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    Bihar Chunav: कांग्रेस के 60 प्रत्याशी तय, आज लगेगी फाइनल मुहर

    Updated: Mon, 13 Oct 2025 05:00 AM (IST)

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए एनडीए ने सीटों का बंटवारा कर महागठबंधन से बढ़त बना ली है। महागठबंधन में सीटों को लेकर खींचतान जारी है, और कांग्रेस ने 60 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम तय कर लिए हैं। राजद और वाम दल भी तैयारी में हैं, लेकिन मुकेश सहनी को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। सीट बंटवारे में देरी से महागठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठ रहे हैं।

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    महागठबंधन में सीट शेयरिंग की चर्चा के बीच कांग्रेस की लगभग 60 सीटें तय। फोटो जागरण

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए पहले सीटों का बंटवारा कर एनडीए ने महागठबंधन से इस मामले में बढ़त बना ली है। जबकि, दूसरी ओर महागठबंधन में सीटों का बंटवारा अभी अधर में है।

    राजद-कांग्रेस के साथ महागठबंधन के दूसरे घटक दलों के बड़े नेता दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) प्रमुख मुकेश सहनी को भी महागठबंधन ने दिल्ली तलब कर लिया है। उन्होंने पटना से रवानगी के पहले कहा कि महागठबंधन थोड़ा बीमार हो गया है। सारे डाक्टर दिल्ली में हैं, वहीं जाकर सही उपचार होगा।

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    सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पहले चरण के नामांकन के पहले महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर खींचतान तेज हो गई है। कांग्रेस ने अपने हिस्से की लगभग 60 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम तय कर लिए हैं।

    पार्टी के विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, इन नामों पर सोमवार को दिल्ली में होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में मुहर लगेगी। वहीं, शेष सीटों पर अब भी महागठबंधन के घटक दलों के बीच मोलभाव होगा।

    कांग्रेस ने समय रहते स्थिति को भांपते हुए लगातार स्क्रीनिंग के जरिए अपने उम्मीदवारों का चयन करीब-करीब कर लिया है। प्रदेश नेताओं और जिला इकाइयों से आए फीडबैक के आधार पर उम्मीदवारों की सूची तैयार की गई है। इनमें कई पुराने नेताओं को मौका मिला है, जबकि कुछ सीटों पर नए चेहरों को प्राथमिकता दी गई है।

    सूत्र बताते हैं कि पार्टी ने इस बार जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों का चयन किया है, ताकि किसी वर्ग में नाराजगी की स्थिति न बने।

    दूसरी ओर, राजद ने भी अपने उम्मीदवारों के नाम करीब-करीब तय कर लिए हैं और कुछ उम्मीदवारों को फोन भी जाने शुरू हो गए हैं। भाकपा-माले समेत अन्य वाम दलों ने भी महागठबंधन की शर्तो पर करीब-करीब रजामंदी दे दी है।

    अलबत्ता मुकेश सहनी को लेकर तस्वीर अब तक साफ नहीं है। महागठबंधन ने अंतिम तौर पर सहमति बनाने से पूर्व सहनी को भी दिल्ली बुला लिया है।

    सहनी ने पटना से रवाना होने के पूर्व एयरपोर्ट पर मीडिया से कहा कि महागठबंधन का स्वास्थ्य थोड़ा ठीक नहीं। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस गठबंधन में अब तक स्थितियां साफ नहीं।

    बावजूद राजद नेतृत्व की कोशिश है कि विवाद को जल्द सुलझा लिया जाए, लेकिन कांग्रेस के भीतर कई सीटों पर स्थानीय समीकरणों और संभावित उम्मीदवारों को लेकर असहमति है।

    कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस अपने पुराने गढ़ को छोडऩे को तैयार नहीं, जबकि राजद अपने कार्यकर्ताओं के दबाव में वहां उम्मीदवार उतारने की सोच रही है।

    इस रस्साकशी ने महागठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जानकारों का मानना है कि महागठबंधन में यदि सीट बंटवारे का विवाद जल्द नहीं सुलझा, तो इसका सीधा असर चुनाव प्रचार और गठबंधन की साख पर पड़ेगा।