भूृ-अर्जन में अधिकारियों की मामूली लापरवाही से सरकार और जनता को नुकसान: गोपाल मीणा
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव गोपाल मीणा ने कहा कि भूमि अधिग्रहण में अधिकारियों की मामूली चूक से सरकार और जनता को नुकसान होता है। पटना में प्रशिक्षण कार्यक्रम में उन्होंने लंबित परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर जोर दिया। सचिव जय सिंह ने भूमि अर्जन में देरी कम करने की बात कही।

राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव गोपाल मीणा ने स्वीकार किया है कि जमीन अधिग्रहण के समय अधिकारियों की मामूली लापरवाही सरकार और जनता पर भारी पड़ जाती है। बुधवार को यहां जिला भू अर्जन पदाधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मीणा ने कहा-कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं अधिकारियों की थोड़ी सी लापरवाही के कारण वर्षों से लंबित हैं। समय पर अधिग्रहण को तो परियोजनाएं भी निर्धारित अवधि में पूरी होंगी।
देरी से सरकार और रैयत दोनों को नुकसान उठाना पड़ता है। लंबित या विवादित मामलों में समय पर कार्रवाई होनी चाहिए। सचिव जय सिंह ने कहा कि भू-अर्जन की प्रक्रिया में देरी को दूर करने के लिए रणनीति के साथ काम करने की जरूरत है। न्यायालय में विवादों को कम करना और भू-अर्जन का अंतिम निष्पादन समय पर करना ही विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए।
भूृ-अर्जन निदेशक कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि पटना–पूर्णिया, रक्सौल–हल्दिया, गोरखपुर–सिलीगुड़ी और वाराणसी–कोलकाता एक्सप्रेस वे का 1626.37 किलोमीटर भाग बिहार में है। इसके लिए एक सौ 18 करोड़ से अधिक राशि स्वीकृत है। इन परियोजनाओं को वर्ष 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
सहायक निदेशक आजीव वत्सराज ने सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में भू-अर्जन की प्रक्रिया कम से कम समय में पूरा करने का उदाहरण दिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में भू अर्जन विशेषज्ञ सुशील कुमार, सहायक भू अर्जन पदाधिकारी कमल नयन कश्यप, रवि सिन्हा, पंकज कुमार झा एवं शिव जी समेत अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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