NDA Seat Sharing: रह-रहकर छलक रहा मांझी-कुशवाहा का दर्द, NDA के लिए खड़ी हो सकती है मुश्किल
एनडीए में सीट बंटवारे के बाद, जीतन राम मांझी और उपेन्द्र कुशवाहा के दर्द झलक रहे हैं। कुशवाहा ने कार्यकर्ताओं से क्षमा मांगी और शायरी के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। मांझी ने भी कार्यकर्ताओं को समझाने की चुनौती बताई और निराशा व्यक्त की, जिससे एनडीए को नुकसान होने की आशंका है। दोनों नेता सीटों की संख्या से संतुष्ट नहीं हैं और अपनी नाराजगी जता रहे हैं।

रह-रहकर छलक रहा मांझी-कुशवाहा का दर्द
कुमार रजत, पटना। एनडीए की सीट शेयरिंग में छह-छह सीटें पाने वाले जीतन राम मांझी और उपेन्द्र कुशवाहा दोनों का दर्द रह-रहकर छलक रहा है। टिकट बंटवारे की घोषणा के समय तो इन नेताओं ने तो खुशी-खुशी इसे स्वीकार कर लिया मगर नेता-कार्यकर्ताओं की नाराजगी से बचने को इशारों में अपनी नाराजगी और दुख भी जता रहे हैं।
उपेन्द्र कुशवाहा कभी पत्र लिखकर तो कभी शायरी में अपना दर्द बता रहे हैं। कुशवाहा ने रविवार की देर रात पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लिखा- आप सभी से क्षमा चाहता हूं।
आपके मन के अनुकूल सीटों की संख्या नहीं हो पायी। मैं समझ रहा हूं, इस निर्णय से अपनी पार्टी के उम्मीदवार होने की इच्छा रखने वाले साथियों सहित हजारों-लाखों लोगों का मन दुखी होगा। आज कई घरों में खाना नहीं बना होगा। परंतु आप सभी मेरी एवं पार्टी की विवशता और सीमा को बखूबी समझ रहे होंगे।
किसी भी निर्णय के पीछे कुछ परिस्थितियां ऐसी होती हैं जो बाहर से दिखतीं हैं मगर कुछ ऐसी भी होती हैं जो बाहर से नहीं दिखतीं। हम जानते हैं कि अंदर की परिस्थितियों से अनभिज्ञता के कारण आपके मन में मेरे प्रति गुस्सा भी होगा, जो स्वाभाविक भी है।
आपसे विनम्र आग्रह है कि आप गुस्सा को शांत होने दीजिए, फिर आप स्वयं महसूस करेंगे कि फैसला कितना उचित है या अनुचित। फिर कुछ आने वाला समय बताएगा। फिलहाल इतना ही।
कुशवाहा ने लिखा- आज बादलों ने फिर साजिश की
सोमवार की सुबह उपेन्द्र कुशवाहा ने शायरी पोस्ट की। लिखा- आज बादलों ने फिर साजिश की, जहां मेरा घर था वहीं बारिश की। अगर फलक को जिद है बिजलियां गिराने की, तो हमें भी जिद है वहीं पर आशियां बसाने की। कुशवाहा के इस पोस्ट को भी पार्टी नेता-कार्यकर्ताओं से सहानुभूति बटोरने के लिए किया गया उपक्रम बताया जा रहा है।
मांझी के लिए भी पार्टी नेता-कार्यकर्ताओं को समझाना चुनौती
एनडीए में 15 सीटों का राग अलापने वाले जीतन राम मांझी के लिए भी अपने पार्टी के नेता-कार्यकर्ताओं को समझाना बड़ी चुनौती है। छह में चार सीटें वर्तमान विधायकों को ही मिलने की उम्मीद है। कुटुम्बा की पुरानी सीट पर पुराने उम्मीदवार श्रवण भुईयां के लड़ने की चर्चा है।
इस बार गया की अतरी की नई सीट मिली है, जिसके लिए भी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार के भतीजे रोमित कुमार का नाम आगे बताया जा रहा है। ऐसे में पांच साल से पार्टी के लिए काम कर रहे नेता-कायकर्ताओं को एक सीट भी नहीं मिल पा रही है।
यही कारण है कि मांझी कसमसाते हुए इशारों में अपनी नाराजगी जता रहे हैं। वह एनडीए में छह सीटें मिलने को सिरोधार्य तो कर रहे मगर यह भी कह रहे कि इससे थोड़ी निराशा है। संभव है एनडीए को इसका नुकसान भी हो।
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