एक्साइज एक्ट के भवनों के निर्माण पर रिपोर्ट तलब; पटना हाईकोर्ट की सरकार को फटकार, अगली सुनवाई में जवाबदेही तय
पटना हाईकोर्ट बिहार में एक्साइज एक्ट के मामलों के लिए बन रहे 42 विशेष न्यायालयों के निर्माण की निगरानी कर रहा है। बक्सर, जहानाबाद और खगड़िया में निर्माण पूरा हो गया है, जबकि 19 जिलों में भूमि आवंटन लंबित है। हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए अगली सुनवाई जनवरी 2026 तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। देरी होने पर सरकार की जवाबदेही तय की जाएगी।

एक्साइज एक्ट के 42 विशेष न्यायालय भवनों के निर्माण पर रिपोर्ट तलब। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार में एक्साइज एक्ट के मामलों की सुनवाई हेतु प्रस्तावित 42 विशेष न्यायालयों के भवन निर्माण कार्य की माॉनिटरिंग पटना हाईकोर्ट द्वारा की जा रही है।
न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद और न्यायाधीश मोहित शाह की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की, जिसमें राज्य सरकार की ओर से स्थायी अधिवक्ता विकास कुमार ने अब तक की प्रगति रिपोर्ट अदालत के समक्ष प्रस्तुत की।
रिपोर्ट के अनुसार राज्य के तीन जिलों बक्सर, जहानाबाद और खगड़िया में एक्साइज कोर्ट के भवनों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। वहीं, 19 जिलों में भूमि आवंटन की प्रक्रिया लंबित है, जिसके लिए जिलाधिकारियों को पत्र भेजे गए हैं।
शेष जिलों में भवन निर्माण के लिए भवन निर्माण विभाग से लागत एवं तकनीकी विवरण मांगे गए हैं। खंडपीठ को बताया गया कि सभी जिलों से प्राप्त होने वाली विस्तृत रिपोर्ट फिलहाल राज्य सरकार के पास पूरी तरह नहीं पहुंची है।
इस पर अदालत ने असंतोष जताते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह संबंधित विभागों से संपूर्ण जानकारी एकत्रित कर अगली सुनवाई पर विस्तृत स्थिति रिपोर्ट पेश करे।
हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2026 में निर्धारित की है और स्पष्ट किया कि निर्माण कार्यों में देरी को लेकर सरकार को जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी।
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