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    Bihar: बागी कांग्रेसियों का धरना, पूर्णिया सांसद पप्‍पू यादव मनाने पहुंचे तो हुआ कुछ ऐसा

    By Vyas ChandraEdited By: Vyas Chandra
    Updated: Fri, 21 Nov 2025 04:52 PM (IST)

    बिहार कांग्रेस में आंतरिक विवाद सतह पर आ गया है। पूर्णिया में असंतुष्ट कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने धरना दिया, जहाँ सांसद पप्‍पू यादव उन्हें मनाने पहुंचे। कार्यकर्ताओं ने स्थानीय नेताओं पर मनमानी का आरोप लगाया और नारे लगाए।  

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    पप्‍पू यादव के सामने नारे लगाते कांग्रेस के बागी। जागरण

    ड‍िजिटल डेस्‍क, पटना। Bihar Chunav 2025 में करारी हार के बाद कांग्रेस में कलह जोरों पर है। गुरुवार को बागी नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस मुख्‍यालय सदाकत आश्रम में धरना दिया। 

    धरना के बीच पूर्णिया सांसद पप्‍पू यादव पहुंचे। उन्‍होंने धरना पर बैठे विक्षुब्‍धों के सामने जमीन पर बैठकर उन्‍हें मनाने का प्रयास किया। इस दौरान वापस जाओ के नारे भी लगे। 

    नाराज कांग्रेसियों ने उन्‍हें भी खरी-खोटी सुनाई। गलत उम्‍मीदवार को टिकट देने को पार्टी की इस बड़ी पराजय का कारण बताया गया। 

    हंगामे के बीच ही प्रदेश अध्‍यक्ष राजेश राम पहुंचे। वे अपने कार्यालय कक्ष में जा रहे थे, इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की। 

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    गो बैक और टिकट चोर के लगे नारे

    प्रदेश अध्‍यक्ष के अलावा प्रदेश प्रभारी के खिलाफ उनलोगों ने नारे लगाए। पप्‍पू यादव की प्रदेश अध्‍यक्ष के साथ बंद कमरे में वार्ता हुई। इसके बाद पप्‍पू यादव निकल गए। 

    दरअसल वरिष्‍ठ नेताओं, निवर्तमान विधायकों के टिकट काटे जाने और बाहरी उम्‍मीदवारों की दावेदारी के खिलाफ कांग्रेस के बागी धरना पर बैठे। 

    इनमें पार्टी के पूर्व प्रवक्‍ता और कांग्रेस रिसर्च विंग के अध्यक्ष आनंद माधव समेत अन्‍य नेता शामिल हैं। माधव आनंद ने एक दिनप पूर्व प्रेस बयान जारी किया था। 

    यह भी पढ़ें- Bihar: कांग्रेस की मह‍िला प्रदेश अध्‍यक्ष ने द‍िया इस्‍तीफा, बताया क्‍या हुआ पहली बार?

    गलत नेतृत्‍व में कांग्रेस

    उनका कहना था कि बागी नेता ही कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं। पार्टी का प्रदेश नेतृत्व आज गलत हाथों में चला गया है। पार्टी में आरएसएस-भाजपा के हाथों को मजबूत करने वाले लोग चला रहे हैं।

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    इसके विरोध में कांग्रेस के सच्चे सिपाही-कार्यकर्ता और राहुल गांधी के हाथों को मजबूत करने वाले नेता शांतिपूर्ण धरना देंगे। हमारी मांग है पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी को हटाया जाए और इन पर सख्त कार्रवाई की जाए।

    इधर बागी नेताओं के तेवर के बीच कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने भी इन पर कार्रवाई की तैयारी कर ली थी। पूर्व में ही पार्टी ने तीन दर्जन से अधिक नेताओं को कारण बताओ नोटिस देकर 21 नवंबर तक जवाब देने की मोहलत दी है।

    यह मियाद शुक्रवार को पूरी हो रही है। सूत्रों ने बताया कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगाकर बागी नेताओं को बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है।

    बहरहाल कांग्रेस फिलहाल दो फाड़ नजर आ रही है। शुक्रवार का दिन कांग्रेस के दोनों खेमे के लिए निर्णायक है।