चुनावी चर्चा जोरों पर, ग्रामीण बोले — अब नहीं बिकेगा वोट, चाहिए काम और ईमानदार नेता
रजौली में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही चुनावी माहौल गरमा गया है। युवा सड़क, रोजगार और शिक्षा जैसे मुद्दों पर ध्यान देने की बात कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नेता चुनाव के बाद वादे भूल जाते हैं, इसलिए वे सोच-समझकर वोट देंगे। बुजुर्गों का कहना है कि उन्हें विकास चाहिए, झूठे आश्वासन नहीं। प्रशासन चुनावी गड़बड़ी रोकने के लिए सक्रिय है, और जनता अब पैसे की राजनीति के खिलाफ खड़ी है।

संवाद सूत्र, रजौली। विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही क्षेत्र का माहौल पूरी तरह सियासी रंग में रंग गया है। गांव-गांव में बैठकी, नुक्कड़ चर्चा और चाय की दुकान पर एक ही सवाल गूंज रहा है। क्या इस बार भी पैसा बोलेगा या जनता की समझ।
ग्राम रजौली के युवक बबलू कुमार कहते हैं, अब गांव का युवा समझदार हो गया है। सड़क, रोजगार और शिक्षा की जरूरत है, न कि चुनाव के समय मिलने वाले कुछ रुपए से जिंदगी चलेगी।
वहीं ग्राम हरदिया के मुन्ना सिंह ने कहा, “नेता लोग वोट मांगने आते हैं तो बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद किसी को हमारी याद नहीं रहती। इस बार हम सोच-समझकर वोट देंगे।
गांव की बुजुर्ग सुमा देवी का कहना है, पहले लोग जात-पात या लोभ, लालच में वोट नहीं देते थे, लेकिन अब जमाना बदल गया है। हमें चाहिए विकास, ना कि झूठे आश्वासन।”
इधर प्रशासन ने चुनावी गड़बड़ी रोकने के लिए टीमों को सक्रिय कर दिया है। फ्लाइंग स्क्वाड और पुलिस लगातार नजर रख रही है ताकि पैसों या उपहारों से वोटरों को प्रभावित न किया जा सके।
रजौली में चुनावी माहौल अब धीरे-धीरे “पैसे की राजनीति बनाम जनता की समझदारी की जंग में बदलता जा रहा है। जनता का मूड साफ है । अब वोट बिकेगा नहीं, काम पर टिकेगा।

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