BJP की बिहार में रणनीतिक घेराबंदी, हर सीट पर समीकरण साधने की कवायद
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार में आगामी चुनावों के लिए रणनीतिक तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी प्रत्येक सीट पर समीकरणों को साधने में लगी है, जिसके लिए सीटों का सूक्ष्म विश्लेषण किया जा रहा है। भाजपा कार्यकर्ताओं को मतदाताओं तक पहुंचने और गठबंधन सहयोगियों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। पार्टी एक विस्तृत रणनीतिक योजना के क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित कर रही है ताकि चुनाव में सफलता सुनिश्चित की जा सके।

नामांकन सभा में शीर्ष नेताओं को उतार मतों के समीकरण साधने में जुटी भाजपा। फोटो जागरण
राज्य ब्यूरो, पटना। भाजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव में हर सीट पर नामांकन के साथ ही घेराबंदी शुरू कर दी है। इसमें हर समीकरण का भी ध्यान रखा जा रहा है। भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से लेकर केंद्रीय मंत्री तक मैदान में उतर चुके हैं। कौन कहां जा रहे, इसके पीछे भी कारण हैं।
गुरुवार को पार्टी प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र जमा किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ दानापुर में भाजपा प्रत्याशी रामकृपाल यादव एवं सहरसा में डॉ. आलोक रंजन के नामांकन में पहुंचे और सभा को भी संबोधित किया।
योगी का बिहार में भी गहरा प्रभाव है, विशेष रूप से सनातन के प्रति उनके भाव की एक छाप है। वे जिस समुदाय से आते हैं, उसकी भी बड़ी संख्या इन क्षेत्रों में है, जिसे देखते हुए पार्टी अपने नेताओं को रणनीति बनाकर वहां भेज रही है।
इसी तरह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री मोहन यादव कुम्हरार विधानसभा क्षेत्र में संजय गुप्ता के नामांकन में पहुंचे। मोहन यादव ने कहा कि डबल इंजन की सरकार से बिहार आगे बढ़ रहा है।
इस क्षेत्र में उनके कुनबाई मतदाताओं की संख्या भी अच्छी है। उनको यहां लाकर न केवल इस सीट, बल्कि दूसरी सीटों पर भी प्रभाव छोड़ने की रणनीति है। इसी तरह आदिवासी समुदाय से आने वाले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के नामांकन में तारापुर पहुंचे। इस क्षेत्र में आदिवासी मतदाता अच्छी संख्या में है।
नामांकन में उनके आने के पीछे की रणनीति भी है कि उस समुदाय के बीच एक संदेश जाए। चूंकि तीनों ही मुख्यमंत्री हैं, भाजपा विभिन्न समुदायों के बीच यह संदेश भी देना चाहती है कि पार्टी ने विभिन्न राज्यों में अपनी सरकार में हर समुदाय को किस तरह शीर्ष नेतृत्व प्रदान किया है।
यह कुनबाई समीकरण को साधने की रणनीति भी है। एक दिन पहले लखीसराय में उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के नामांकन में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पहुंची थीं, जहां उनके समुदाय के मतदाता अच्छी संख्या में हैं।
इसी तरह और भी नेताओं को विभिन्न जगहों पर दायित्व सौंपा गया है। एनडीए की घटक भाजपा हर सीट के समीकरण के हिसाब से नेताओं को उतार रही है, ताकि कहीं किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रह जाए।
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