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    बिहार की बदलने वाली है किस्‍मत; क्रोमियम, निकेल और पोटैशियम का खनन शुरू करने की कवायद तेज

    By Shubh Narayan PathakEdited By:
    Updated: Sun, 21 Aug 2022 11:47 AM (IST)

    Bihar Mining Policy बदलने वाली है बिहार की किस्‍मत बड़े खनिज भंडारों से खनन को नियमावली बना रही सरकार प्रदेश में अब तक है सिर्फ लघु खनिज भंडार खनन नियमावली केंद्र से बिहार को मिले हैं खनिज के कई बड़े ब्लाक चल रहा सर्वे

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    Bihar Mining Policy: बिहार में बनेगी नई खनन नीति। जागरण

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में अगले वर्ष से बड़े खनिज ब्लाक से खनन की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। सरकार ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। बड़े खनिज भंडारों के खनन की राज्य में अब तक कोई नियमावली नहीं। सिर्फ लघु खनिज भंडार खनन नियमावली ही है। लिहाजा बड़े खनिज भंडार से खनन प्रारंभ हो और राज्य के राजस्व में वृद्धि हो इसके लिए वृहद खनिज भंडार खनन नियमावली गठन की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है।  

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    राज्य को राजस्व का एक बड़ा हिस्सा खनन से प्राप्त होता है। लघु खनिज नियमावली के तहत नदियों से बालू खनन, मिट्टी कटाई और पत्थर कटाई की प्रक्रिया राजस्व, पट्टे का निर्धारण वगैरह होता रहा है। इस वर्ष केंद्र सरकार ने बिहार को कई बड़े खनिज भंडार आवंटित किए हैं। इन खनिज भंडारों में क्रोमियम, निकेल, पोटैशियम की खानें हैं। इसके पहले राज्य में जमुई में भी सोने का भंडार मिल चुका है। हालांकि सोने की खनन की अनुमति राज्य सरकार को अब तक नहीं मिली है। मंत्रालय की अनुमति के बाद ही सोने के खनन पर सरकार विचार करेगी। 

    जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने रोहतास में 25 वर्ग किलोमीटर में फैली पोटाश, औरंगाबाद के मदनपुर प्रखंड के करीब आठ किलोमीटर के दायरे में निकेल और क्रोमियम पाया गया है। लेकिन वृहद खनिज खनन नियमावली न होने के अभाव में यहां से अब तक खनन की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हो पाई है। हालांकि केंद्र से आवंटित खान का सर्वे कार्य चल रहा है। 

    इस बीच राज्य सरकार ने वृहद खनिज खनन नियमावली गठन का काम प्रारंभ कर दिया है। नियमावली का प्रारूप तय होते ही इसे मुख्य सचिव के जरिए मंत्रिमंडल के विचारार्थ लाया जाएगा। मंत्रिमंडल की अनुमति मिलने पर बड़े खनिज ब्लाक से खनन प्रारंभ हो सकेगा वहीं राज्य सरकार के राजस्व में वृद्धि भी होगी साथ ही बड़ी संख्या में प्रदेश में लोगों के लिए रोजगार की राह आसान हो जाएगी। 

    खान एवं भू-तत्व विभाग के सूत्रों के अनुसार नियमावली की स्वीकृति के बाद अलग-अलग एजेंसियों का चयन कर उन्हें पट्टे देकर बड़े खनिज ब्लाक से खनन शुरू किया जाएगा। नियमावली में खनन की समय सीमा, राजस्व शुल्क, खनिज की ढ़ुलाई की प्रक्रिया निर्धारित की जाएगी। बता दें कि लघु खनन नियमावली के तहत होने वाले खनन से सरकार को प्रति वर्ष करीब 24 सौ करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। वृहद खनिज खनन नियमावली प्रभावी होने के बाद उम्मीद है कि इससे सरकार को सालाना पांच हजार से सात हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने लगेगा।