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    Bihar News: ऐसे पढ़ेगा तो कैसे बढ़ेगा बिहार? 8 शिक्षकों के बूते ढाई हजार छात्रों का भविष्य

    Updated: Wed, 22 Oct 2025 12:27 PM (IST)

    बिहार में शिक्षा व्यवस्था की हालत चिंताजनक है। एक विद्यालय में लगभग ढाई हजार छात्रों की पढ़ाई केवल आठ शिक्षकों के भरोसे है। शिक्षकों की भारी कमी के कारण छात्रों की शिक्षा पर बुरा असर पड़ रहा है। यह स्थिति बिहार की शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठाती है और राज्य के विकास पर प्रश्नचिह्न लगाती है।

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    राजकीयकृत मारवाड़ी उच्च माध्यमिक विद्यालय के छात्र। फोटो जागरण

    अहमद रजा हाशमी, पटना सिटी। सरकारी विद्यालयों में उच्च और माध्यमिक शिक्षा के साथ व्यवस्था का बुरा हाल है। इसकी एक बानगी है शहीद भगत सिंह चौक से चंद कदम पर स्थित राजकीयकृत मारवाड़ी उच्च माध्यमिक विद्यालय।

    12 मार्च 1938 में स्थापित और दो अक्टूबर 1980 को राजकीयकृत हुए इस विद्यालय में 2501 विद्यार्थी नामांकित हैं। इन्हें पढ़ाने के लिए केवल आठ शिक्षक हैं। यहां शिक्षकों के स्वीकृत पदों की संख्या 32 है। महज एक चौथाई शिक्षकों के बूते विद्यार्थियों को पढ़ाने की औपचारिकता पूरी हो रही है।

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    किसी भी भाषा को पढ़ाने के लिए सालों से एक भी शिक्षक नहीं हैं। यह पटना साहिब विधान सभा क्षेत्र का बेहद प्रतिष्ठित उच्च विद्यालय है। यहां के पूर्व विद्यार्थी आज कई प्रतिष्ठित स्थानों पर विराजमान हैं।

    चिंता के साथ आश्चर्यजनक सच यह है कि 87 वर्ष प्राचीन और 28 कमरों वाले इस विद्यालय में अंग्रेजी हिंदी, उर्दू, संस्कृत समेत कई विषयों को पढ़ाने के लिए कई सालों से शिक्षक नहीं है।

    यहां के विद्यार्थी हर वर्ष दसवीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षा में शामिल होकर उत्तीर्ण भी हो रहे हैं। विद्यार्थियों ने बताया कि केवल नामांकन लेने और परीक्षा देकर परिणाम हासिल करने तक का रिश्ता ही इस विद्यालय से बना हुआ है। पढ़ाई कोचिंग और निजी शिक्षक से करनी पड़ती है।

    विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजीव रंजन ने बताया कि अपना भवन, स्मार्ट क्लास, प्रयोगशाला, एनसीसी की इकाई है लेकिन शिक्षक की घोर कमी है। नौवीं और दसवीं के छह सेक्शन में 840 छात्र नामांकित हैं। इन्हें सभी विषय पढ़ाने के लिए केवल चार शिक्षक हैं। किसी भी भाषा को पढ़ाने के लिए कई सालों से एक भी शिक्षक नहीं हैं।

    प्रधानाध्यापक ने बताया कि विद्यालय में विज्ञान, वाणिज्य एवं कला संकाय में इंटरमीडिएट में 1661 विद्यार्थी नामांकित हैं। विज्ञान संकाय में गणित, भौतिकी, रसायन पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं है।

    कला संकाय के लिए इतिहास के केवल एक शिक्षक कार्यरत हैं। इंटरमीडिएट में नामांकित छात्र-छात्राओं ने बताया कि विषय के शिक्षक नहीं होने के कारण पठन-पाठन नहीं होता है।