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    Bihar Politics: क्या है इंडी गठबंधन का पूरा प्लान? पाला बदलते ही नीतीश की पार्टी ने खोल दी सच्चाई, इस बात पर ठनी रार

    By Jagran News Edited By: Mukul Kumar
    Updated: Mon, 29 Jan 2024 02:01 PM (IST)

    Bihar Politics महागठबंधन से बाहर निकलने के बाद नीतीश कुमार की पार्टी ने कांग्रेस की मंशा बता जाहिर कर दी है। जदयू नेता केसी त्यागी ने राजद और कांग्रेस के साथ इंडी गठबंधन को घेरा है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस पीएम पद पर कब्जा जमाना चाहती थी। उन्होंने यह भी कहा कि इंडी गठबंधन में घटक दलों के साथ समन्वय कायम नहीं हो पाया।

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    महागठबंधन से बाहर निकलने के बाद नीतीश कुमार की पार्टी ने कांग्रेस को घेरा

    डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Political News In Hindi मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने रविवार की शाम एनडीए (NDA) के मुख्यमंत्री के रूप राजभवन स्थित राजेंद्र मंडपम में शपथ ली। नौवीं बार उन्होंने मुख्यमंत्री की शपथ ली है। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने मुख्यमंत्री सहित आठ अन्य मंत्रियों को भी शपथ दिलायी। 

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    वहीं महागठबंधन से अलग होने के बाद नीतीश की पार्टी जदयू (JDU) ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है। जदयू के दिग्गज नेता केसी त्यागी ने राजद औरे कांग्रेस के साथ इंडी गठबंधन में चल रही बातों पर से पर्दा उठाया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इंडी गठबंधन में घटक दलों के साथ समन्वय कायम नहीं हो पाया।

    त्यागी ने कहा कि बाहर से सब ठीक लगा रहा था, कांग्रेस पार्टी घटक दलों के साथ राजनीति करने में जुटी थी। हम इसको मजबूत कर रहे थे और वह इसमें बड़े पदों को हथियाने में लगे थे।

    क्षेत्रीय पार्टी को कमजोर करने का काम

    उन्होंने कहा कि कांग्रेस (Congress) पार्टी क्षेत्रीय पार्टी को कमजोर करना चाहती थी। यहां तक कि राहुल गांधी भी कह चुके थे कि क्षेत्रीय दलों की कोई विचारधारा नहीं होती है। इस बात से निराश होकर जदयू ने इंडी गठबंधन से नाता तोड़ा। आगे इसका कोई भविष्य भी नहीं है। 

    वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को जवाब देते हुए कहा कि अगर हमारा पहले से जाना तय था तो हमने पहली बैठक पटना में क्यों आयोजित की? हम आप (कांग्रेस) जैसी 'अछूत' पार्टी के साथ ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव को क्यों जोड़ा?

    उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने खड़गे को पीएम उम्मीदवार के लिए सबसे सर्वश्रेष्ठ माना, जबकि मुंबई की बैठक में यह बात तय हो गई थी कि चुनवा बिना चेहरे के लड़ा जाएगा। कांग्रेस पहले से ही पीएम पद को हथियाने के जुगाड़ में थी। 

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