Bihar Politics: 'क्या उन्हें पत्नी और बेटे के अलावा...', लालू यादव पर संजय झा का तीखा हमला
जदयू नेता संजय झा ने कहा कि बिहार की जनता को विकास और खोखले वादों में से एक को चुनना है। महागठबंधन ने घोटाले के आरोपी को सीएम चेहरा बनाया है। कांग्रेस ने बिहार में भ्रष्टाचार के पर्याय परिवार के आगे सरेंडर कर दिया है। नीतीश कुमार ने विकास किया है और बिना भेदभाव के सुविधाएँ दी हैं। विपक्ष हार देखकर झूठे वादे कर रहा है।

संजय झा और लालू यादव।
राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा ने शुक्रवार को कहा कि इस विधानसभा चुनाव में बिहार की जनता को विकास की जमीनी हकीकत और खोखले वादों के हवाई किले में से एक का चुनाव करना है! महागठबंधन ने आखिर तय कर लिया कि घोटाले का आरोपित ही उनका सीएम फेस होगा!
झा ने आगे कहा, देश में भ्रष्टाचार की पर्याय कांग्रेस पार्टी ने अपने फेल नेता को बिहार में ‘जननायक’ बताने के लिए तमाम हथकंडे अपनाए, खूब तमाशा किया, लेकिन जब उसका कोई नैरेटिव काम नहीं आया, तब कांग्रेस ने बिहार में भ्रष्टाचार के पर्याय परिवार के आगे फिर से सरेंडर कर दिया।
संजय ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि प्रदेश में जंगलराज की स्थापना करने वाले जो नेता खुद को पिछड़े समाज का रहनुमा बताते नहीं थकते हैं, उन्हें बिहार की जनता को जरूर बताना चाहिए कि क्या उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए अपनी पत्नी और मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने के लिए अपने पुत्र से अधिक योग्य पिछड़ा समाज का कोई दूसरा नेता नहीं मिला?
झा ने लिखा, पिछले कुछ दिनों से चुनाव प्रचार के लिए जहां भी जा रहा हूं एनडीए के पक्ष में लहर जैसी स्थिति साफ दिख रही है। प्रदेश की माताओं-बहनों, वरिष्ठ जनों सहित सभी लोगों का यही कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में विकास करके उनके जीवन स्तर को सुधारा है, बिना किसी भेदभाव के उन्हें सुविधा, सुरक्षा और सम्मान दिया है, इसलिए लोग नीतीश कुमार को ही फिर से मुख्यमंत्री बनाने के लिए उत्साहित हैं।
दूसरी ओर, विपक्ष में जो मुख्यमंत्री पद के दावेदार घोषित हुए हैं, उनको मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब काम करने का मौका दिया था, तब मौका मिलते ही गड़बड़ करने लगे थे। अकेले पांच विभागों के मंत्री बन गये थे और कोई काम नहीं किया। उनके और उनकी पार्टी के अन्य मंत्रियों के विभागों से भ्रष्टाचार की शिकायतें मुख्यमंत्री जी के पास पहुंचने लगी थीं। इसी कारण मुख्यमंत्री जी को उनसे फिर अलग होना पड़ा था।
बकौल झा, इस चुनाव में करारी हार सामने देख कर विपक्ष के नेता बदहवासी में हवा-हवाई घोषणाओं के जरिए लोगों को झांसा देने के प्रयास में जुट गये हैं! जो नेता जमीन लेकर नौकरी देने के केस में आरोपित हैं और कोर्ट में ट्रायल का सामना कर रहे हैं, वे बिहार के हर परिवार को सरकारी नौकरी देने के हवाई ख्वाब दिखा रहे हैं। उनके पास न तो इसका कोई विजन है, न ही रोडमैप।

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