तीसरे तल पर चुनावी खर्चों का हिसाब देने को भीड़भाड़ देखी गई। सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रत्याशियों के अभिकर्ताओं ने निर्धारित मापदंडों के आधार पर नामांकन के बाद से गुरुवार तक खर्च किए गए राशि का हिसाब दिया। व्यय कोषांग के नोडल पदाधिकारी मनोज कुमार साह पूरी प्रक्रिया पर नजर बनाए थे।

    पहले दिन हिसुआ विधानसभा क्षेत्र के 14 और नवादा विधानसभा के 12 प्रत्याशियों द्वारा चुनावी खर्च का ब्यौरा प्रस्तुत किया जाना था। जिन प्रत्याशियों द्वारा ससमय खर्च का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत नहीं होगा, व्यय कोषांग उन्हें नोटिस भेजेगा। 

    शुक्रवार को रजौली, गोविन्दपुर और वारिसलीगंज के 29 प्रत्याशियों के अभिकर्ता चुनावी खर्च से जुड़े कागजात जमा कराएंगे।

    प्रत्याशियों को चुनाव परिणाम घोषित होने तक तीन बार देना है हिसाब

    विधानसभा चुनाव परिणाम की घोषणा के पूर्व प्रत्याशियों को तीन अलग-अलग बार चुनावी खर्चे का हिसाब देना है। द्वितीय लेखा-जांच पांच व छह नवम्बर और तीसरी एवं अंतिम लेखा-जांच आठ व नौ नवम्बर को प्रस्तुत करना होगा। लेखा-जांच के दौरान प्रत्याशियों या उनके अभिकर्ताओं के अनुपस्थिति पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

    बता दें कि प्रत्येक अभ्यर्थी द्वारा नामांकन कराने से पहले जीरो बैलेंस पर बैंक खाता खोला गया है, जिसके माध्यम से सभी प्रकार के चुनावी व्यय किए जा रहे हैं। एक प्रत्याशी अधिकतम 40 लाख रुपये तक चुनावी खर्च कर सकता है। 

    प्रतिदिन मात्र दस हजार रुपये तक के नगद(कैश) भुगतान की अनुमति है। हरेक खर्च के लिए पक्का बिल (जीएसटी) प्रस्तुत करना है, जबकि दो सौ रुपये तक के खर्च का भुगतान कच्चे बिल के माध्यम से दिखाया जा सकता है। चुनाव में धन-बल के दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से व्यापक प्रबंध किए गए हैं।

    दैनिक व्यय के लिए तीन अलग-अलग रंग के रजिस्टर

    भारत निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों के चुनावी खर्च का हिसाब-किताब रखने को एक अनोखी पहल की है। इस बार प्रत्याशियों को खर्च का ब्यौरा देने के लिए दैनिक व्यय रजिस्टर की व्यवस्था की गई है। जिसमें तीन अलग-अलग रंग के पन्ने हैं। 

    पीला पन्ना में बैंक खाते से खर्च होने वाले लेखा-जोखा को लिखना है, जिसमें चेक नंबर और उसके भुगतान का उद्देश्य लिखा जाना है। वहीं गुलाबी पन्ने में नकद लेन-देन का पूरा हिसाब देना है।

    प्रत्येक नगद भुगतान की रसीद और विवरण इस पन्ने पर दर्ज किया जाना है। जबकि रजिस्टर के उजला पन्ना पर दैनिक खर्चों का ब्यौरा देना है।