गोलगप्पे वाले को किया अगवा, हैरान कर देगा कारण
शेखपुरा में एक अनोखा मामला सामने आया है जहाँ एक गोलगप्पे वाले का अपहरण कर जबरन नामांकन करवाया गया। आरोप है कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि उसका नाम एक प्रत्याशी से मिलता था, जिससे मतदाताओं में भ्रम पैदा हो सके। युवक के पिता ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस मामले की जाँच कर रही है। घटना शेखपुरा विधानसभा क्षेत्र की है।

जागरण संवाददाता, शेखपुरा। राजनीति में होने वाले अनोखे खेल का एक उदाहरण शुक्रवार को शेखपुरा में देखने को मिला। यहां जबरन नामांकन दाखिल करवाया गया है। मामला इसलिए रोचक हो गया है कि एक तरफ टिकट के लिए मारामारी चल रही है। टिकट कटने पर प्रत्याशी बिलख रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे हैं। मारपीट तक हो रही है, तो दूसरी ओर एक गोलगप्पे बेचनेवाले को केवल इसलिए अगवा कर लिया गया कि उसका नामांकन कराना था। दरअसल उस युवक का नाम एक प्रत्याशी का हमनाम था। बहरहाल, मामला थाने पहुंच गया है। अब पुलिस मामले की जांच कर रही है।
दरअसल एक युवक को अगवा कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन कराने का आरोप लगाया गया है। युवक के पिता सुरेश महतो ने इस बाबत कसार थाने में लिखित शिकायत की है। इस संबंध में कसार थानाध्यक्ष ने बताया कि शिकायत की जांच की जा रही है। यह घटना शेखपुरा विधानसभा क्षेत्र से संबंधित है। युवक गोलगप्पे बेचता है और उसका नाम रणधीर कुमार है। आशंका जताई जा रही है कि एनडीए के घटक दल जदयू के अधिकृत प्रत्याशी रणधीर कुमार सोनी का हमनाम होने के कारण वोटरों में भ्रम पैदा करने के लिए यह राजनीतिक साजिश की गई है।
शुक्रवार को बेलहारी गांव के रणधीर कुमार ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया, जबकि उनके पिता सुरेश महतो ने आरोप लगाया कि रंजीत पासवान नामक व्यक्ति ने उनके बेटे को अगवा कर जबरन पर्चा भरवाया। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि इस नामांकन के पीछे किसका लाभ या नुकसान है? सुरेश महतो ने बताया कि उनका बेटा रणधीर बिहारशरीफ में गोलगप्पा बेचता है। गुरुवार को रंजीत नामक युवक ने रणधीर को अगवा कर अपने कब्जे में रखा था। शुक्रवार को शेखपुरा विधानसभा से उसका नामांकन करवा दिया। इस घटना की जगह-जगह चर्चा हो रही है।
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