बिहार विधानसभा चुनाव: जदयू ने 18 ऐसे प्रत्याशियों को मैदान में उतारा जो पहली बार मतदाताओं के बीच
जदयू ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में 18 नए प्रत्याशियों को उतारा है, जिनके लिए नीतीश सरकार की योजनाएं और डबल इंजन की सरकार की उपलब्धियां मुख्य पूंजी हैं। इनमें से कई प्रत्याशियों का राजनीतिक पृष्ठभूमि से संबंध है। कुछ क्षेत्रों में जदयू को 2020 में हार मिली थी, जबकि कुछ में जीत हासिल हुई थी।

जदयू ने 18 ऐसे प्रत्याशियों को चुनाव में उतारा
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। विधानसभा चुनाव 2025 में जदयू ने 18 ऐसे प्रत्याशियों को चुनाव में उतारा है जो पहली बार अपने लिए वोट मांगते दिखेंगे। इन प्रत्याशियों के लिए नीतीश सरकार की योजनाएं और काम के साथ डबल इंजन की सरकार के दौरान बिहार के खाते में आयी उपलब्धि ही पूंजी है। वैसे पहली बार चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों में कई ऐसे हैं जिनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक जरूर है।
पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने वालों में ये हैं शामिल
पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों में-1. सिकटा से समृद्ध वर्मा 2. नरकटिया से विशाल साह 3. डुमरांव से राहुल सिंह 4. इस्लामपुर से रुहेल रंजन 5. खगड़िया से बबलू मंडल 6. चेरिया बरियारपुर से अभिषेक कुमार 7. विभूतिपुर से रवीना कुशवाहा 8. बड़हरिया से इंद्रदेव पटेल 9. रघुनाथपुर से विकास कुमार सिंह 10. सकरा से आदित्य कुमार 11. दरभंगा ग्रामीण से ईश्वर मंडल 12. लौकहा से सतीश साह 13. सुरसंड से नागेंद्र राउत 14. शिवहर से श्वेता गुप्ता 15. त्रिवेणीगंज से सोनम रानी सरदार 16.वारिसनगर से डा. मांजरिक मृणाल 17. कुशेश्वर स्थान से अतिरेक कुमार। 18. घोसी से ऋतुराज। वहीं कुर्था से जदयू प्रत्याशी पप्पू कुमार वर्मा ने पिछली बार उपेंद्र कुशवाहा के दल से चुनाव लड़ा था।
पहली बार लड़ रहे इन प्रत्याशियों की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक
जदयू की टिकट पर पहली बार चुनाव मैदान में उतरे कई प्रत्याशी ऐसे हैं जिनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक है। इनमें सिकटा से चुनाव लड़ रहे समृद्ध वर्मा पूर्व विधायक दिलीप वर्मा के पुत्र हैं। डुमरावं से लड़ रहे राहुल सिंह के परिवार की भी राजनीतिक पृष्ठभूमि है। इस्लामपुर से मैदान में उतरे रूहेल रंजन के पिता एक बार इस्लामपुर से विधायक थे। वह जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी थे।
चेरियाबरियारपुर में जदयू की टिकट पर चुनाव लड़ रहे अभिषेक कुमार की मां मंजू वर्मा वहां से विधायक रह चुकी हैं। नीतीश कुमार की सरकार में वह मंत्री भी थीं। विभूतिपुर से लड़ रहीं रवीना कुशवाहा भी राजनीतिक पृष्ठभूमि से आती हैं। वारिसनगर से लड़ रहे डा. मांजरिक मृणाल के पिता विधायक रहे हैं। सकरा से लड़ रहे आदित्य कुमार की पारिवारिक पृष्ठभूमि भी राजनीतिक रही है। कुशेश्वर स्थान से जदयू के प्रत्याशी अतिरेक कुमार के पिता कई बार विधायक रह चुके हैं। घोसी से मैदान में उतरे ऋतुराज के पिता जहानाबाद से सांसद रह चुके हैं।
जहां से पहली बार लड़ रहे प्रत्याशी वहां 2020 में जदयू की स्थित
सिकटा में जदयू की हार हुई थी। नरकटिया विधानसभा क्षेत्र में जदयू प्रत्याशी दूसरे नंबर पर थे। डुमरांव से जदयू प्रत्याशी की हार हो गयी थी। शिवहर से भी जदयू प्रत्याशी नहीं जीत सके थे। कुशेश्वर स्थान से जदयू की जीत हुई थूी। विभूतिपुर से जदयू प्रत्याशी हार गए थे। वारिसनगर से जदयू की जीत हुई थी।
चेरियाबरियारपुर से जदयू हार गया था।सकरा से जदयू प्रत्याशी काे जीत मिली थी। मधेपुरा से जदयू हार गया था। इस्लामपुर से भी जदयू को हार मिली थी।दरभंगा ग्रामीण से भी जदयू प्रत्याशी हार गए थे। लौकहा से भी जदयू को सफलता नहीं मिल पायी थी। सुरसंड से जदयू को जीत मिली थी। त्रिवेणीगंज जदयू की सीट थी। रघुनाथपुर से राजद की जीत हुई थी। बड़हरिया व खगड़िया से भी जदयू को हार मिला थी।
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