12 साल से दिल्ली से पटना की ट्रेन में उड़ा रहे थे मोबाइल, नौ अपराधियों के पास पैसेंजर के 150 फोन
यात्रियों का मोबाइल चुराने वाले गिरोह के नौ बदमाशों को पटना जंक्शन से गिरफ्तार कर लिया गया है। सभी को प्लेटफार्म नंबर दो और तीन के पश्चिम छोर से दबोचा। यह गिरोह 12 साल से सक्रिय था। इनके खिलाफ पटना जंक्शन रेल थाना में वर्ष 2013 से 2015 के बीच तीन केस दर्ज है।

जागरण संवाददाता, पटना। दिल्ली से पटना के बीच चलने वाली ट्रेनों और स्टेशनों पर यात्रियों का मोबाइल चुराने वाले गिरोह के नौ बदमाशों को पटना जंक्शन से गिरफ्तार कर लिया गया है। रेल पुलिस ने इन सभी को प्लेटफार्म नंबर दो और तीन के पश्चिम छोर से दबोचा।
यह गिरोह 12 साल से सक्रिय था
पुलिस की तलाशी के क्रम में इनके पास से चोरी के 150 मोबाइल को बरामद किया गया। यह गिरोह 12 साल से सक्रिय था। इनके खिलाफ पटना जंक्शन रेल थाना में वर्ष 2013 से 2015 के बीच तीन केस दर्ज है। गिरोह चाेरी के मोबाइल को पश्चिम बंगाल के मालदा में दूसरे गिरोह के हाथों बेच देता था। रेल एसपी अमृतेंदु शेखर ठाकुर ने बताया बरामद मोबाइल में सबसे अधिक दिल्ली के हैं। अन्य पटना स्टेशन और ट्रेनों में चोरी किए थे। दिल्ली और पश्चिम बंगाल पुलिस से संपर्क किया जा रहा है। गिरोह के चेन से जुड़े अन्य बदमाशों की पहचान कर गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।
चेन के जरिए दिल्ली से पश्चिम बंगाल पहुंचा था मोबाइल
गिरोह में पश्चिम बंगाल के भी बदमाश शामिल है। जो चेन बनाकर काम करते थे। जैसे ही किसी यात्री की जेब से मोबाइल उड़ाते थे, उसे गिरोह के दूसरे सदस्यों को थम देते थे। दिल्ली स्टेशन और वहां से पटना आने वाली ट्रेनों में सवार यात्रियों की जेब और चार्जिंग प्वाइंट से मोबाइल उड़ाने के बाद दूसरी ट्रेन से वह पटना जंक्शन पहुंचते थे। मोबाइल को पश्चिम बंगाल तक भेजने का जिम्मा गिरोह के उस सदस्य की होती थी, जो उसे पश्चिम बंगाल तक पहुंचता था।
वहां से मोबाइल दुकान या उसके पार्ट को अलग अलग कर बेच दिया जाता था। यात्री का मोबाइल चोरी करने के बाद गिरफ्तार आरोपितों तक पहुंचाने वाले बदमाशों को तय रकम दिया जाता था। चाहें वह मोबाइल किसी कंपनी का हो। जबकि गिरोह को मोटी रकम दी जाती थी, जब मोबाइल पश्चिम बंगाल के गिरोह तक पहुंचता था।
इनकी हुई गिरफ्तारी
आरोपितों की पहचान मोकामा निवासी राहुल कुमार उर्फ राजा, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के काली टोला निवासी मंगल सिंह, सीतामढ़ी के मो. अमजद, बख्तियारपुर के मिथुन लाल, बेगुसराय के छोटू दास, दरभंगा के हिफाजत करीम, सीगोड़ी के अमित कुमार, गया निवासी अमीष पांडेय और सीतामढ़ी निवासी रूपेश कुमार यादव के रूप में हुई है।
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