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    Gen-Z बदल सकते हैं बिहार में राजनीति की तस्वीर, दूसरे चरण में क‍िस तरह होंगे न‍िर्णायक?

    By Raman Shukla Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Mon, 10 Nov 2025 07:35 PM (IST)

    बिहार की राजनीति में Gen-Z मतदाताओं का महत्व बढ़ रहा है। दूसरे चरण के चुनावों में उनकी भूमिका निर्णायक हो सकती है। राजनीतिक दल युवाओं को आकर्षित करने के लिए नई रणनीतियाँ अपना रहे हैं। शिक्षा, रोजगार जैसे मुद्दों पर Gen-Z का ध्यान है। युवा मतदाताओं की सक्रिय भागीदारी से बिहार की राजनीति में परिवर्तन की संभावना है।

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    Bihar Chunav 2025 के दूसरे चरण में युवा मतदाता बनेंगे बदलाव के वाहक। जागरण

    रमण शुक्ला, पटना। Bihar Vidhansabha Chunav 2025 के दूसरे चरण में 20 जिले के 122 विधानसभा क्षेत्र के 18 से 29 आयु वर्ग वाले युवा मतदाताओं पर सभी दलों की नजर टिकी हुई है।

    इस चरण में कुल तीन करोड़ 70 लाख 13 हजार 556 मतदाता है, जिसमें 83 लाख 77 हजार 570 युवा 18 से 29 आयु वर्ग के हैं।

    इनमें 18-19 वर्ष के पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं की संख्या सात लाख 10 हजार 845 है। दोनों मिलाकर कुल युवा मतदाताओं की संख्या 90,88,415 है।

    राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह वर्ग पूर्णतया किसी दल के प्रभाव से मुक्त मतदाता हैं। इस वर्ग पर सीधे तौर पर किसी योजना का लाभ का असर भी नहीं है।

    भविष्य की बात करें तो एनडीए एवं महागठबंधन के अतिरिक्त जन सुराज पार्टी जैसे दलों ने युवाओं को लक्ष्य बनाकर अलग-अलग घोषणाएं जरूर की है।

    राजनीत‍ि की भाषा बदल रही युवा जमात

    पहली बार या दूसरी बार वोट डालने जा रही यह युवा जमात न केवल राजनीति की भाषा बदल रही है, बल्कि हर दल को अपने एजेंडे एवं प्रचार शैली में युवा-केंद्रित बदलाव करने के लिए मजबूर कर रही है।

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    खास बात यह है कि Gen-ZG किसी एक दल के बृहद जातीय समीकरण का हिस्सा बनने के बजाय रोजगार, प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता, कनेक्टिविटी, डिजिटल शिक्षा, स्टार्टअप इकोसिस्टम एवं भ्रष्टाचार मुक्त शासन जैसी बातें करती हैं।

    एनडीए हो या महागठबंधन, दोनों ही गठबंधन इंटरनेट मीडिया कैंपेन, वीडियो मैसेज, छोटे रील्स एवं युवाओं को संबोधित लाइव इंटरैक्शन के जरिए जेन जी को साधने में अंतिम समय तक जुटे हैं।

    राजनीतिक दल जानते हैं कि पारंपरिक सभाएं युवाओं पर सीमित प्रभाव डालती हैं, इसलिए इस वर्ग तक पहुंचने के लिए वे इंस्टाग्राम, यूट्यूब, फेसबुक, एक्स एवं वाट्सएप को प्राथमिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।

    कई सीटों पर जीत-हार का अंतर कुछ हजार वोटों तक सिमट सकता है और ऐसे में जेन जी का रुझान परिणामों की दिशा बदल सकता है।

    राजनीतिक विश्लेषक अभय कुमार का मानना है कि इस बार युवाओं का वोट किसी दल की परंपरागत पकड़ को चुनौती दे सकता है। 

    दूसरे चरण के मतदान का तापमान बढ़ चुका है और सभी दलों की नजर अब उसी वर्ग पर है जो चुनावी गणित के पुराने सूत्रों को चुनौती दे चुका है।

    इससे साफ है कि जेन जी इस चुनाव में सिर्फ वोटर नहीं, बल्कि निर्णायक शक्ति के रूप में उभर रही है। 


    जिलेवार युवा मतदाताओं की स्थिति 

            जिले    -18-19 वर्ष   -20-29 वर्ष   -कुल 

    • पश्चिम चंपारण-43,129 -5,68,617 -6,11,746
    • पूर्वी चंपारण: 65,974 -7,80,054 -8,46,028
    • शिवहर: 6,110 -72,380 -78,490
    • सीतामढ़ी: 48,061 -5,72,565 -6,20,626
    • मधुबनी : 53,077 -6,99,548 -7,52,625
    • सुपौल: 32,531 -3,87,511 -4,20,024
    • अररिया: 31,994 -4,56,761 -4,88,755
    • किशनगंज: 23,534 -2,76,129 -2,99,663
    • पूर्णिया: 35,214 -4,68,507 -5,03,721
    • कटिहार: 43,087 -5,24,485 -5,67,572
    • भागलपुर: 50,079 -4,76,262 -5,26,341
    • बांका: 30,860 -3,25,613 -3,56,473
    • कैमूर: 27,093 -2,87,421 -3,14,514
    • रोहतास: 48,462 -4,99,005 -5,47,467
    • अरवल: 13,463 -1,18,797 -1,32,260
    • जहानाबाद: 17,598 -1,71,754 -1,89,352
    • औरंगाबाद: 37,908 -4,18,153 -4,56,061
    • गया: 49,274 -6,43,327 -6,92,601
    • नवादा: 26,533 -3,37,517 -3,64,050
    • जमुई: 26,864 -2,93,164 -3,20,028
    • कुल: 710845 -8377570-9088415

     

     

    18 से 29 वर्ष उम्र के कुल 90,88,415 मतदाताओं पर टिकी दलों की नजर
    - 20 जिलों के जेन जी मतदाता होंगे निर्णायक, इनमें 18-19 वर्ष के पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं की संख्या हैं सात लाख 10 हजार 845