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    Bihar Chunav: प्रियंका गांधी को कांग्रेस ने सौंपा कठ‍िन काम, नीतीश कुमार के लिए खास प्‍लान

    By Sunil Raj Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Fri, 31 Oct 2025 06:41 PM (IST)

    कांग्रेस पार्टी ने बिहार चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। प्रियंका गांधी वाड्रा को बिहार में पार्टी को मजबूत करने का कठिन काम सौंपा गया है। कांग्रेस नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल करने की कोशिश करेगी ताकि बीजेपी को हराया जा सके। पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट करने और नए मतदाताओं को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस पूरी तरह से तैयार है।

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    प्र‍ियंका गांधी की आज से बिहार में सभाएं। जागरण आर्काइव

    सुनील राज, पटना। कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी वाड्रा आखिरकार बिहार विधानसभा चुनाव में सक्रिय होने जा रही हैं। पहली नवंबर से वे बिहार के चुनावी समर में उतरेंगी। कांग्रेस और महागठबंधन ने प्रियंका गांधी से बढ़ी उम्मीदें पाल रखी हैं। इन्हें भरोसा है कि प्रियंका अपने करिश्माई व्यक्तित्व और मुखर छवि के बल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महिला वोट बैंक में सेंध लगा सकेंगी। लेकिन प्रियंका की सक्रियता से पहले प्रदेश की राजनीति में यह सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या उनकी यह देर से हुई एंट्री महागठबंधन के लिए निर्णायक साबित होगी या महज एक प्रतीकात्मक उपस्थिति बनकर रह जाएगी।

    कांग्रेस से मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार प्रियंका गांधी पहली नवंबर से अपनी चुनावी सभाएं करेंगी। एक नवंबर को प्रियंका गांधी की पहली सभा बेगूसराय के बछवाड़ा में होगी। जहां वे युवा कांग्रेस अध्यक्ष और उम्मीदवार शिवप्रकाश गरीब दास के लिए वोट की अपील करेंगी। इसके बाद दूसरी सभा खगडिय़ा के बेल्दौर में होगी। सूत्रों ने बताया तीन नवंबर को लखीसराय और रोसड़ा, छह नवंबर गोविंदगंज और चनपटिया जबकि आठ नवंबर को कदवा और कस्बा में चुनावी सभाओ को संबोधित करेंगी। कांग्रेस ने अपनी सोची-समझी रणनीति के तहत प्रियंका को चुनावी मैदान में उतारा है। प्रियंका का मूल काम महिलाओं से संवाद बनाकर महागठबंधन के घोषणापत्र में शामिल महिला सशक्तिकरण के वादों को उनके सामने प्रमुखता से उभारना है।

    कांग्रेस प्रियंका की छवि महिला सशक्तिकरण की प्रतीक के रूप में स्थापित करने में जुटी है। पार्टी चाहती है उनका वही चेहरा बिहार की चुनावी हवा में असर डाले। पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक अभय दुबे और पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी कहते हैं कि प्रियंका गांधी ने लड़की हूं लड़ सकती हूं जैसे अभियान के जरिये उन्होंने देश के स्तर पर महिलाओं को मुखर आवाज दी है।

    बहरहाल प्रियंका गांधी वाड्रा को बेहद कम समय में महागठबंधन खासकर कांग्रेस ने एक कठिन काम सौंपा है। प्रदेश की राजनीति में यह धारणा है कि नीतीश कुमार का महिला वोट बैंक अब तक उनके साथ अटूट है। शराबबंदी, साइकिल योजना, पोशाक योजना और महिला आरक्षण जैसे फैसलों ने नीतीश कुमार को महिलाओं के बीच अलग पहचान दिलाई है। ऐसे में कांग्रेस के लिए यह एक कठिन चुनौती होगी कि वह उस भरोसे को अपने पक्ष में मोड़े। लेकिन यह काम आसान नहीं होने जा रहा। प्रियंका की बिहार में सक्रियता कांग्रेस के लिए उत्साह जरूर पैदा करेगी, लेकिन देर से शुरू हुआ यह अभियान बड़े पैमाने पर वोटों में कितना बदल पाएगा, यह कहना मुश्किल है।

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