Bihar Chunav : सुरक्षा बलों की रही कड़ी चौकसी, बड़ी संख्या में गिरफ्तारी के साथ क्या-क्या हुए बरामद?
बिहार चुनाव के दौरान पुलिस ने सख्ती बरतते हुए 590 लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही, 1,151 लीटर अवैध शराब और डेढ़ लाख रुपये भी जब्त किए गए। यह कार्रवाई चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए की गई। पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर इन अवैध गतिविधियों का पर्दाफाश किया।

मतदान के दौरान वाहनों की जांच करती पुलिस। जागरण
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Elections 2nd phase Voting: बिहार विधानसभा के दूसरे चरण का मतदान भी शांतिपूर्ण रहा।
गया, जमुई, औरंगाबाद, रोहतास के नक्सल प्रभावित रहे इलाकों में भी मतदाताओं ने भयमुक्त होकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
पुलिस मुख्यालय के अनुसार, मंगलवार को मतदान के दौरान देर शाम तक 590 लोगों की गिरफ्तारी की गई। इस दौरान दस वाहन, चार मोबाइल, 1153 लीटर शराब और डेढ़ लाख रुपये नकद जब्त किए गए।
छिटपुट घटनाओं को छोड़कर कोई उल्लेखनीय घटना नहीं हुई। उग्रवाद के कारण किसी भी मतदान केंद्र को स्थानांतरित नहीं किया गया।
पूर्व में उग्रवाद से अत्यधिक प्रभावित रहे गया के इमामगंज विधानसभा के छकरबंधा थाना अंतर्गत पिछुलिया गांव, भदवर थाना के अंतिम गांव नबीगढ़, रोहतास के रेहल और जमुई के चोरमारा गांव में पहली बार मतदाताओं ने भयमुक्त होकर अपने मूल स्थान पर मतदान किया।
गया के तारचुआ में 79 प्रतिशत, पिछुलिया में 71 प्रतिशत, बरहा में 78 प्रतिशत, बरहा में 75 प्रतिशत और भदवर के नवीगढ़ में 62 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ।
छह अक्टूबर को विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के बाद से अब तक इसके उल्लंघन के 511 मामले दर्ज किए गए हैं। राज्य के 1212 सक्रिय अपराधियों के विरुद्ध सीसीए के तहत जिला बदर की कार्रवाई की गई है।
अब तक राज्य व केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई में तीन लाख 18 हजार लीटर शराब, 20 करोड़ के मादक द्रव्य, चार करोड़ से अधिक की बहुमूल्य धातु व अन्य सामान और सात करोड़ 84 लाख की नकद राशि बरामद की गई है।
459 चेकपोस्ट से निगरानी, मुख्यालय से होती रही मानीटरिंग
दूसरे चरण में नेपाल के साथ झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश की सीमा से लगने वाले 17 जिले रहे। इसको लेकर नेपाल के साथ तीनों राज्यों की सीमा पर 459 चेकपोस्ट बनाकर निगरानी की गई।
पुलिस मुख्यालय के स्तर से भी डीजीपी कंट्रोल रूम के जरिए कार्रवाई की मानीटरिंग होती रही। चुनाव की सुरक्षा व्यवस्था में 1650 कंपनी केंद्रीय बलों के साथ, 50 कंपनी बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल और 42 हजार से अधिक जिला बल के पदाधिकारी एवं कर्मी भी लगाए गए थे।
इसके अलावा मतदाताओं को कतारबद्ध करने के लिए मतदान केंद्रों पर 22 हजार होमगार्ड, 19 हजार से अधिक प्रशिक्षु सिपाही और 3600 से अधिक चौकीदार व दफादार की प्रतिनियुक्ति की गई थी। सभी बूथों पर सशस्त्र बलों के साथ वेब कास्टिंग की व्यवस्था भी की गई थी।

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