Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Chunav: 'जानकर आश्‍चर्य होगा', क्‍यों बोले सीएम नीतीश कुमार, 40 लाख के आंकड़े का भी क‍िया जिक्र

    By Bhuwaneshwar Vatsyayan Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Tue, 04 Nov 2025 06:25 PM (IST)

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक्‍स पर बिहार में रोजगार और नौकरी की चर्चा की है। उन्‍होंने पूर्व के समय में नौकरी व रोजगार के लिए युवाओं को क्‍या-क्‍या परेशानी होती थी, यह लिखा है। साथ ही यह भी बताया कि सरकार बनने पर उन्‍होंने युवाओं व छात्रों के लिए क्‍या-क्‍या काम किए। 

    Hero Image

    सीएम नीतीश कुमार ने एक्‍स पर क‍िया पोस्‍ट। जागरण आर्काइव

    राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि 2005 के पहले के वो दिन सभी को याद होंगे जब बिहार में बेरोजगारी चरम पर थी।

    पहले रोजगार के बदले जमीन लिखवा ली जाती थी। युवा दर-दर भटकने को मजबूर थे। कुछ पदों पर बहाली निकलती भी तो सत्ता पोषित लोग उसका सौदा करने में लग जाते थे।

    युवा वर्ग के सामने नौकरी और रोजगार को लेकर अंधकार छाया हुआ था। तत्कालीन सरकार की युवाओं को नौकरी और रोजगार देने को लेकर नीति और नीयत दोनों ही स्पष्ट नहीं थी।

    राज्‍य के बाहर झेलनी पड़ती थी प्रताड़ना 

    राज्य के युवा रोजगार की खोज में दर-दर भटकने और दूसरे राज्यों में पलायन को मजबूर थे। उस वक्त राज्य की शासन प्रणाली इतनी खराब हो चुकी थी कि बिहार के युवा जब दूसरे राज्यों में रोजगार के लिए जाते थे, तो उन्हें हेय दृष्टि से देखा जाता था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्हें कई तरह की यातनाएं झेलनी पड़ती थी। राज्य के बाहर युवाओं की बिहार और बिहारी के नाम पर खिल्ली उड़ायी जाती थी। राज्य के बाहर लोग अपनी पहचान छिपाने को विवश थे, क्योंकि उस वक्त बिहारी कहलाना अपमान का विषय बन गया था।

    नीतीश ने लिखा कि 24 नवंबर 2005 को राज्य में जब नयी सरकार का गठन हुआ, तो हमलोगों ने युवाओं के लिए सरकारी नौकरी और रोजगार मुहैया कराने को लेकर एक ठोस नीति बनायी।

    इसके लिए सबसे पहले हमलोगों ने राज्य के अलग-अलग विभागों में खाली पड़े पदों पर बहाली का निर्णय लिया। वर्ष 2005 से 2020 के बीच राज्य में 8 लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी और लाखों लोगों को रोजगार दिया गया।

    नौकरी और रोजगार के लिए बनाया रोडमैप

    राज्य में और ज्यादा युवाओं को नौकरी और रोजगार देने के लिए हमलोगों ने रोडमैप तैयार किया और वर्ष 2020 में सात निश्चय-2 के तहत 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 10 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।

    जब युवाओं को नौकरी और रोजगार के लिए चौतरफा काम शुरू हुआ, तो इसके सुखद परिणाम आने शुरू हो गये। जानकर आश्चर्य होगा कि इन पांच वर्षों (वर्ष 2020 से 2025) में 10 लाख के बजाय 40 लाख लोगों को रोजगार दिया जा चुका है, जबकि 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी भी दे दी गयी है।

    ऐसे में अब तक 50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार दे दिया गया । अगले 5 वर्षों (वर्ष 2025-2030) में एक करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए विभिन्न विभागों में बड़ी संख्या में नए पद सृजित किये जाएंगे।

    युवाओं को रोजगार पाने योग्य बनाने हेतु विभिन्न तकनीकी संस्थानों में बड़े पैमाने पर कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण का इंतजाम किया गया है। राज्य में उद्योगों की स्थापना एवं निवेश की व्यवस्था कर रोजगार के अवसर पैदा किये जायेंगे।

    नई उद्योग नीति के तहत राज्य में उद्योग-धंधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। संविदा पर कार्यरत कर्मियों को उच्चस्तरीय समिति की अनुशंसाओं के आलोक में पहले से ही 60 साल तक की उम्र का कार्यकाल, सरकारी नौकरी में कार्य अनुभव के आधार पर अधिमानता, मानदेय में नियमित वृद्धि की सुविधाएं दी जा रही हैं।

    इन संविदाकर्मियों यथा- विकास मित्र, टोला सेवक, तालिमी मरकज, डाटा इन्ट्री आपरेटर एवं अन्य सभी के लिये क्षमतावर्द्धन की व्यवस्था कर उनके अनुभव के आधार पर उन्हें सरकारी कर्मी के अनुरूप सारी सुविधायें दी जायेगी।