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    Bihar SIR: ड्राफ्ट लिस्ट में शामिल 3 लाख से अधिक लोगों पर आयोग को संदेह, BLO देंगे नोटिस

    बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के बाद तीन लाख से अधिक लोग संदिग्ध पाए गए हैं जिनमें सात जिलों के लोग शामिल हैं। बीएलओ अब इन संदिग्ध मतदाताओं को नोटिस जारी करेंगे जिस पर ईआरओ सुनवाई करेंगे। इससे पहले चुनाव आयोग ने 65.63 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए थे जिनमें मृत पलायन कर चुके और दोहरे पंजीकरण वाले मतदाता शामिल थे।

    By Raman Shukla Edited By: Piyush Pandey Updated: Thu, 28 Aug 2025 10:27 PM (IST)
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    एसआईआर के प्रारूप सूची में सम्मिलित तीन लाख से अधिक लोगों पर आयोग को संदेह। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, पटना। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के उपरांत जारी प्रारूप सूची में तीन लाख से अधिक लोग संदिग्ध पाए गए हैं।

    इसमें सात जिलों के सर्वाधिक लोग सम्मिलित हैं। जिलों में चल रहे स्क्रूटनी में अभी तक की सर्वाधिक संदिग्ध नाम किशनगंज, अररिया, सहरसा, मधुबनी, पूर्णिया, कटिहार एवं पश्चिम चंपारण जिले में चिह्नित किए गए हैं।

    अब बीएलओ (बूथ लेवल एजेंट) चिह्नित किए गए तीन लाख संदिग्ध लोगों को नोटिस देंगे। इस नोटिस पर सुनवाई ईआरओ (निर्वाचक निबंधन अधिकारी) करेंगे।

    उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने एसआइआर के उपरांतप्रारूप मतदाता सूची से 65.63 लाख लोगों के नाम हटा दिए थे। इसमें मृत मतदाता, स्थायी रूप से बाहर जाने वाले मतदाता और वैसे मतदाता जिनका नाम कई स्थानों पर निबंधित पाया गया था।

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    आयोग ने जिनका नाम प्रारूप सूची से बाहर किया था उसमें 22.34 लाख मतदाताओं के निधन हो चुका है। 7.01 लाख लोगों के नाम दो या दो से ज्यादा जगह दर्ज हैं।

    साथ ही राज्य भर में 36.28 लाख लोग बिहार से स्थायी रूप से पलायन कर चुके हैं या उनका पता नहीं चल सका है। 1.2 लाख लोगों के फार्म तीन बार बीएलओ के घर जाने के बाद भी नहीं मिला है। अब नाम बचाने के लिए या नागरिकता प्रमाणित करने के लिए 11 प्रमाण पत्रों कोई एक देना होगा।

    कौन-कौन प्रमाण पत्र हैं मान्य

    आयोग द्वारा मान्यता दिये गये प्रमाण का नाम

    1. किसी भी केंद्रीय/राज्य सरकार/सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) के नियमित कर्मचारी/पेंशनधारी को जारी पहचान पत्र/पेंशन भुगतान आदेश।

    2. भारत में किसी सरकारी/स्थानीय निकाय/बैंक/डाकघर/एलआइसी/सार्वजनिक उपक्रम द्वारा पहली जुलाई-1987 से पहले जारी कोई भी पहचान पत्र/प्रमाणपत्र/दस्तावेज।

    3. सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र।

    4. पासपोर्ट।

    5. मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालय द्वारा जारी मैट्रिक/शैक्षणिक प्रमाणपत्र।

    6. सक्षम राज्य प्राधिकारी द्वारा जारी स्थायी निवास प्रमाण पत्र।

    7. वन अधिकार पत्र।

    8. सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी अन्य पिछड़ा वर्ग/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति या कोई भी जाति प्रमाण पत्र।

    9. नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर (जहां उपलब्ध हो)।

    10. राज्य/स्थानीय प्राधिकारी द्वारा तैयार पारिवारिक रजिस्टर।

    11. सरकार द्वारा जारी भूमि/मकान आवंटन प्रमाण पत्र।