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    NDA Seat Sharing: सीट बंटवारे में जीतन राम मांझी को हुआ 'घाटा', 4 विधायक-1 सांसद फिर भी उपेंद्र कुशवाहा के बराबर खड़े

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 07:45 PM (IST)

    बिहार एनडीए में सीट बंटवारे में, जीतन राम मांझी की 'हम' पार्टी को छह सीटें मिलीं, जो पिछली बार से कम हैं। मांझी 15 सीटें मांग रहे थे, पर उन्हें उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के बराबर सीटें मिलीं, जिसके पास कोई विधायक नहीं है। मांझी ने संतोष व्यक्त किया और कहा कि वे प्रधानमंत्री मोदी के साथ रहेंगे। उनकी पार्टी की सीटें लगातार तीसरे चुनाव में कम हुई हैं।

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    सीट बंटवारे में जीतन राम मांझी को हुआ 'घाटा'

    राज्य ब्यूरो, पटना। एनडीए में सीटों का बंटवारा हो गया है। इस सीट बंटवारे में जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को महज छह सीटें मिली हैं। इतनी ही सीटें उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा को भी दी गई है। 

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    मांझी इसलिए घाटे में बताए जा रहे हैं क्योंकि उन्हें पिछले चुनाव से भी एक सीट कम मिली है, जबकि वह 15 सीटों का राग अलाप रहे थे।

    हम के पास चार वर्तमान विधायक और एक सांसद है। बावजूद हम को रालोमो के बराबर सीट दी गई है, जिसका फिलहाल कोई भी विधायक नहीं है।

    हम को छह सीटें मिलने के बावजूद जीतन राम मांझी संतुष्ट हैं। दिल्ली से पटना लौटने के बाद पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों ने जब महज छह सीटें मिलने पर सवाल किया तो मांझी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हम को महज एक सीट मिली थी, तो हम नाराज़ थे क्या? इस बार छह सीटें मिली हैं, आलाकामन का निर्देश है। हमलोग संतुष्ट हैं। कोई शिकवा-शिकायत नहीं है।

    इसके पूर्व उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया

    “मैंने पहले भी कहा था और आज फिर से कह रहा हूं… मैं जीतन राम मांझी अपने अंतिम सांस तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के साथ रहूंगा। बिहार में बहार होगी, नीतीश संग मोदी जी की सरकार होगी।”

    नहीं काम आया मांझी का दबाव

    ये लगातार तीसरा विधानसभा चुनाव है जिसमें मांझी की पार्टी हम की सीटें कम हुई है। वर्ष 2015 के अपने पहले विधानसभा चुनाव में एनडीए का घटक दल रहे हम को 21 सीटें दी गई थी। उस समय महज एक सीट पर ही हम जीत सकी थी। यह वह चुनाव था जिसमें जदयू एनडीए का हिस्सा नहीं था। 

    वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में जब जदयू की एनडीए में वापसी हुई तो हम की सीटें 21 से घटकर महज सात रह गईं। इसमें पार्टी ने चार सीटों पर जीत दर्ज की। 

    इस बार जीतन राम मांझी लगातार 15 सीटों पर अपनी दावेदारी जता रहे थे। उन्होंने कहा था कि हम को राज्यस्तरीय पार्टी का दर्जा दिलाने के लिए कम से कम सात से आठ विधायकों की जरूरत है। ऐसे में अगर हम को 15 सीटें नहीं दी जाती हैं तो वह एक भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ेंगे।

    हम पार्टी की संभावित छह सीटों की अगर बात करें तो ये बाराचट्टी, टिकारी, इमामगंज, सिकंदरा, अतरी और कुटुम्बा हो सकती है। 

    इस तरह घटीं हम की सीटें

    21 सीटों मिली थीं 2015 में

    07 सीटें मिली थीं 2020 में

    06 सीटें मिलीं इस बार हम को