मनेर में छठ पूजा के दौरान दो युवकों की डूबने से मौत, खोज जारी
बिहार के मनेर में छठ पूजा के दौरान दो युवकों की डूबने से मौत हो गई। पहली घटना हल्दी छपरा में हुई, जहाँ विक्रम गोविंदपुर से आए कुणाल किशोर अर्घ्यदान करते समय गंगा में डूब गए। दूसरी घटना शेरपुर में हुई, जहाँ गोलू कुमार नामक युवक की डूबने से मौत हो गई। एसडीआरएफ की टीम ने युवकों की तलाश की, लेकिन सफलता नहीं मिली।

मृतक की फाइल फोटो व पत्नी और बच्चे घाट पर रोते हुए
संवाद सूत्र, मनेर(पटना)। मनेर में छठ पर्व के दौरान दो युवक नदी में डूबने से लापता हो गए। पहली घटना हल्दी छपरा संगम पर सोमवार को अस्ताचल गामी अर्ध्य दान के लिए विक्रम गोविंदपुर से आया जगत सिंह के पुत्र कुणालव मंगलवार को उदयाचल अर्घ्यदान के बाद शेरपुर के निवासी विशुन राय का पुत्र गोलू कुमार गंगा नदी में डूब कर लापता हो गया।
जानकारी के अनुसार बिक्रम थाना क्षेत्र के दतियाना गोविंदपुर के निवासी 32 वर्षीय कुणाल किशोर अपने मनौती उतारने के लिए पत्नी, बच्चों, माँ व भाई के साथ हल्दी छपरा के बदल टोला के सामने गंगा घाट में छठ पूजा का अर्घ्यदान के लिए आया था।बेटे व बेटी को नहाने के बाद दोनों को नदी से बाहर रख दिया और जैसे ही नदी में उतरा की पैर फिसलने के कारण गहरे पानी मे जाकर तेज धार में लापता हो गया।
जहाँ वह डूबा वहाँ कटाव रोकने के लिए जियो बैग लगाया गया था। इधर डूबने की सूचना के बाद भी प्रशासन मौके पर मौजूद एसडीआरएफ की टीम को लगाया लेकिन एसडीआरएफ की टीम भी कोई खास कार्य नहीं कर पाई। क्योंकि एसडीआरएफ टीम झगड़ (कांटा) के सहारे शव को खोजने के प्रयास में जियो बैग के बांधने वाले रस्सी में जा फंसाया। पानी में उतरने की टीम ने हिम्मत नहीं जुटा पाई।
बिना ललवा के घरे कइसे जाईब हे छठी मईया।
डूबे युवक की मां दहाड़े मारकर छठी मैया से गुहार करती रही कि वह हमर बेटवा के लौटा दो कभी कहती हम अपन बिना लालवा के घर कइसे जाईम छठी मैया, दोनों बच्चे दादी से चिपट कर दहाड़ें मार उठते तो पत्नी गंगा का किनारा नही छोड़ती उसे उम्मीद है कि उसके पति गंगा माँ की गोद से लौटेंगे।
इस खतरनाक घाट पर हद तो तब थी कि उस घटना के बावजूद भी वहां सैकड़ों की संख्या में लोग अर्घ्यदान कर रहे थे। वहीं मंगलवार की सुबह अर्घ्यदान के बाद माला भट्टे समीप शेरपुर में हीरा टोला निवासी विष्ण राय का 25 वर्षीय पुत्र गोलू कुमार नदी में डूब गया जबकि वहां बैरर्केटिंग भी कर रखा गया था। बताया जाता है कि वहां ईंट निर्माण के लिए अत्यधिक मिट्टी निकालने से घाट खतरनाक था।

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