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    भाजपा ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री आर के सिंह समेत तीन दिग्गजों को पार्टी से किया निलंबित

    By RAMAN SHUKLAEdited By: Radha Krishna
    Updated: Sat, 15 Nov 2025 12:57 PM (IST)

    भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आर के सिंह, पूर्व विधायक रामेश्वर चौरसिया और पूर्व विधान पार्षद अनिल कुमार को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निलंबित कर दिया है। पार्टी ने इन नेताओं को पहले भी चेतावनी दी थी, लेकिन सुधार न होने पर यह कदम उठाया गया। निलंबन तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।

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    आर के सिंह समेत तीन दिग्गजों को पार्टी से किया निलंबित

    राज्य ब्यूरो, पटना। भाजपा ने आरा के पूर्व सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह, विधान पार्षद अशोक अग्रवाल एवं कटिहार की मेयर उषा अग्रवाल को पार्टी से निलंबित कर दिया है। तीनों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण कार्यवाई की गई है।

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    आर के सिंह पर आरोप है कि उन्होने पार्टी लाइन के विरोध एनडीए सरकार एवं भाजपा की नीतियों के विरूद्ध गतिविधियों में संलिप्ट रहें। विधानसभा चुनाव के दौरान बिहार एनडीए सरकार के विरूद्ध ऊर्जा घोटाला एवं आडानी को दी गई जमीन को 62 हजार करोड़ के घोटाला बताते हुए मीडिया में आपत्ति जताई थी।

    वहीं अशोक अग्रवाल स्थानीय प्रधिकार से एमएलसी है जबकि उनकी पत्नी उषा अग्रवाल जो की कटिहार कि मेयर है। दोनों पर आरोप है कि भाजपा प्रत्याशी एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के खिलाफ विधानसभा चुनाव में भितरघाट कर एनडीए हराने का प्रयास किया था। 

    भाजपा ने संगठनात्मक अनुशासन को सख्ती से लागू करते हुए तीन नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

    पार्टी नेतृत्व ने स्पष्ट संदेश दिया है कि चुनावी दौर में अनुशासनहीनता, गुटबाजी या आधिकारिक प्रत्याशी के खिलाफ काम करने जैसे आचरण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


    पार्टी के मुख्यालय प्रभारी अरविंद शर्मा के अनुसार जिन नेताओं पर कार्रवाई की गई है, वे पिछले कुछ दिनों से संगठन के निर्णयों के विपरीत जाकर या तो विपक्षी दलों के उम्मीदवारों के समर्थन में दिखाई दे रहे थे या फिर आधिकारिक प्रत्याशी के खिलाफ माहौल बनाते देखे गए थे।

    नेतृत्व ने इन रिपोर्टों को गंभीरता से लेते हुए जांच कराई और प्रमाण मिलने पर निलंबन की कार्रवाई की। पार्टी ने इनके व्यवहार को संगठन की मर्यादा और चुनावी तैयारी के लिए नुकसानदेह माना।


    पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा एक अनुशासित राजनीतिक दल है। जब चुनाव अपने निर्णायक मोड़ पर हो, ऐसे समय में कोई भी गतिविधि जो आधिकारिक लाइन से हटकर हो, वह सीधे तौर पर पार्टी को कमजोर करती है। इसलिए कार्रवाई जरूरी थी।

    उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अभी और भी कई शिकायतें जांच के दायरे में हैं और दोषी पाए जाने पर आगे भी इसी प्रकार की कार्रवाई की जा सकती है।


    राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा की यह कार्रवाई सिर्फ अनुशासन का मामला नहीं है, बल्कि यह उन नेताओं को भी संदेश है जो अंदरखाने असंतोष या मनमुटाव के कारण पार्टी की रणनीति को प्रभावित करते हैं।

    विपक्ष इसे भाजपा में बढ़ती नाराजगी और अंदरूनी असंतोष की निशानी बता रहा है, जबकि भाजपा का तर्क है कि मजबूत संगठन के लिए सख्त अनुशासन अनिवार्य है।


    निलंबन की यह कार्रवाई भाजपा की रणनीतिक मजबूती को दर्शाती है। पार्टी चाहती है कि हर नेता और कार्यकर्ता लक्ष्य पर केंद्रित रहें।

    राजनीतिक गर्माहट के इस दौर में भाजपा के इस कदम ने न केवल अपनी पंक्ति को दुरुस्त किया है, बल्कि यह भी दिखा दिया है कि शीर्ष नेतृत्व किसी भी तरह की ढिलाई के मूड में नहीं है।

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