Bihar Assembly: 'मेरा नाम बुलडोजर नहीं है..ये कोर्ट के आदेश पर हो रहा', बिहार के डिप्टी CM ने माफिया को फिर चेताया
बिहार विधानसभा में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि उनका नाम बुलडोजर नहीं है और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर हो रही है। उन्होंने मा ...और पढ़ें

विधानसभा में अपनी बात रखते उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी। सौ-एक्स
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Politics: मेरा नाम बुलडोजर नहीं है। मैं सिर्फ सम्राट चौधरी के नाम से जाना जाता हूं। इतना स्पष्ट रहियेगा। बिहार में कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने की व्यवस्था की है।
सभी जगह अतिक्रमण पर कार्रवाई हो रही है। और एक बात तो तय है कि माफिया पर तो कार्रवाई होगी ही, चाहे वह जमीन माफिया हो, बालू माफिया हो या शराब माफिया हो, नीतीश कुमार के नेतृत्व में कोई बचेगा नहीं, इतना गारंटी देना चाहता हूं।
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पिता ने तो सम्राट नाम रखा
बिहार के गृह मंत्री सह उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने तल्ख अंदाज में गुरुवार को विधानसभा में यह कहा। दरअसल राजद विधायक कुमार सर्वजीत ने अतिक्रमण पर चल रहे बुलडोजर को लेकर सरकार को आड़े हाथ लिया था।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा-पिता ने तो इनका नाम सम्राट रखा। वे नाम के अनुरूप जगह पर भी हैं। इस बीच पत्रकारों ने उनका नाम बुलडोजर बाबा रख दिया है। पूछने पर लोगों ने बताया कि गरीबों की झोपड़ियां उजड़ रही है, इसलिए इनका नाम बुलडोजर बाबा है।
इससे तो हमारे मित्र (सम्राट चौधरी) का सीआर खराब हो जाएगा। अभी-अभी तो गृह मंत्री बने हैं। ऐसे में गरीबों की झोपड़ी उजाड़कर अपना नामाकरण नहीं होने दीजिए।
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दलितों की बस्ती कहने पर विरोध
कुमार सर्वजीत ने गया के मगध मेडिकल कॉलेज की दुर्दशा की चर्चा की। कहा कि वहां जाने के बाद लगता है कि जैसे किसी दलित के मोहल्ले में पहुंच गए हैं। वहां की स्थिति ऐसी है कि बयां नहीं कर सकते।
उनके इतना कहते ही सत्ता पक्ष के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि वे भी अक्सर वहां जाते रहते हैं। वहां काफी बदलाव आया है।
सच्चाई यह है कि पहले काफी खराब स्थिति थी। हाल में जब ज्याेति मांझी के साथ घटना हुई तो अस्पताल गए थे। इसपर राजद विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री एक कमेटी बना दें। बाहर में जहां एंबुलेंस लगती है, वहां की स्थिति नर्क से भी बदतर है।
इसी पर सम्राट चौधरी पलटवार कर रहे थे। उन्होंने सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। कहा कि बिहार में अंग्रेजों ने दो मेडिकल कॉलेज बनवाए।बाद में कर्पूरी ठाकुर और अन्य सरकारों ने 1978 में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की।
उसके बाद 2008 तक राज्य में एक भी मेडिकल कॉलेज नहीं बना। चाहे वह किसी की भी सरकार रही हो। लेकिन नीतीश कुमार के नेतृत्व में जब एनडीए की सरकार बनी तो 12 मेडिकल खुले हैं। 27 मेडिकल कॉलेज की प्रक्रिया आगे बढ़ाने का काम सरकार ने किया है।

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