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    Hallo Doctor: चावल बंद करने या रोटी खाने से नहीं हो सकता डायबीटीज कंट्रोल, ये काम जरूर करें

    By Nalini Ranjan Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Sun, 09 Nov 2025 09:20 PM (IST)

    डॉ. नीरज सिन्हा ने 'हेलो जागरण' में बताया कि केवल रोटी खाने और चावल छोड़ने से डायबिटीज नियंत्रित नहीं होती। दोनों को सीमित मात्रा में खाना चाहिए। कार्बोहाइड्रेट शुगर का दुश्मन है। भोजन में कैलोरी कम करें, हरी सब्जियां और दालें बढ़ाएं। दवा के बाद भी शुगर नियंत्रित न हो तो डॉक्टर से मिलें। रात में शुगर कम होने पर जांच कराएं। हाइपोग्लेसिमिया में तुरंत ग्लूकोज दें।

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    पाठकों के सवालों के जवाब देते पीएमसीएच के वरीय इंडोक्रायोनोलाजिस्ट डा. नीरज सिन्हा। जागरण

    जागरण संवाददाता, पटना। आमतौर पर लोगों की अवधारणा है कि मैं केवल रोटी खाता हूं, चावल बंद कर दिया हूं। इससे हमारा ब्लड शुगर नियंत्रित हो जाएगा।

    तो ऐसी बात नहीं है। शुगर होने के बाद भी चावल खा सकते हैं। जहां तक रोटी की बात है तो इसे भी नियंत्रित मात्रा में ही खाना पड़ेगा। दोनों की मात्रा क्या होगी, इसके लिए आपको विशेषज्ञ से बात करनी चाहिए।

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    क्योंकि, दोनों में कार्बोहाईड्रेट होते है। ऐसे में कार्बोहाइड्रेट शुगर का दुश्मन होता है। केवल चावल बंद करने या रोटी खाने से कुछ नहीं होने वाला है।

    कैलोरी की मात्रा का रखें ध्‍यान

    इसको नियंत्रित करने के लिए भोजन में कैलोरी की मात्रा का ख्याल रखना होगा। भोजन में कार्बोहाइाड्रेट व मीठी चीजों को कम कर हरी साग-सब्जियां, दाल आदि को बढ़ाएं, वजन को नियंत्रित रखें।

    इससे काफी राहत मिलती है। इसके अतिरिक्त यह थायराइड के लिए भी लाभकारी माना जाता है। यह बातें रविवार को दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम हेलो जागरण में पहुंचे पीएमसीएच के वरीय इंडोक्रायोनोलाजिस्ट डा. नीरज सिन्हा ने कहीं। इस दौरान काफी पाठकों के प्रश्न आए।  

    दवा लेने के बाद भी शुगर का स्तर नियंत्रित नहीं हो रहा है?


    दवा लेने के बाद भी शुगर का स्तर निंयत्रित नहीं है तो आपको विशेषज्ञ से मिलकर दवा को एडजस्ट करानी चाहिए। क्योंकि, शुगर के स्तर के साथ ही तीन महीने का औसत एचबीएवनसी सात से कम होना चाहिए। इसकी जाच जरूर कराएं। 


    शुगर की समस्या है, रात को घबराहट होती है। 

    - शुगर रोगियों में 24 घटे में 70 प्रतिशत समय में शुगर का स्तर नार्मल होनी चाहिए। देखा जाता है कि रात के समय शुगर का स्तर कम हो जाता है, इससे घबराहट और बेचैनी की समस्या होती है।

    ऐसे में आरंभिक समय में रात के एक से दो बजे के बीच में भी शुगर की जाच कर उसकी स्थिति का पता करनी चाहिए।

    हाइपोग्लेसिमिया में क्या करनी चाहिए? 

    -खून में शुगर का स्तर कम होना ही हाइपोग्लेसिमिया है। इसके कारण शरीर में कंपन आना, पसीना आना, चक्कर या बेहोशी की स्थिति हो सकती है।

    ऐसी स्थिति में मरीज को तुरंत ग्लूकोज या मीठी चीजें देनी चाहिए। इसके बाद भी मरीज सामान्य नहीं हो तो तुरंत डाक्टर से दिखाने चाहिए।  

    मुझे थाइराइड है, वजन बढ़ रहा है।

    -केवल दवा खाने से वजन पर प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। इसके लिए भोजन में कैलोरी की मात्रा को नियंत्रित करें। व्यायाम पर ध्यान दें।


    शुगर मरीज है, क्या चावल खा सकते हैं?

    -हां, चावल खा सकते है, लेकिन इसकी मात्रा नियंत्रित होनी चाहिए। रोटी-चावल में कार्बोहाइड्रेट अधिक होती है, ऐसे में रोटी-चावल की मात्रा को कम कर सब्जी व सलाद की मात्रा को अधिक रखें, मौसमी फल का सेवन करें।


    शुगर की स्थिति में क्या विशेष ख्याल रखें?

    - देखिए, शुगर की स्थिति में हमेशा इसे नियंत्रित रखें। इसके बाद भी वर्ष में एक बार किडनी, आंख, हार्ट की आवश्यक जांच कराएं। इसके बाद टहलने के लिए खाली पैर नहीं चले।

    पैरों को सुखा नहीं रखें। जुता-मोजा पहने, पैर का हमेशा निरीक्षण करते रहे। हर बदलाव को लेकर डाक्टर से बात करें। पैर में झिन-झिनी होने, घाव होने पर तुरंत डाक्टर से मिलना चाहिए।


    थाइराइड है, बाल अधिक झड़ रहे हैं।

    -इसके लिए थाइराइड को नियंत्रित रखें। बाल का झरना बंद हो जाएगा। 


    क‍ितना रहना चाहि‍ए शुगर का स्तर  

     

    • खाली पेट- सामान्य 90 से कम
    • प्री डायबिटिक- 100 से 125
    • डायबिटिक- 125 से अधिक
    • खाना खाने के दो घटे बाद
    • सामान्य- 140 से 180
    • डायबिटिक-200

    HBA1C शुगर के स्तर का औसत

    • छह से कम- सामान्य
    • सात से कम- मधुमेह रोगियों के लिए प्रोफाइल