Nitish Kumar Cabinet: नीतीश की नई कैबिनेट में कितने मंत्री होंगे? मांझी ने बता दिया फॉर्मूला
जीतन राम मांझी ने बिहार में एनडीए सरकार के मंत्री पद को लेकर बयान दिया है। उनके अनुसार नई सरकार में लगभग 35-36 मंत्री हो सकते हैं, जिनमें भाजपा, जदयू, लोजपा और हम पार्टियों के सदस्य शामिल होंगे। मांझी ने कहा कि उन्होंने कभी किसी मंत्रालय की मांग नहीं की। उन्होंने विधानसभा चुनाव में महिलाओं द्वारा नीतीश कुमार और मोदी के समर्थन की सराहना की। रोहिणी आचार्य को घर से निकालने पर दुख जताया।

जीतन राम मांझी और नीतीश कुमार।
राज्य ब्यूरो, पटना। केंद्रीय मंत्री एवं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संस्थापक जीतन राम मांझी ने बिहार में बनने वाली एनडीए की नई सरकार में मंत्रियों के फॉर्मूले को लेकर बयान दिया है। मांझी ने कहा कि नई सरकार में 35-36 मंत्री हो सकते हैं। इसमें भाजपा से 15-16, जदयू से 14-15, लोजपा रामविलास से तीन और हम एवं रोलोमो से एक-एक मंत्री बनाए जाने की चर्चा है।
हालांकि, मांझी ने यह भी कहा कि अभी मंत्रिमंडल को लेकर हम लोगों से कुछ नहीं कहा गया है। समाचार-पत्रों और मीडिया की जानकारी के आधार पर यह बात कही जा रही है।
नई सरकार में किसी खास मांग या विभाग की मांग के सवाल पर मांझी ने कहा कि उन्होंने कभी कोई मंत्रालय नहीं मांगा, जो जिम्मेदारी मिली है, उसपर काम किया है। इस बार भी कोई डिमांड नहीं है।
विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत पर मांझी ने कहा कि महिलाओं ने नीतीश कुमार के काम और प्रधानमंत्री मोदी के जी के सहयोग-समर्थन को खुले दिल से स्वीकार किया है। हम भी 160-180 सीट आने का अनुमान लगा रहे थे मगर 200 सीट आएगी, ऐसा सोचा नहीं था।
रोहिणी आचार्य को घर से निकाले जाने के सवाल पर मांझी ने कहा कि यह दुखद है। तेजस्वी ने पहले भाई तेजप्रताप को निकलावाया और अब किडनी देने वाली बहन को निकाल दिया है। बिहार की जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
पूरे देश में सुशासन मॉडल के प्रतीक हैं नीतीश : उमेश
दूसरी ओर, जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने सोमवार को कहा कि पूरे देश में सुशासन मॉडल के प्रतीक हैं नीतीश कुमार। उन्होंने बिहार को कुशासन के अंधकार से निकालकर विकास और प्रगति की ऊंचाई पर पहुंचाया। इसकी कल्पना भी पूर्ववर्ती दौर में असंभव मानी जाती थी।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश सरकार ने उम्मीद खो चुकी जनता के भीतर विश्वास और आशा की नई किरण जगाई। यही कारण है कि दो दशकों के ऐतिहासिक और अभूतपूर्व सुशासन के बाद बिहार की जनता ने एक बार फिर भारी जनसमर्थन के साथ नीतीश कुमार पर अपना भरोसा जताया और उन्हें पुनः नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंपी।
उन्होंने कहा कि विपक्ष ने पूरी ताकत लगाकर झूठ और दुष्प्रचार के सहारे जनता को बरगलाने का हर हतकंडा अपनाया लेकिन अंततः नतीजा सच्चाई और सुशासन के पक्ष में ही आया। यह इस बात को सिद्ध करता है कि जनता का अटूट भरोसा न सिर्फ नीतीश कुमार पर कायम है, बल्कि दिनों-दिन और अधिक प्रगाढ़ होता जा रहा है।

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