Bihar Chunav: आदर्श आचार संहिता पर आयोग की पैनी नजर, विज्ञापन जारी करने से पहले लेनी होगी MCMC की अनुमति
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने राज्य और जिला स्तर पर मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) का गठन किया है। यह कमेटी चुनावी विज्ञापनों और प्रचार सामग्री पर कड़ी निगरानी रखेगी। इंटरनेट मीडिया पर भ्रामक खबरों और गलत प्रचार-प्रसार को रोकने के लिए एमसीएमसी प्रयासरत रहेगी। चुनाव के दौरान विज्ञापनों के प्रसारण से पहले एमसीएमसी की अनुमति अनिवार्य होगी।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग राज्य स्तर पर मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) का गठन कर दिया है।
इसके साथ ही जिला स्तर पर भी कमेटी का गठन आरंभ हो गया है। यह कमेटी चुनाव घोषणा के साथ ही चुनावी विज्ञापनों और प्रचार सामग्री की कड़ी निगरानी करेगी। इंटरनेट मीडिया के दौर में भ्रामक खबरों और पैसे के बल पर गलत प्रचार-प्रसार पर एमसीएमसी अंकुश लगाएगा।
आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि चुनाव के दौरान कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी टीवी, रेडियो, अखबार एवं इंटरनेट मीडिया पर विज्ञापन जारी करने से पहले एमसीएमसी की अनुमति लेगा।
बिना मंजूरी के प्रसारित या प्रकाशित विज्ञापन को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। सत्यापन के आधार पर तत्काल कार्रवाई भी की जाएगी।
कमेटी की जिम्मेदारी केवल पारंपरिक मीडिया प्रिंट या इलेक्ट्रानिक मीडिया तक सीमित नहीं होगी। इसके दायरे में इंटरनेट मीडिया जैसे एक्स, फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर नजर रखी जाएगी।
पेड न्यूज की पहचान भी एमसीएमसी द्वारा
आयोग ने साफ कहा है कि किसी भी तरह की भड़काऊ, जातिवादी या धार्मिक भावनाएं भड़काने वाली सामग्री पर तुरंत रोक लगायी जाएगी। पेड न्यूज की पहचान भी एमसीएमसी द्वारा किया जाएगा। किसी समाचार पत्र या चैनल में पैसे लेकर छापी या दिखाई गई खबर पेड न्यूज की श्रेणी में मानी जाएगी और उसका खर्च संबंधित प्रत्याशी के खाते में जोड़ा जाएगा।
जिला स्तर पर गठित एमसीएमसी कमेटी में जिला निर्वाचन अधिकारी, सूचना विभाग के प्रतिनिधि एवं मीडिया के प्रतिनिधियों को सम्मिलित किया जाएगा। इनका मुख्य उद्देश्य निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करना है।
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