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    7.42 करोड़ वोटर, मतदान बाद 7.45 करोड़ कैसे? चुनाव में मतदाताओं की बढ़ी संख्या पर कांग्रेस ने उठाये सवाल

    By Sunil RajEdited By: Shashank Baranwal
    Updated: Sat, 15 Nov 2025 11:37 PM (IST)

    मतगणना के बाद अब कांग्रेस ने सवाल उठाया कि जिस बिहार में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने चुनाव से ठीक पहले 7.42 करोड़ कुल मतदाता होने का आंकड़ा जारी किया था वही मतदान के तुरंत बाद यह संख्या अचानक 7.45 करोड़ कैसे हो गई।

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    चुनाव में मतदाताओं की बढ़ी संख्या पर कांग्रेस ने उठाये सवाल। सांकेतिक तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनावों के परिणाम आ चुके हैं। बिहार में एनडीए को ऐतिहासिक सफलता मिली है। लेकिन अब बिहार में मतदाताओं की संख्या को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

    मतगणना के बाद अब कांग्रेस ने सवाल उठाया कि जिस बिहार में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने चुनाव से ठीक पहले 7.42 करोड़ कुल मतदाता होने का आंकड़ा जारी किया था वही मतदान के तुरंत बाद यह संख्या अचानक 7.45 करोड़ कैसे हो गई।

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    पार्टी ने अपने आधिकारिक फेसबुक पोस्ट और एक्स के जरिए पूछा कि यह लगभग तीन लाख अतिरिक्त मतदाता आखिर कहां से आए, जबकि वोटिंग शुरू होने से पहले सभी आंकड़े फाइनल माने जाते हैं।

    कांग्रेस के इस बड़े आरोप के बाद चुनावी बहस गर्म हो गई है। कांग्रेस के साथ ही कई राजनीतिक विश्लेषकों ने इसे पारदर्शिता से जोड़कर देखना शुरू कर दिया। कांग्रेस के इस बड़े आरोप की गंभीरता को देखते हुए चुनाव आयोग ने तत्काल विस्तृत स्पष्टीकरण जारी किया है।

    भारत निर्वाचन आयोग के मुताबिक, चुनाव घोषणा के दिन बिहार में कुल मतदाता संख्या लगभग 7.43 करोड़ थी, लेकिन नए योग्य मतदाताओं के पंजीकरण की प्रक्रिया उस समय भी जारी थी और यह अगले 10 से 13 दिनों तक चलती रही।

    आयोग ने स्पष्ट किया है कि फार्म -6 के तहत नाम जोड़ने की अंतिम तारीख पहले चरण के लिए 10 अक्टूबर और दूसरे चरण के लिए 13 अक्टूबर निर्धारित की गई थी। नतीजा चुनाव के दिन तक मतदाता सूची में नए नाम जुड़ते रहे।

    आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्य सूची और अतिरिक्त सूची को मिलाकर कुल 7,69,356 नए वोटर्स को जोड़ा गया, जिसके कारण मतदान के दिन कुल मतदाताओं की संख्या बढ़कर 7,45,26,858 हो गई।

    आयोग का दावा है कि इस वृद्धि को लेकर कोई अनियमितता नहीं है, बल्कि यह कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है, जो हर चुनाव में लागू होता है। इसी के साथ आयोग ने यह भी बताया कि इस बार बिहार में कुल 8.81 यानी 9,10,710 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प भी चुना, जो अपने आप में एक महत्वपूर्ण संख्या है और राजनीतिक विश्लेषण को नया आयाम देती है।

    यहां बता दें कि कांग्रेस काफी समय से वोट चोरी के आरोप लगाती रही है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने तो बिहार में वोटर अधिकार यात्रा तक निकाली।

    इस यात्रा में महागठबंधन के तमाम नेताओं ने शिरकत की थी। चुनाव के पहले भी राहुल गांधी वोट चोरी को लेकर अपने इंटरनेट मीडिया पोस्ट के जरिये आवाज उठाते रहे हैं।