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    Jyeshtha Purnima 2025: ज्येष्ठ पूर्णिमा आज, इन चीजों के दान से माता लक्ष्मी होंगी प्रसन्न; जानें शुभ मुहूर्त

    Updated: Wed, 11 Jun 2025 09:48 AM (IST)

    पटना में आज ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा मनाई जा रही है। इस दिन सूर्य उत्तरायण से दक्षिणायन होंगे। भगवान जगन्नाथ का सहस्त्रधारा स्नान होगा। ज्योतिष आचार्य राकेश झा के अनुसार इस दिन गंगा स्नान और दान करने से पापों का नाश होता है। लक्ष्मी-नारायण की पूजा और सत्यनारायण प्रभु की कथा सुनने से सुखों की प्राप्ति होती है। शुभ मुहूर्त में दान करने से धन और वैभव में वृद्धि होती है।

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    ज्येष्ठ पूर्णिमा पर आज उत्तरायण से दक्षिणायन हो जाएंगे सूर्य। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, पटना। Jyeshtha Purnima 2025।  ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा का पर्व आज बुधवार को ज्येष्ठा नक्षत्र एवं साध्य योग में मनेगी। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सूर्य उत्तरायण से दक्षिणायन हो जाएंगे।

    आज सूर्य और चंद्रमा आमने-सामने की स्थिति में होंगे। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन से वैवस्वत मन्वंतर की शुरुआत हुई थी। पूर्णिमा को भगवान जगन्नाथ सहस्त्रधारा स्नान करेंगे। इसके बाद 15 दिन तक उनकी ज्वर लीला चलेगी।

    ज्येष्ठ पूर्णिमा पर लक्ष्मी-नारायण की पूजा

    ज्योतिष आचार्य राकेश झा ने बताया कि ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को अन्य सभी पूर्णिमाओं से अधिक महत्व रखता है। इस मास में कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे। गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी और ज्येष्ठ पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है।

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    इस दिन गंगा, सरोवर, संगम या तीर्थ में स्नान के बाद दान, व्रत व पुण्य कृत्य करने से समस्त पापों का ह्रास, रोक-शोक से मुक्ति तथा मोक्ष की प्राप्ति के द्वार खुल जाते है। आज लक्ष्मी-नारायण की पूजा, खीर का भोग तथा कर्पूर की आरती होगी। दक्षिण संप्रदाय के श्रद्धालु इसे वट पूर्णिमा के रूप में मनाते है।

    आज चंद्रमा की पूजा करने से कुंडली के चंद्र दोष दूर तथा चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण प्रभु की विधिवत पूजा के बाद कथा श्रवण करने से समस्त सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना किया जाएगा।

    ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि पर शुभ योग में स्नान-दान, पूजा-पाठ, दान-धर्म एवं पुण्य कृत्य करने से धन, संपत्ति एवं वैभव में वृद्धि के साथ अक्षय पुण्य की प्राप्ति तथा लक्ष्मी-नारायण भगवान की विशेष भी मिलती है।

    इस दिन चंद्रमा से जुड़ी वस्तुओं का दान जैसे सफेद वस्त्र, शक्कर, चावल, दही, चांदी, सफेद फूल, मोती आदि का दान करने से कुंडली में चंद्रमा प्रबल तथा जीवन में सुख -समृद्धि की वृद्धि होती है।

    पूर्णिमा पर स्नान-दान एवं पूजा

    • लाभ-अमृत मुहूर्त: प्रातः 5:00 बजे से 8:24 बजे तक
    • शुभ योग मुहूर्त: सुबह 10:07 बजे से 11:49 बजे तक
    • अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:22 बजे से 12:17 बजे तक
    • चर मुहूर्त: शाम 3:14 बजे से 4:57 बजे तक
    • प्रदोष काल मुहूर्त: संध्या 6:39 बजे से 8:51 बजे तक

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