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    Govardhan Puja 2025: देशभर में गोवर्धन पूजा आज, जानिए शुभ मूहूर्त और पूजा विधि

    Updated: Wed, 22 Oct 2025 10:16 AM (IST)

    आज पूरे देश में गोवर्धन पूजा मनाई जा रही है। यह त्योहार दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है और भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा का दिन है। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6.29 बजे तक है। पूजा विधि में गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाना, भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित करना और धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करना शामिल है।

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    गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त

    जागरण संवाददाता, पटना। दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा, भाई दूज और भगवान चित्रगुप्त की पूजा की तैयारियां पूरी हो चुकी है। आज गोवर्धन पूजा है, जबकि चित्रगुप्त पूजा और भाई दूज कल मनाई जाएगी।

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वृंदावन में स्थित गोवर्द्धन पर्वत स्वयं नारायण के स्वरूप हैं। सनातन धर्मावलंबी बधुवार को कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के गोबर के गोवर्द्धन बनाकर पीला फूल, अक्षत, चंदन, धुप-दीप से उनकी पूजा करेंगे।

    गोवर्द्धन पूजा पर गौशाला में गाय को स्नान कराकर उनको नए वस्त्र, रोली चंदन, अक्षत, पुष्प से पूजा के बाद हरी घास, भूषा, चारा, गुड़, चना, केला, मिठाई खिलायी जाएगी।

    गौ की सेवा करने से कई तीर्थों में स्नान के समान पुण्य मिलता है। कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा में स्वाति नक्षत्र व प्रीति योग के साथ सिद्धयोग में गोवर्द्धन पूजा मनाई जाएगी। प्रतिपदा तिथि बुधवार की शाम 6.29 बजे तक है।

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    श्रद्धालु आज गाय के संवर्धन के संकल्प लेते हुए विधि-विधान से पूजा करेंगे। गोवर्द्धन की पूजा करने से श्रद्धालु को आर्थिक व समृद्धि का लाभ होता है।

    गोवर्द्धन पूजा के दिन भगवान श्री हरि की पूजा होगी। अन्नकूट पूजन के दौरान भगवान विष्णु को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। शहर के इस्कान मंदिर, नागाबाबा ठाकुरबाड़ी, गर्दनीबाग ठाकुरबाड़ी समेत अन्य जगहों पर अन्नकूट का पूजन होगा।

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्द्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा उंगली पर उठाकर इंद्रदेव का घंमड तोड़ा था। ब्रज वासियों की रक्षा किए थे। श्रीकृष्ण ने लोगों को प्रकृति की सेवा व संवर्धन का संदेश दिया था।

    भाई की लंबी उम्र की कामना

    कार्तिक शुक्ल द्वितीया में कल गुरुवार को विशाखा नक्षत्र व आयुष्मान योग में दीपोत्सव का अंतिम पर्व भाई दूज में रूप में मनाया जाएगा। बहनें इस दिन अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करते हुए उनके माथे पर तिलक लगाकर मधुर भोजन खिलाएगी।

    इसके बदले भाई भी उनकी रक्षा का संकल्प लेते हुए उपहार भेंट करेंगे। भाई दूज पर भाई को बहन के घर भोजन करना और उन्हें उपहार देना अत्यंत शुभ होता है।

    ऐसा करने से यम के दुष्प्रभाव कायस्थ भी कम हो जाते है। समुदाय के श्रद्धालु कल विधि-विधान से चित्रगुप्त भगवान की पूजा-अर्चना करेंगे। मान्यता है कि चित्रगुप्त भगवान व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्मों का लेखा-जोखा का बही खाता रखते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चित्रगुप्त की पूजा करने से बुद्धि, वाणी और लेखन का आशीर्वाद मिलता है।