Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिहार में महागठबंधन और NDA में सीट बंटवारे पर फंसेगा पेंच! प्रशांत किशोर और तेज प्रताप पर होंगी सबकी नजरें

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 07:23 PM (IST)

    बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक दलों में सीटों के बंटवारे को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है। महागठबंधन में रालोजपा और झामुमो के शामिल होने से अब कुल आठ दल हो गए हैं जिससे सीटों का बंटवारा और भी मुश्किल हो गया है। वहीं एनडीए में भी चिराग पासवान और जीतन राम मांझी की मांगों के कारण स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।

    Hero Image
    बिहार में महागठबंधन और NDA में सीट बंटवारे पर फंसेगा पेंच। (जागरण)

    डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। सभी पार्टियां जनता को अपनी ओर लुभाने के लिए मैदान में उतर चुकी हैं। शीट शेयरिंग को लेकर भी रस्साकशी तेज हो गई है।

    एनडीए और महागठबंधन दोनों में सीटों के बंटवारे को लेकर बैठकें शुरू हो गई हैं। एनडीए गठबंधन में जहां चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की मांगों के कारण बातचीत चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।

    वहीं, विपक्षी खेमे में दो और दल शामिल हो गए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) भी अब महागठबंधन के घटक बन गए हैं।

    महागठबंधन में कुल आठ दल

    इन्हें लेकर अब महागठबंधन में कुल आठ दल हो गए हैं। अब राज्य की 243 विधानसभा सीटों को लेकर 8 दलों में बंटवारा होगा, ऐसी स्थिति में अब सभी को खुश कर पाना मुश्किल है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राजद के साथ कांग्रेस, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी), भाकपा, माकपा और भाकपा-माले पहले से ही महागठबंधन में थे। अब महागठबंधन में भी सीटों के बंटवारे को लेकर पेंच फंसना तय है।

    पहले से ही कांग्रेस और भाकपा-माले ज्यादा सीटों की मांग कर रहे हैं। झामुमो के साथ रालोजपा को राजद अपने हिस्से से सम्मानजनक सीटें देगा। तेजस्वी को राहुल को खुश करना भी बहुत बड़ी चुनौती होगी।

    शनिवार को तेजस्वी यादव के सरकारी आवास पर हुई बैठक में कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावारू, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम के साथ वीआईपी के संस्थापक मुकेश सहनी की उपस्थिति रही।

    12 सीटों की दावेदारी

    चर्चा यह भी है झामुमो को चकाई, कटोरिया सहित चार से छह सीटें मिल सकती हैं। हालांकि, उसकी दावेदारी 12 सीटों की है। अलौली सहित रालोजपा को दो-तीन सीटें मिलेंगी। वह आधा दर्जन की अपेक्षा पाले हुए है।

    वहीं, वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी बार-बार यह बयान दे रहे हैं कि बिहार में महागठबंधन में सबकुछ सही चल रहा है।

    सीट शेयरिंग को लेकर सबकुछ ठीक

    सीट शेयरिंग को लेकर सहनी ने कहा कि सीटों को लेकर कोई विवाद नहीं है और पार्टी तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। वहीं, मुकेश सहनी जहां यह भी कह रहे हैं कि पार्टी जल्द ही उपमुख्यमंत्री के नामों का भी एलान करेगा।

    एनडीए में भी पेंच फंसना तय

    वहीं बात करें एनडीए गठबंधन की तो वहां भी इस बार सीट शेयरिंग पर पेंच फंसना तय माना जा रहा है। चिराग की बगावत और बार-बार मांझी का चिराग पर हमला काफी कुछ संकेत कर रहा है।

    चिराग की पार्टी इस बार चुनावों में 40 से अधिक सीटों पर दावेदारी को लेकर अड़ी हुई है, वहीं मांझी को भी इस बार चुनाव में कम से कम 20 सीटों के लिए दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं।

    प्रशांत किशोर पर सबकी नजर

    सियासी जानकारों की मानें तो इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर महागठबंधन और एनडीए दोनों में फेंच फंसने की संभावना प्रबल है।

    वहीं, जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर किस ओर अपना पाल मोड़ते हैं, इस पर भी सबकी नजर है। वहीं, राजद से निष्कासित तेज प्रताप यादव भी मैदान में हुंकार भर रहे हैं। अगर आखिर तक उन्हें भी मनाया नहीं गया तो वह भी महागठबंधन को चोट पहुंचा सकते हैं।

    यह भी पढ़ें- 

    चिराग के जीजा ने याद दिलाया 2020 का विधानसभा चुनाव, बोले- LJPR में अकेले चुनाव लड़ने का माद्दा

    comedy show banner
    comedy show banner