'लालू परिवार के डीएनए में ही मिथिला का अपमान', संजय झा ने क्यों दिया ऐसा बयान? मचेगा सियासी बवाल!
जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने एक ऐसा बयान दिया है जिसपर सियासी बवाल मच सकता है। जदयू नेता ने आरोप लगाया है कि लालू परिवार ने हमेशा मिथिला का अपमान किया है जबकि नीतीश कुमार ने इसे मान-सम्मान दिया है। जदयू ने यह भी कहा कि लालू के कार्यकाल में मैथिली भाषा को बीपीएससी से बाहर कर दिया गया था लेकिन नीतीश ने इसे दोबारा शामिल किया।
राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा के सदस्य संजय कुमार झा ने मिथिला को मिथिलांचल कहने के लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव और लालू परिवार की आलोचना की है।
उन्होंने लालू परिवार पर जुबानी हमला करते हुए कहा कि लालू परिवार ने मिथिला का हमेशा अपमान किया। जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मिथिला को मान-सम्मान देने का काम किया है।
लालू परिवार के डीएनए में मिथिला का अपमान
उन्होंने कहा कि लालू परिवार के डीएनए में ही मिथिला का अपमान है। तेजस्वी यादव ने भी अपने पिता के कारनामे को दोहराया है।
वे मिथिला को मिथिलांचल कह कर एक छोटे से क्षेत्र में सीमित और विभाजित करने की साजिश रच रहे हैं, जो पूरा नहीं होगा।
मिथिला एक वृहत क्षेत्र है, जिसका विस्तार देश की सीमा से पार तक है। मिथिला की अपनी ऐतिहासिक विरासत रही है।
लालू के कार्यकाल में बीपीएससी से बाहर की गई मैथिली भाषा
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इतिहास में देखें तो लालू परिवार के काले कारनामे साफ नजर आएंगे। लालू प्रसाद के कार्यकाल में ही मैथिली भाषा को अपमानित करते हुए इसे बिहार लोक सेवा आयोग से बाहर कर दिया गया था।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने जब 2005 में बिहार की कमान संभाली, तब उन्होंने आयोग में दोबारा शामिल करके मैथिली को न सिर्फ उसका हक दिलाया, बल्कि उचित सम्मान भी दिया।
इतना ही नहीं, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रेल मंत्री रहते हुए नीतीश कुमार ने कोसी नदी पर महासेतु बनवाकर 1934 के भूकंप में दो हिस्सों में बंट चुके मिथिला का एकीकरण किया।
लालू यादव को अपने परिवार के अलावा किसी और की फिक्र नहीं
उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद को अपने परिवार के अलावा किसी और की फिक्र नहीं है। उनके काले कारनामों ने बिहार को वर्षों तक कलंकित किया है। ऐसे परिवार से मिथिला के लिए कोई भी उम्मीद करना बेइमानी ही होगी।
नीतीश कुमार की तारीफ में पढ़े कसीदे
उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जब कोसी महासेतु का शिलान्यास करने के लिए मिथिला आए थे, तब उस सभा में नीतीश कुमार ने उनसे मैथिली को संविधान की अष्टम अनुसूची में शामिल करने का आग्रह किया था।
अटल जी ने उनकी मांग को सहर्ष स्वीकार किया और बिना देरी किए उसी मंच से इसकी घोषणा भी कर दी थी। बाद में इसे संसद से पास भी करवा दिया।
डबल इंजन की सरकार में मिथिला का चौथरफा विकास
जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि एनडीए की डबल इंजन की सरकार ने मिथिला के विकास के लिए चौतरफा प्रयास किया है।
नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में शुरू हुई उड़ान योजना के तहत बिहार सरकार और केंद्र सरकार के बीच बिहार में दो नये एयरपोर्ट के विकास पर सहमति बनी और दोनों ही मिथिला को मिले-एक दरभंगा और दूसरा पूर्णिया।
इतना ही नहीं, बिहार को जब दूसरा एम्स मिला, तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही तय किया कि यह दरभंगा में बनेगा। चालू वित्त वर्ष के बजट में मिथिला में आने वाली बाढ़ रूपी आपदा के स्थाई समाधान के लिए अलग से पैकेज की घोषणा की गई है।
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